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Chaipatti: आधी रात को चाय-पत्ती मांगने कौन आता है? जवाब के लिए देखिए हॉरर-कॉमेडी शॉर्ट फ़िल्म 'चाय-पत्ती'

चाय-पत्ती की कहानी स्क्रीनप्ले और डायलॉग सुधांशु रॉय और पुनीत शर्मा ने लिखे हैं। अनंत राय क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं। सुधांंशु के दोस्तों के रोल में अभिषेक सोनपालिया और शोभित सुजय हैं। एक्ट्रेस प्रियंका सरकार की आवाज़ का प्रयोग हॉरर बढ़ाने के लिए किया गया है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 08:12 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 08:20 AM (IST)
Chaipatti: आधी रात को चाय-पत्ती मांगने कौन आता है? जवाब के लिए देखिए हॉरर-कॉमेडी शॉर्ट फ़िल्म 'चाय-पत्ती'
Chaipatti cast and crew. Photo- Production team

मनोज वशिष्ठ, जेएनएन। होली के वीकेंड में आपकी थोड़ा डराने और थोड़ा गुदगुदाने एक शॉर्ट फ़िल्म 'चाय-पत्ती' आ रही है। 28 मार्च को लेखक-निर्देशक सुधांशु रॉय के यू-ट्यूब चैनल पर रिलीज़ हो रही फ़िल्म जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी स्ट्रीम होने वाली है। सुधांधु ने जागरण डॉट कॉम को बताया कि बातचीत अंतिम दौर में है और एक-दो हफ़्तों में पुष्टि हो जाएगी। सुधांशु कहते हैं कि पैनडेमिक के दौरान घरों में बंद लोगों के मनोरंजन के लिए 'चाय-पत्ती' बनायी है। सब जगह डिप्रेशन का माहौल है। ऐसे में 10 मिनट के लिए उन्हें बहुत मज़ा आने वाला है।

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मनोरंजन के लिए हॉरर-थ्रिलर ही क्यों?

इस बारे में सुधांशु ने कहा- ''भारतीय सिनेमा में हॉरर कॉमेडी और हॉरर दोनों को ज़्यादा एक्सप्लोर नहीं किया गया है। हमें अपनी स्टोरीज़ से जो फीडबैक मिला, उससे लगा कि हॉरर कॉमेडी परफेक्ट रहेगी।'' बताते चलें, सुधांशु एफएम चैनलों का जाना-पहचाना नाम हैं। मुख्य रूप से उन्हें जासूसी कहानियां सुनाने का शौक़ है और एक मशहूर एफएम चैनल पर उन्होंने अपने जासूसी किरदार बुमराह को लेकर कहानियों का एक सीज़न किया है। इसके अलावा अपने फेसबुक और यू-ट्यूब चैनल के ज़रिए सुधांशु जासूसी कहानियां कहते आये हैं।

सुधांशु बताते हैं कि वो बुमराह को बड़े पर्दे पर ले जाना चाहते हैं या वेब सीरीज़ के रूप में विकसित करने की योजना बना रहे हैं। मगर, बीच में लॉकडाउन की वजह से फ़िलहाल इस पर काम की गति शिथिल हो गयी है। इस बीच चाय पत्ती का कॉन्सेप्ट ज़हन में आ गया तो सोचा शॉर्ट फ़िल्म ही बना लें, ताकि प्रोडक्शन की प्रक्रिया सीखने की शुरुआत हो जाएगी। 

क्या है 'चाय-पत्ती' की विषय-वस्तु

'चाय-पत्ती' की विषय-वस्तु के बारे में सुधांशु ने बताया- ''हॉरर मैं लिखता रहा हूं। इस शॉर्ट फ़िल्म में तीन मुख्य किरदार हैं, जिनमें से एक किरदार कहानीकार ही है, जो मेरी तरह हॉरर कहानियां लिखता है। उसके दो दोस्त हैं, जो वहां पहुंचते हैं, जहां वो कहानियां लिखता है। वो उससे पूछते हैं, आप तो इतनी हॉरर कहानियां लिखते हैं, कभी भूत देखा है? कहानीकार बोलता है- देखा नहीं, लेकिन अनुभव किया है। नेगेटिव एनर्जी के रूप में।

