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आयुष्मान खुराना का भावुक नोट, 'वो तो फ़िल्म थी, वरना मेरी क्या मजाल अमिताभ बच्चन के सामने कुछ बोल पाऊं'

अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘गुलाबो-सिताबो’ आज अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हो गई है।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 03:24 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 03:29 PM (IST)
आयुष्मान खुराना का भावुक नोट, 'वो तो फ़िल्म थी, वरना मेरी क्या मजाल अमिताभ बच्चन के सामने कुछ बोल पाऊं'
आयुष्मान खुराना का भावुक नोट, 'वो तो फ़िल्म थी, वरना मेरी क्या मजाल अमिताभ बच्चन के सामने कुछ बोल पाऊं'

नई दिल्ली, जेएनएन। अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘गुलाबो-सिताबो’ आज अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हो गई है। फिल्म को लेकर पिछले कई दिनों से काफी बज़ बना हुआ था। सोशल मीडिया पर इसकी काफी चर्चा हो रही थी। इसके चर्चा होने की दो वजह थीं पहली तो ये कि फिल्म सिनेमाघरों में नहीं बल्कि अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हो रही है। दूसरी ये कि अमिताभ और आयुष्मान किसी फिल्म में पहली बार काम कर रहे हैं। दोनों को साथ देखने के लिए फैंस काफी एक्साइटेड है।

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फिल्म रिलीज़ होने के बाद आयुष्मान खुराना ने भी अपने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने अमिताभ के साथ काम करने का एक्सपीरियंस बताया है। आयुष्मान ने इस पोस्ट में गुलाबो-सिताबो की शूटिंग के दौरान की एक फोटो शेयर की है जिसके साथ लिखा है, ‘जब भी हमारे देश में कोई नौजवान अभिनय के क्षेत्र में कदम रखना चाहता है तो उसका ध्येय होता है अमिताभ बच्चन। मेरी आख़िरी फ़िल्म में एक Dialogue था कि बच्चन बनते नहीं है, बच्चन तो बस होते हैं। जब मैंने बचपन में चंडीगढ़ के नीलम सिनमा में “हम” देखी थी और बढ़े से बच्चन को बढ़े से पर्दे पर देखा था, तो शरीर में ऐसी ऊर्जा उत्पन्न हुई जिसने मुझे अभिनेता बनने पर मजबूर कर दिया।

'मेरा पहला TV शूट मुकेश मिल्ज़ में हुआ था और यही वो जगह थी जहां ‘जुम्मा चुम्मा दे दे’ शूट हुआ था। उस दिन मुझे I have arrived वाली फालिंग आ गयी थी। अगर तब यह हाल था तो आज आप सोच सकते होंगे मैं किस अनुभूति से गुज़र रहा होऊंगा। ‘गुलाबो सिताबो’ में मेरे सामने बतौर ‘सह’ कलाकार यह हस्ती खड़ी थी और किरदारों की प्रवृति ऐसी थी की हमें एक दूसरे को बहुत ‘सहना’ पड़ा। वैसे असल में मेरी क्या मजाल की मैं उनके सामने कुछ बोल पाऊं। इस विसमयकारी अनुभव के लिए मैं शूजित दा का धन्यवाद करना चाहूंगा की उन्होंने मुझे अमिताभ बच्चन जैसे महानायक के साथ एक फ़्रेम में दिखाया है। दादा आप मेरे गुरू हैं, आपका हाथ थाम कर यहाँ तक पहुँचा हूँ। “सौ जन्म क़ुर्बान यह जन्म पाने के लिए, ज़िंदगी ने दिए मौक़े हज़ार हुनर दिखाने के लिए।” -आयुष्मान 🙏🏻 Catch #GiboSiboOnPrime today!

 
 
 
 
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जब भी हमारे देश में कोई नौजवान अभिनय के क्षेत्र में कदम रखना चाहता है तो उसका ध्येय होता है अमिताभ बच्चन। मेरी आख़िरी फ़िल्म में एक dialogue था कि बच्चन बनते नहीं है, बच्चन तो बस होते हैं। जब मैंने बचपन में चंडीगढ़ के नीलम सिनमा में “हम” देखी थी और बढ़े से बच्चन को बढ़े से पर्दे पर देखा था तो शरीर में ऐसी ऊर्जा उत्पन्न हुई जिसने मुझे अभिनेता बनने पर मजबूर कर दिया। मेरा पहला tv शूट मुकेश मिल्ज़ में हुआ था और यही वो जगह थी जहां जुम्मा चुम्मा दे दे शूट हुआ था। उस दिन मुझे I have arrived वाली feeling आ गयी थी। अगर तब यह हाल था तो आज आप सोच सकते होंगे मैं किस अनुभूति से गुज़र रहा होऊँगा। गुलाबो सिताबो में मेरे सामने बतौर ‘सह’ कलाकार यह हस्ती खड़ी थी और किरदारों की प्रवृति ऐसी थी की हमें एक दूसरे को बहुत ‘सहना’ पड़ा। वैसे असल में मेरी क्या मजाल की मैं उनके सामने कुछ बोल पाऊँ। इस विसमयकारी अनुभव के लिए मैं शूजित दा का धन्यवाद करना चाहूँगा की उन्होंने मुझे अमिताभ बच्चन जैसे महानायक के साथ एक फ़्रेम में दिखाया है। दादा आप मेरे गुरू हैं, आपका हाथ थाम कर यहाँ तक पहुँचा हूँ। “सौ जन्म क़ुर्बान यह जन्म पाने के लिए, ज़िंदगी ने दिए मौक़े हज़ार हुनर दिखाने के लिए।” -आयुष्मान 🙏🏻 Catch #GiboSiboOnPrime today!

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