ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ हो रही फ़िल्मों को लेकर बोले अभय देओल, 'अनिश्चितता के भरोसे नहीं छोड़ सकते'
बॉलीवुड एक्टर अभय देओल का मानना है कि विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के आने से इंडिपेंडेंट फिल्मकारों के लिए अवसर बढ़े हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव के लिए इस वक्त देश में लॉकडाउन लागू है। मार्च से शुरू हुए, इस लॉकडाउन से पहले से थिएटर्स बंद कर दिए गए हैं। सिनेमाघरों के बंद होने का फायदा सीधा ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को मिला है। कम बज़ट की फ़िल्में इस वक्त इन ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स का रुख कर रही हैं। इस बीच अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फ़िल्म भी 12 जून को अमेज़न पर रिलीज़ होने वाली है। हालांकि, इस फ़िल्म का निर्माण पहले थिएटर्स में रिलीज़ के लिए हुआ था। इन सभी मुद्दों पर बॉलीवुड एक्टर अभय देओल का मानना है कि विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के आने से इंडिपेंडेंट फिल्मकारों के लिए अवसर बढ़े हैं।
अभय देओल ने सोशल मीडिया पर लाइव बातचीत के दौरान कहा कि लॉकडाउन के बाद परिस्थितियां सामान्य होने पर सिनेमाघरों में फ़िल्में रिलीज करने के लिए बड़ी प्रतिस्पर्धा होने वाली है, लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फ़िल्मों के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होती। यहां हर बड़ी-छोटी फ़िल्म की मार्केटिंग एक जैसी की जाती है। सभी फ़िल्मकारों को एक समान मौका मिलता है।
अभय मौजूदा दौर में फ़िल्मों को सीधे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि निर्माताओं को यह नहीं पता कि सिनेमाघरों में उनकी फ़िल्म कब और कैसे रिलीज होगी। ऐसे में सिनेमाघर किसी निर्माता को सिर्फ अनिश्चितता के भरोसे अपनी फ़िल्म रिलीज करने से नहीं रोक सकते। विशेषकर जब उनके पास फ़िल्में रिलीज करने का दूसरा विकल्प हो। निर्माताओं को आर्थिक तंगी से बचने के लिए अपनी फ़िल्में मनचाहे प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
अभय हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म 'व्हाट आर द ऑड्स' में नजर आए हैं। इसके अलावा वह लगातार डिजिटल फ़िल्मों का हिस्सा बन रहे हैं। इससे पहले वह चॉपस्टिक्स में नज़र आए थे। इसमें उनकी काफी तारीफ हुई थी।