एक किरदार थोड़ा शरारती। वो भूत बुलाने के लिए उकसाता है। दूसरा वाला, जो सीधा है, वो मना करता है। ओखली में सिर क्यों देना। आख़िरकार, तीनों 'भूत बुलाने की किताब' के ज़रिए भूत को बुलाने की कोशिश करते हैं। हास्य का भाव पैदा करने के लिए संवादों का इस्तेमाल किया गया है। मसलन, मंत्र आदि में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया है, ताकि हास्य का भाव पैदा हो सके। फिर कोई आता है और उनसे चाय पत्ती मांगता है। दोस्त मना करते हैं कि मत खोलो। जो शरारती दोस्त है, वो कहता है कि ऐसा कौन सा भूत है, जो दरवाज़ा खटखटाकर आता है। चिंता मत करो, यह कोई पड़ोसी होगा। फ़िल्म के क्लामैक्स में एक दिलचस्प मिस्ट्री है।''  

मोती बाग के बेसमेंट हुई शूट

दिलचस्प बात यह है कि शॉर्ट फ़िल्म की शूटिंग दिल्ली के मोती बाग इलाक़े में ही एक घर में की गयी है। इस बारे में सुधांशु ने बताया- ''पैनडेमिक की वजह से सबसे बड़ा चैलैंज लोकेशन था। कुछ जगह हमने देखीं। होटल और फार्म हाउस भी देखे। कुछ मिले नहीं, जो मिले रहे थे वहां पेचीदगियां बहुत थीं। फिर हमने तय किया कि लोकेशन पर अधिक फोकस ना करके निर्देशन के साथ खेलना होगा।

अगर हम 10 मिनट की फ़िल्म बना रहे हैं तो हमें वार्तालाप पर आधारित रखना होगा, ताकि लोकेशन प्राथमिकता ना रहे। हमारे निर्माता पुनीत शर्मा का मोती बाग में घर है। उनका बेसमेंट बिल्कुल वैसा है, जैसा हमें चाहिए था। वहां अंधेरा भी है। वहां आर्ट डायरेक्शन भी करवा सकते थे। लाइटिंग का असर भी अच्छा था। कैमरा क्रू किराये पर लेकर हमने 6 मार्च को शूट किया है।''

 

हॉरर-कॉमेडी जॉनर से अपने लगाव को लेकर सुधांशु ने कहा- ''यह एक ऐसा जॉनर है, जिससे ज़रा भी भटके तो वो प्रोडक्ट बिगड़ जाता है। सही मायनों में हॉरर कॉमेडी का ट्रेंड अब शुरू हुआ है और वो इस ट्रेंड को मिस नहीं करना चाहते।''

ओटीटी ने बदल दिया नज़ारा

वेब सीरीज़ के लिए प्रयासरत सुधांशु ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को नवोदित रचनाकारों के लिए एक वरदान मानते हैं। सुधांशु कहते हैं- ''अगर नया लेखक या कलाकार पारम्परिक सिनेमा के साथ जाना चाहेगा, तो उसके लिए सबसे चैलेंज होता है, उस प्रोसेस से गुज़रना। पहले निर्माता और फिर रिलीज़ के लिए वितरक ढूंढना। अगर फ़िल्म बना ली और आपके सामने कोई बड़ा कलाकार आ रहा है तो भूल जाइए आपको स्पेस मिलेगा। आप कितने भी टैलेंडेट हों, आप इस चेन में फंस जाते थे। लेकिनस अब वो परिदृश्य बदल चुका है। आप कंटेंट बनाइए और किसी प्लेटफॉर्म पर उतार दीजिए। चैलेंज कम हो गया है।''

'चाय-पत्ती' की कहानी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग सुधांशु रॉय और पुनीत शर्मा ने लिखे हैं। अनंत राय क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं। सुधांंशु के दोस्तों के रोल में अभिषेक सोनपालिया और शोभित सुजय हैं। एक्ट्रेस प्रियंका सरकार की आवाज़ का प्रयोग हॉरर बढ़ाने के लिए किया गया है। 


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