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Movie Review: 'अंधाधुन' की धुन में हो जाएंगे गुम, बेहतरीन सस्पेंस थ्रिलर

फिल्म अंधाधुन को सपरिवार देखा जा सकता है। इसमें आयुष्मान खुराना की जबरदस्त परफॉर्मेंस नजर आती है।

By Rahul soniEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 02:21 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 04:01 PM (IST)
Movie Review: 'अंधाधुन' की धुन में हो जाएंगे गुम, बेहतरीन सस्पेंस थ्रिलर
Movie Review: 'अंधाधुन' की धुन में हो जाएंगे गुम, बेहतरीन सस्पेंस थ्रिलर

- पराग छापेकर

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स्टार कास्ट: आयुष्मान खुराना, तब्बू, राधिका आप्टे, मानव विज, अनिल धवन, जाकिर हुसैन और अश्विनी कलसेकर

निर्देशक: श्रीराम राघवन

निर्माता: वायकॉम 18

सस्पेंस थ्रिलर बनाना और दर्शकों को आखरी तक बांधे रखना सबसे मुश्किल काम होता है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती होती है कि अगर दर्शक अनुमान लगाएं और वह सही निकल जाए तो फिल्म वहीं पर अपनी पकड़ छोड़ देती है। लेकिन एक समर्थ निर्देशक इस चीज का बखूबी ध्यान रखते हैं। श्रीराम राघवन हमेशा से ही सम्पूर्ण थ्रिलर बनाने में कामयाब रहे हैं। 'एक हसीना थी' हो या 'जॉनी गद्दार' या 'बदलापुर' वह हमेशा से ही अपनी स्क्रिप्ट पर पकड़ को बरकरार रखते हैं| अंधाधुन भी कुछ इसी तरह का शानदार सस्पेंस किलर है बिल्कुल 'अलफ्रेड हिक्चकॉक' की तरह। श्रीराम राघवन भी आपकी बुद्धिमत्ता को लगातार चुनौती देते नजर आते हैं। वह आपको विश्वास में लेते हैं, अनुमान लगाने पर विवश करते हैं और फिर जब आपको विश्वास हो जाता है तो वह कहानी को एक नया ट्विस्ट दे देते हैं। इस तरह वह लगातार आपको फिल्म के आखिर तक उलझा के रखते हैं।

फिल्म शुरू होती है एक पियानो बजाने वाले आकाश (आयुष्मान खुराना) से जो एक नेत्रहीन है। वह एक क्लब में पियानो बजाता है और वहां उसकी मुलाकात होती है गुजरे समय के सुपरस्टार अनिल धवन से जो उसे अपने घर पर प्राइवेट कॉन्सर्ट के लिए आमंत्रित करते हैं। दरअसल वह अपनी पत्नी सिमी (तब्बू) को शादी की सालगिरह पर सरप्राइज देना चाहता है। और जब आकाश वहां पर पहुंचता है उसके बाद वहां क्या-क्या होता है इसी ताने-बाने पर बुनी गई है अंधाधुन।

अभीनय की बात करें आयुष्मान खुराना का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है। इस फिल्म में वे अभिनय के सचिन तेंदुलकर बन कर लगातार चौके छक्के लगाते नजर आते हैं। तब्बू अलग ही फॉर्म में नजर आती हैं। राधिका आप्टे भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराती हैं। इसके अलावा मानव विज, अनिल धवन, जाकिर हुसैन और अश्विनी कलसेकर ने भी अपने-अपने किरदार को जिया है।

फिल्म का संगीत अपने आप में एक किरदार का काम करता है। इसमें अमित त्रिवेदी, रफतार और गिरीश सौ प्रतिशत खरे उतरते हैं। के यू मोहन की सिनेमैटोग्राफी लाजवाब है। पूजा लाडा सुरती की एडिटिंग कसी हुई है।  कुल मिलाकर अंधाधुन एक बेहतरीन फिल्म है जिसे आप सपरिवार देख सकते हैं। 

जागरण डॉट कॉम रेटिंग : पांच (5) में से चार (4) स्टार

अवधि : 2 घंटे 30 मिनट


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