नेतागिरी पुरानी है
अंजन श्रीवास्तव टीवी, रंगमंच और फिल्मों की चर्चित शख्सियत हैं। 'वाघले की दुनिया' में उन्होंने भ्रष्टाचार से त्रस्त आम आदमी की कहानी बयां की थी। अब वह अपनी फिल्म 'वेक अप इंडिया' से करप्शन की मूल वजहों में से एक नेताओं के चाल-चलन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अंजन
मुंबई। अंजन श्रीवास्तव टीवी, रंगमंच और फिल्मों की चर्चित शख्सियत हैं। 'वाघले की दुनिया' में उन्होंने भ्रष्टाचार से त्रस्त आम आदमी की कहानी बयां की थी। अब वह अपनी फिल्म 'वेक अप इंडिया' से करप्शन की मूल वजहों में से एक नेताओं के चाल-चलन पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
अंजन कहते हैं, 'मैंने अपने कॅरियर में 175 फिल्में की हैं। उनमें तकरीबन 15 फिल्मों में मैंने पॉलिटिशियन का किरदार निभाया है। फिल्मों के अलावा मैंने एम.एस.सथ्यू के मशहूर प्ले 'बकरी' में हिंदुस्तान के सभी प्रधानमंत्रियों की भूमिका निभाई थी। एक बार फिर मुझे 'वेक अप इंडिया' में राजनेता अभय सिंह तोमर का रोल प्ले करने का मौका मिला है। अभय एक राज्य का सीएम है। उसके हाव-भाव और बोलचाल का लहजा अटल बिहारी बाजपेयी की तरह रखा गया है। वह साफ-सुथरी छवि वालान् है। अचानक उस पर एक सोशल वर्कर रेप करने का आरोप लगा देती है। चूंकि अभय मुख्यमंत्री है, इसलिए पुलिस उसे कुछ नहीं करती। यहां तक कि एफआईआर दर्ज करने से भी मना कर देती है।'
वह आगे कहते हैं, 'अभय के जरिए मैंने नेताओं के चाल-चलन और पॉवर पॉलिटिक्स पर सवाल खड़ा किया है। यह बताने की कोशिश की है कि हमारे देश में कानून सिर्फ आम लोगों के लिए है, वह ताकतवर लोगों पर लागू नहीं होता। फिल्म को बबलू शेषाद्रि ने डायरेक्ट किया है, जो महेश भट्ट के असिस्टेंट रह चुके हैं। करप्शन की वजहों को खंगालती इस फिल्म के जरिए हमने देश में बढ़ती क्षेत्रीय पार्टियों के खामियाजे पर प्रकाश डाला है। क्षेत्रीय पार्टियां करप्शन बढ़ाती हैं, पर हिंदुस्तान में उलटा हो रहा है। यहां दिनोदिन क्षेत्रीय पार्टियों की तादाद बढ़ रही है। उस पर अंकुश नहीं लगा तो देश की राजनीति के लिए घातक हो सकता है।'
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