Movie Review: Fukrey Returns की कमजोर कहानी दिल तोड़ देती है (दो स्टार)
सभी एक्टर्स अपने-अपने हिसाब से किरदार जीने की कोशिश करते हैं। मगर कमजोर कहानी ने सब पर पानी फेर दिया है!
- पराग छापेकर
मुख्य कलाकार: पुलकित सम्राट, रिचा चड्ढा, अली फजल, मनजोत सिंह, वरुण शर्मा, पंकज त्रिपाठी आदि
निर्देशक: मृगदीप सिंह लांबा
निर्माता: एक्सेल एंटरटेनमेंट
जब भी फ़िल्मों में भटके हुए युवाओं की बात की जाती है तो जैसा कि इस उम्र का तकाजा है कि कुछ मूर्खतापूर्ण और कुछ जरूरत से ज्यादा स्मार्ट किरदार गढ़े जाते हैं। एक ऐसी ही फ़िल्म है- 'फुकरे रिटर्न्स'।
साल 2013 में आई 'फुकरे' एक हिट फ़िल्मों में से रही थी तो जाहिर तौर पर निर्माताओं ने उसका सीक्वल बनाने की सोची, इसमें कुछ गलत भी नहीं। मगर, फरहान अख्तर का नाम निर्माता के रूप में हो तो कहीं ना कहीं आपको एक आश्वासन मिलता है कि अच्छा सिनेमा देखने जा रहे हैं मगर, ऐसा हुआ नहीं!
'फुकरे रिटर्न्स' की कहानी 'फुकरे' की ही तरह चार दोस्तों की कहानी है। मनजोत सिंह, पुलकित सम्राट, वरुण शर्मा और अली फजल। जिन्होंने फुकरे में भोली पंजाबन याने रिचा चड्ढा को जेल भिजवाया था। भोली जेल से बाहर आकर इन चारों को इकट्ठा करती है और नए फ्रॉड के लिए मजबूर करती है। कैसे यह चारों इस जाल में फंसते हैं और निकलते हैं, इसी कहानी पर बनी है 'फुकरे रिटर्न्स'।
निर्देशक मृगदीप सिंह इंटरवल तक तो फ़िल्म बहुत अच्छे से ले जाते हैं मगर, इंटरवल के बाद फ़िल्म उनके काबू से बाहर निकल जाती है। घिसे-पिटे संवाद और सिचुएशनल कॉमेडी, रीपिटेशन दृश्य को बोझिल बना देता है।
अभिनय की बात की जाए तो पंकज त्रिपाठी ने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है। रिचा चड्ढा अपने किरदार में जंची हैं। चारों ही एक्टर्स अपने-अपने हिसाब से किरदार जीने की कोशिश करते हैं। मगर कमजोर कहानी ने सब पर पानी फेर दिया है!
बॉक्स ऑफिस पर पिछले 3 हफ्ते से सूखा पड़ा हुआ है। दर्शकों के पास विकल्प का अभाव है, ऐसे में 'फुकरे रिटर्न्स' बिजनेस तो कर जाएगी मगर, 'फुकरे' की तरह अपने नामो-निशान छोड़ने में कामयाब नहीं होगी। कुल मिलाकर 'फुकरे रिटर्न्स' एक औसत फ़िल्म है जिसे टाला भी जा सकता है।
जागरण डॉट कॉम रेटिंग: 5 में से 2 (दो) स्टार
अवधि: 2 घंटा 15 मिनट