देखते हैं कितनी तेज है आपकी याददाश्त, क्या 90 के दशक के बच्चों को याद है ये 7 लोकप्रिय शोज
90 के दशक में टीवी पर कई बेहतरीन शोज आए जिनके बारे में सोचकर आज भी लोगों के चेहरे खिल उठते हैं। शक्तिमान से लेकर शाकालाका बूम बूम जैसे शोज ने जहां बच्चों को जादुई दुनिया में यकीन दिलाया वहीं किसी शो में लोगों को खूब हंसाया। अगर आप भी 90 के दशक वाले बच्चे हैं तो चलिए देखते हैं कि आपको आज भी ये शो याद हैं या नहीं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 90 का दौर की बात ही कुछ अलग है। फिल्मी गाने हो या फिल्म, हर चीज बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ कुछ न कुछ सीख छोड़कर जाती थी। शक्तिमान से लेकर महाभारत और रामायण सहित 90 के दशक में कई ऐसे टेलीविजन शो आए, जिनको देखने के लिए घंटों-घंटों लोग टेलीविजन से चिपककर बैठे रहते थे, ताकि एक भी एपिसोड उनसे मिस न हो जाए।
आज के समय में बॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार्स भले ही टीवी पर काम करने से कतराने लगे हों, लेकिन 90 के दौर में कादर खान से लेकर पंकज कपूर और फरीदा जलाल जैसे दिग्गज सितारों ने टीवी पर खूब काम किया।
अगर आप 90 के बच्चे हैं, तो आज आपका एक मेमोरी टेस्ट लेते हैं, देखते हैं कि क्या आपको 90 के दशक के आसपास प्रसारित हुए ये शोज और इनके कलाकार याद हैं या नहीं।
तू-तू, मैं-मैं
सास-बहू की नोंक-झोक काफी समय से चली आ रही है और टीवी पर भी सास बहू की तू-तू, मैं-मैं को बड़ी ही बखूबी से शोज में उतारा गया। साल 1994 में एक शो टेलीविजन पर आया करता था, जिसमें रीमा लागू ने सास और सुप्रिया पिलगांवकर ने बहू का रोल अदा किया था और दोनों एक-दूसरे पर तंज कसने से बाज नहीं आती थीं।
देख भाई देख
90 में ऑनएयर होने वाले शोज की सबसे अच्छी बात ये थी कि शो देखते हुए पूरे परिवार को एक साथ समय बिताने का पूरा-पूरा मौका मिलता था। न तो कोई रोमांटिक सीन देखकर बच्चों को माता-पिता से आंख चुरानी पड़ती थी और न ही वह असहज होते थे।
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ऐसा ही एक शो आया था साल 1993 में देख भाई देख, जिसमें फरीदा जलाल, शेखर सुमन, नवीन निश्चल, उर्वशी ढोलकिया, भावना बलसावर, डेजी ईरानी, सतीश शाह जैसे बहुप्रतिभशाली एक्टर्स ने काम किया था। इस शो में सभी की कॉमिक टाइमिंग इतनी कमाल की थी की बस हंसते-हंसते लोगों के पेट में दर्द हो जाता था।
बनेगी अपनी बात
कहते हैं फिल्में और शोज हमारी जिंदगी का आईना होती हैं। आज के दौर में रोमांस का मतलब भले ही बदल चुका हो, लेकिन 90 के दौर में टीवी शोज में कुछ इस कदर कॉलेज रोमांस दिखाया जाता था, जिससे साथ बैठे लोगों को भी असहज महसूस नहीं होता था। ऐसा ही एक शो 1993 में आया था 'बनेगी अपनी बात', जिसमें आर माधवन और इरफान खान मुख्य भूमिका में थे। उस समय पर ये शो कॉलेज के बच्चों द्वारा काफी पसंद किया जाता था।
श्रीमान श्रीमती
90 के दशक में अच्छी बात ये थी कि कभी भी निर्माता एक ही दिशा फॉलो नहीं करते थे। हर निर्देशक-निर्माता अपने शो के माध्यम से दर्शकों को अलग-अलग तरह के शोज परोसते थे। सास-बहू के ड्रामे के अलावा टीवी शो श्रीमान-श्रीमती में पति और पत्नी की नोक-झोक को भी काफी अच्छी तरह से छोटे पर्दे पर उतारा गया था।
इस शो ने लोगों को खूब हंसाया था। ये शो 1994 में आया था। शो में रीमा लागू, अर्चना पूरन सिंह और जतिन कनाकिया जैसे कलाकार नजर आए थे।
हम पांच
बहनों की कहानी तो हम टीवी पर कई बार देखते हैं, लेकिन उसमें अक्सर टकराव और प्यार देखने को मिलता है। हालांकि, 1995 में जीटीवी पर एक ऐसा शो आया था, जिसने दिखाया कि बहनें असल जिंदगी में कैसी होती हैं। पांच अलग-अलग स्वभाव की बेटियों और एक पिता की थोड़ी खट्टी थोड़ी मीठी से ये पारिवारिक कहानी को 90 के दशक के बच्चे आज भी नहीं भूल सकते।
राजा और रैंचो
90 के दशक के बच्चों के जो पर्सनल फेवरेट शोज थे, वह थे दूर्दाशन के। 'राजा और रैंचो' भी उन्हीं में से एक शो था, जो साल 1997 में टेलीविजन पर ऑनएयर होता था। एक इंसान और एक बंदर की दोस्ती कैसे बड़े-बड़े अपनी जासूसी दिखाकर सुलझा लेती थी, ये शो में दिखाया गया है। शक्तिमान की तरह ही ये शो भी बच्चों के सबसे पसंदीदा शोज में से एक था।
फिल्मी चक्कर
साराभाई वर्सेज साराभाई में सतीश शाह और रत्ना पाठक शाह की जोड़ी को काफी पसंद किया गया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों ने साल 1996 में टीवी शो फिल्मी चक्कर में साथ काम किया था, ये एक ऐसे परिवार की कहानी थी, जिनका आपस में एक-दूसरे से बहुत लगाव था।
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