Jawaani Jaaneman Movie Review: सैफ अली खान-अलाया ने लूट ली महफिल, पढ़ें क्या है कहानी
Jawani Jaaneman Movie Review इस हफ्ते रिलीज हुई फिल्म ‘जवानी जानेमन’ बाप-बेटी की रिश्ते पर तो है मगर इसका अंदाज अब तक की बनी सभी फिल्मों से बिल्कुल जुदा है।
पराग छापेकर, मुंबई। अशोक कुमार की फिल्म ‘आशीर्वाद’ से लेकर हाल ही में आई संजय दत्त की मराठी फिल्म ‘जनक’ वह फिल्में हैं जिनमें बाप-बेटी का रिश्ता संजीदा ढंग से फिल्माया गया है। बाप-बेटी का रिश्ता होता ही बहुत खूबसूरत है और इसीलिए दुनिया भर की फिल्म इंडस्ट्री में इस रिश्ते पर बनी फिल्में हमेशा यादगार रही हैं। मगर इस हफ्ते रिलीज हुई फिल्म ‘जवानी जानेमन’ बाप-बेटी की रिश्ते पर तो है, मगर इसका अंदाज अब तक की बनी सभी फिल्मों से बिल्कुल जुदा है।
यह कहानी है लंदन में रह रहे जस्सी यानी जैज़( सैफ अली खान )की, जिसकी जिंदगी का मकसद सिर्फ और सिर्फ अय्याशी है रातभर पार्टी उसी पार्टी में से किसी लड़की को घर लेकर आना जैज़ का रोज का नियम है। हालांकि उसकी उम्र शादी की उम्र से कहीं ज्यादा हो चुकी है। मगर वह जिम्मेदारी से बचना चाहता है इसलिए उसने अब तक शादी नहीं की और वह करना भी नहीं चाहता। एक दिन अचानक पार्टी में उसे टीया मिलती है और वह उस से कहती है कि शायद वह उसका बाप है और उसके लिए वह डीएनए टेस्ट करा ले। काफी मशक्कत के बाद जैज़ मान जाता है और रिपोर्ट में वही टिया का बाप निकलता है। उसके बाद क्या होता है इसी ताने-बाने पर बुनी गई है फिल्म जानेमन।
निर्देशक नितिन कक्कड़ ने इस कहानी को बहुत ही खूबसूरत ढंग से सुनहरे पर्दे पर उतारा है। बेवजह भावनाओं का तूफान ना करने की बजाय व्यावहारिकता और आज की प्रासंगिकता दोनों का ही ध्यान में रखा गया है। हर दृश्य पर उनकी पकड़ साफ नजर आती है। अभिनय की बात करें तो सैफ अली खान की जिंदगी में अब तक का सबसे रोचक किरदार शायद यही रहा होगा। इस रोल को निभाते हुए उन्हें काफी मानसिक उलझनों का सामना करना पड़ा होगा। जिसे उन्होंने बेहद खूबसूरती से निभाया है।
टिया के किरदार में अलाया पूरी तरह से जचती हैं. उनका आत्मविश्वास भरा परफॉर्मेंस देखकर कहीं नहीं लगता कि यह उनकी डेब्यू फिल्म है। आने वाले समय में अलाया से काफी उम्मीद की जा सकती है। बाकी सारे किरदार छोटे-छोटे जिसमें चंकी पांडे, कुमुद मिश्रा, फरीदा जलाल जैसे मंझे हुए कलाकार अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। गेस्ट अपीरियंस में तब्बू को देखना सुखद रहा।
कुल मिलाकर यह कहा जाए तो गलत नहीं होगा की ‘जवानी जानेमन’ ऐसी फिल्म है जो आज के दौर में ना सिर्फ प्रासंगिक है, बल्कि बेहद मनोरंजक भी है। साथ ही साथ आपको एक अलग इमोशन का सामना कराती है।
स्टार्स : 3.5