Move to Jagran APP

Bard Of Blood Review: अच्छी एक्टिंग के साथ औसत कहानी, कुछ ऐसी है इमरान हाशमी की यह वेब सीरीज़

Bard Of Blood Review वेब सीरीज़ के कई किरदारों ने शानदार एक्टिंग की है जबकि इसकी काहनी उस दर्जे की नहीं हैं। जानते हैं इसमें क्या खूबी हैं?

By Rajat SinghEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 03:47 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 04:36 PM (IST)
Bard Of Blood Review: अच्छी एक्टिंग के साथ औसत कहानी, कुछ ऐसी है इमरान हाशमी की यह वेब सीरीज़
Bard Of Blood Review: अच्छी एक्टिंग के साथ औसत कहानी, कुछ ऐसी है इमरान हाशमी की यह वेब सीरीज़

रजत सिंह, जेएनएन। Bard Of Blood Review: इमरान हाशमी स्टारर 'बार्ड ऑफ़ ब्लड' शुक्रवार (27 सितंबर) को रिलीज़ हो गई।  शाह रुख़ ख़ान के प्रोडक्शन के तले आई इस वेब सीरीज़ से इमरान हाशमी ने अपना डिजिटल डेब्यू किया है। इस वेब सीरीज़ में कुल 7 एपिसोड हैं, जिनमें हर एपिसोड लगभग 45 मिनट का है। बिलाल सिद्दकी की इस नाम के नॉवल पर आधिरित यह एक स्पाई सीरीज़ है, जिसे कुछ-कुछ जेम्स बॉन्ड स्टाइल में बनाया गया है। इस सीरीज़ में थ्रिलर, सस्पेंस और एक्शन की भरपूर डोज़ है।

loksabha election banner

सीरीज़ की कहानी एक स्पेशल जासूस कबीर आनंद की ज़िदंगी पर बुनी गई है। कबीर आनंद का किरदार इमरान हाशमी ने निभाया है। कबीर इंडियन इंटेलिजेंस विंग (IIW) से निकाला गया एजेंट है, जो अब कॉलेज में इंग्लिश लिट्रेचर पढ़ता है। इस बीच पाकिस्तान के बलूचिस्तान में चार भारतीय जासूस 'तालिबान' की गिरफ़्त में आ जाते हैं। उन्हें छुड़ाने के लिए जासूसों के मेन हैंडलर सादिक़ शेख़ (रजित कपूर) एक बार फिर कबीर आनंद को अप्रोच करते हैं। कबीर बलूचिस्तान जाने को तैयार होता, इससे पहले सादिक़ की मौत हो जाती है।  इस मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए दो और जाजूस के साथ वह एक सीक्रेट ऑपरेशन का अंजाम देता है।

सीरीज़ की शुरूआत काफी स्लो है। हालांकि, जैसे एपिसोड आगे बढ़ते हैं, रोमांच बढ़ने लगता है। बीच के कुछ एपिसोड भी स्लो हो जाते हैं। आखिरी तक देखने के लिए धैर्य की आवश्कता है। कहानी को और बेहतरीन तरीके से कसा जा सकता है। इसमें कई लूप होल है। हालांकि, ये कमियां काफी ध्यान से देखने पर नज़र आती हैं। मुख्य किरदार कबीर को सुपर हीरो बनने से बचाने की कोशिश की गई है। वहीं, कुछ ऐसे सीन हैं, जो सोचने पर मजूबर करते हैं। जैसे कि तीन लोग मिलकर बड़ी आसानी से तेल पाइपलाइन उड़ा देते हैं। ख़ास बात यह है कि इसमें बलूचिस्तान की पॉलिटिक्स को काफी हद दिखाने की कोशिश की गई है।

इस वेब सीरीज़ में भी स्पाई की निजी ज़िदंगी को छूने की कोशिश की गई है, लेकिन उसे कुछ दृश्यों में समेट दिया गया है। हालांकि, आखिरी में लगता है कि अगले सीज़न में इसके बारे में कुछ और डिटेल देखने को मिलेंगी।  हिस्से को वेब सीरीज़ के ट्रेलर में भी नहीं दिखाया गया है।

एक्टिंग की बात की जाए, तो मुक्काबाज़ फेम विनीत कुमार (वीर) ने किरदार की सीमाओं में रहते हुए बेहतरीन काम किया है। वहीं, शोभिता धुलिपाला (ईशा खन्ना) की एक्टिंग औसत नज़र आई है। जबकि इससे पहले आई वेब सीरीज़ मेड इन हेवन में उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ हुई थी। इसके अलावा जयदीप अहलावात ( शहज़ाद तनवीर) बतौर विलेन शानदार काम किया है। कृति कुल्हरी (जन्नत) स्क्रीन पर काफी देर से नज़र आती हैं, लेकिन आते ही छा जाती हैं। इन सबके अलावा इमरान हाशमी ने ठीकठाक काम किया है। रोमांटिक किरदार से हट कर ऐसी वेब सीरीज़ उनके करियर के लिए अहम साबित हो सकती है।

यह एक्शन वेब सीरीज़ है। वेब सीरीज़ का एक्शन काफी हद तक सही है। ज्यादातर समय इसे काफी रियलिस्टक रखने की कोशिश की गई है, लेकिन कहीं-कहीं वेब सीरीज़ पर हिंदी सिनेमा के पारम्परिक दृश्यों की छाप महसूस होती है। ख़ासकर, वो सीन, जिसमें हीरो बंदूक फेंक कर विलेन के साथ हाथपाई करने लगता है। स्पाई कहानियों में इस तरह के दृश्या हास्यास्पद लगते हैं। कुल मिलाकर यह एक औसत वेब सीरीज़ है, जो एंटरटेन करती है, जो आपके साथ नहीं रहती। एक बार देखी जा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.