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फ़िल्म समीक्षा: हंसी और ठहाकों के बीच एक स्ट्रांग मैसेज देती 'शुभ मंगल सावधान' (चार स्टार)

कई जगह मेटाफ़र का इस्तेमाल बड़ी ही खूबसूरती से किया गया है..

By Hirendra JEdited By: Published: Fri, 01 Sep 2017 01:39 PM (IST)Updated: Sat, 02 Sep 2017 07:42 AM (IST)
फ़िल्म समीक्षा: हंसी और ठहाकों के बीच एक स्ट्रांग मैसेज देती 'शुभ मंगल सावधान' (चार स्टार)
फ़िल्म समीक्षा: हंसी और ठहाकों के बीच एक स्ट्रांग मैसेज देती 'शुभ मंगल सावधान' (चार स्टार)

- पराग छापेकर

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मुख्य कलाकार: आयुष्मान खुराना, भूमि पेडनेकर, नीरज सूद आदि।

निर्देशक: आर एस प्रसन्ना

निर्माता: इरोज़ इंटरनेश्नल

निर्देशक आर एस प्रसन्ना की फ़िल्म 'शुभ, मंगल, सावधान' कहानी है दिल्ली में रहने वाले एक मध्यमवर्गीय युवा जोड़े मुदित (आयुष्मान खुराना) और सुगंधा( भूमि पेडनेकर) की। इन दोनों के बीच प्यार होता है जो अरेंज मैरिज में बदलता है जिसे प्यार में बदलने की कोशिश की जाती है। सगाई और शादी के बीच मुदित और सुगंधा करीब आ जाते हैं ऐसे में आसपास के माहौल के चलते मुदित इरेक्टाइल डिसफंक्शन का शिकार हो जाता है।

समस्या बढ़ती चली जाती है। शादी का दिन नजदीक आने लगता है। मुदित और सुगंधा दोनों ही परेशान है कि आखिर यह जेंट्स प्रॉब्लम है क्या? स्ट्रेस की वजह से आई छोटी सी समस्या का पहाड़ बना दिया जाता है! यह ऐसी समस्या है इंसान अपने दोस्तों से भी शेयर नहीं कर सकता, इसलिए मुदित और परेशान है। लेकिन, अपने दोस्तों को वह बताता है। और इसके बाद शुरू होता है नीम हकीम, बंगाली बाबा फर्जी डॉक्टर के यहां चक्कर लगाने का सिलसिला। लेकिन, इन सबसे हासिल कुछ नहीं होता और शादी का दिन करीब आ जाता है!

ऐसे में यह चर्चा सारे बारातियों तक पहुंचती है और इसके मजे भी लिए जाते हैं आखिरकार एक वेटरनरी डॉक्टर बताता है की ये सिर्फ स्ट्रेस की वजह से हो रहा है। मुदित और सुगंधा किसी में कोई कमी नहीं! इसी गंभीर मुद्दे पर स्वस्थ्य कॉमेडी ट्रीटमेंट के साथ प्रसन्ना ने एक रोचक फ़िल्म बनाई है! 'शुभ मंगल सावधान' पूरी तरह से मनोरंजक और जिम्मेदार फ़िल्म है।

इस विषय पर फ़िल्म बनाने में अश्लील होने का खतरा पूरा-पूरा था। लेकिन, राइटर्स ने इस फ़िल्म को बहुत ही खूबसूरती से लिखा है। कहीं भी अश्लीलता नज़र नहीं आती, यह वाकई तारीफ के काबिल है। कई जगह मेटाफ़र का इस्तेमाल बड़ी ही खूबसूरती से किया गया है- मसलन चाय में बिस्कुट डूबाना और उसका टूट जाना या फिर टीवी पर रॉकेट का प्रक्षेपण आदि।

अभिनय की बात की जाए तो आयुष्मान खुराना को अपना सुर मिल गया है और वह फ़िल्म दर फिल्म एक नई ऊंचाइयां छू रहे हैं! भूमि पेडनेकर ने भी शानदार अभिनय किया है। निर्देशक प्रसन्ना की खासियत यह है उन्होंने हर छोटे-बड़े रोल में एक समर्थ अभिनेता को ही लिया है। भूमि के पिता के रोल में नीरज सूद ने अपने किरदार को भरपूर जिया जबकि सीमा ने उनका साथ दिया। आयुष्मान के पिता के रूप में चितरंजन त्रिपाठी और चाचा बृजेश काला भी छाए रहे।

'शुभ मंगल सावधान' अपने हर विभाग में एक संपूर्णता लिए हुए है। क्लाइमेक्स के अलावा फ़िल्म में कोई मतभेद नजर नहीं आता। कुल मिलाकर प्रसन्ना ने एक स्वास्थ्य मनोरंजक कॉमेडी फ़िल्म बनाई है जो एक संदेश लिए हुए है! यह फ़िल्म आपको गुदगुदाएगी, हंसाएगी और सोचने पर मजबूर भी करेगी!

जागरण डॉट कॉम रेटिंग: 5 में से 4 (चार) स्टार

अवधि: 1 घंटा 59 मिनट


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