Move to Jagran APP

Human Web Series Review: दवाओं के मानव परीक्षण के अमानवीय कारोबार की झकझोरने वाली कहानी, पढ़ें पूरा रिव्यू

डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज ह्यूमन दवाओं के मानवीय परीक्षण के गैरकानूनी कारोबार और अमानवीय पहलू पर एक झकझोरने वाली टिप्पणी है। 40-50 मिनट अवधि के 10 एपिसोड्स में फैली सीरीज ह्यूमन ड्रग टेस्टिंग के सामाजिक और आर्थिक पहलू पर फोकस करते हुए आगे बढ़ती है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 03:26 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 03:26 PM (IST)
Human Web Series Review: दवाओं के मानव परीक्षण के अमानवीय कारोबार की झकझोरने वाली कहानी, पढ़ें पूरा रिव्यू
Human Web Series Review Staring Shefali Shah Kirti Kulhari. Photo- Instagram

मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। दवा इंसान की बीमारी ठीक करके उसे सेहतमंद बनाती है, लेकिन क्या होगा, अगर वही दवा उसे बीमार बनाना शुरू कर दे, वो भी जाने-अनजाने नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत और लोगों को बीमार करने का यह कारोबार उनकी पीड़ा को नजरअंदाज करते हुए सिर्फ इसलिए फलता-फूलता रहे, क्योंकि इससे समाज के कथित रसूखदार और इज्जतदार लोगों का लालच और महत्वाकांक्षाएं जुड़ी हैं।

loksabha election banner

डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज ह्यूमन दवाओं के मानवीय परीक्षण के गैरकानूनी कारोबार और अमानवीय पहलू पर एक झकझोरने वाली टिप्पणी है, जिसकी अपनी कुछ खामियां और खूबियां हैं। 40-50 मिनट अवधि के 10 एपिसोड्स में फैली सीरीज ह्यूमन ड्रग टेस्टिंग के सामाजिक और आर्थिक पहलू पर फोकस करते हुए आगे बढ़ती है और इसके साथ किरदारों की यात्रा आगे बढ़ती है, जिसमें कुछ चौंकाने वाले खुलासे और परतें हैं। विपुल अमृलाल शाह और मोजेज सिंह निर्देशित ह्यूमन हार्ड हिटिंग थ्रिलर सीरीज है, जो अपने चरित्रों को उनकी खामियों के साथ नि:संकोच पेश करती है।

ह्यूमन की कथाभूमि मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक शहर भोपाल है। कहानी मुख्य रूप से तीन मुख्य किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। डॉ. गौरी नाथ (शेफाली शाह), जो एक बेहद नामी न्यूरो सर्जन और शहर के सबसे बड़े मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल मंथन की कर्ता-धर्ता है। डॉ. सायरा सभरवाल (कीर्ति कुल्हरी), जो एक कार्डिएक सर्जन है। गौरी नाथ उसे मंथन में लेकर आयी हैं। सायरा, गौरी के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित है और आइकॉन के रूप में देखती है। इस कहानी का तीसरा अहम किरदार मंगू (विशाल जेठवा) है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का मंगू अपने परिवार का जीवन स्तर सुधारने की जुगत में लगा है, मगर इसके लिए वो सही-गलत की परवाह किये बिना शॉर्ट-कट ढूंढता है, जिससे जल्द पैसा कमा सके। इसी के चलते जुए की लत लगी और परिवार को ह्यूमन ड्रग टेस्टिंग के झंझट में फंसा देता है। 

View this post on Instagram

A post shared by Disney+ Hotstar (@disneyplushotstar)

शहर में फार्मास्युटिकल कम्पनी वायु प्रतिबंधित दवा एस93आर का अवैध रूप से मानवीय परीक्षण करवा रही है। सच्चाई बताये बिना पैसों का लालच देकर गरीबों को गिनी पिग की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। वायु के मालिक मोहन वैद्य (मोहन आगाशे) और उनका बेटा अशोक वैद्य (आदित्य श्रीवास्तव) हैं। गौरी नाथ अप्रत्यक्ष रूप से अवैध ड्रग टेस्टिंग के इस कारोबार से जुड़ी है, या कहें कि वो ही इसकी मास्टरमाइंड है।

सनक की हद तक अति महत्वाकांक्षी गौरी नाथ भोपाल में विदेशी कंपनी की मदद से एक बड़ा न्यूरो सेंटर भी बना रही है, जिसके विस्तार के लिए उसे पैसे के साथ जमीन चाहिए, जो सियासी सपोर्ट के बिना संभव नहीं है। गौरी अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूरा करने के रास्ते पर है, मगर समस्या तब खड़ी होती है, जब मंगू की मां ह्यूमन ड्रग ट्रायल का शिकार बनती है और कई दिनों तक बीमार रहने के बाद सही इलाज के बिना मर जाती है।एक एनजीओ की मदद से मंगू डॉ. सायरा सभरवाल तक पहुंचता है और फिर लगभग अविजित लगने वाली डॉ. गौरी नाथ के अंत की शुरुआत होती है। 

इस कहानी को इशान बनर्जी और मोजेज सिंह ने पटकथा के जरिए दिलचस्प विस्तार दिया है। ड्रग टेस्टिंग से जुड़ी घटनाओं को रोमांचक ढंग से दिखाया है। डॉ. गौरी नाथ और डॉ. सभरवाल के किरदारों को स्थापित करने के लिए ब्रेन सर्जरी और कार्डिएक सर्जरी के दृश्य भी शामिल किये गये हैं। हालांकि, यह दृश्य विचलित कर सकते हैं। मेडिकल इंडस्ट्री में भ्रष्टाचार कितना जानलेवा और खतरनाक हो सकता है, ह्यूमन इसे कामयाबी के साथ दिखाती तो है, मगर इसकी गहराई में नहीं जाती। सीरीज में ड्रग टेस्टिंग को किसी अन्य अपराध की तरह बस कहानी की बुनियाद जमाने में इस्तेमाल किया गया है। सीरीज में भोपाल गैस त्रासदी और कोरोना वायरस पैनडेमिक के कारण हुए लॉकडाउन को विभिन्न संदर्भों में इस्तेमाल किया गया है। यह दोनों ही घटनाएं भोपाल की गरीब बस्तियों में आर्थिक मजबूरियों को दिखाने का सबब बनती हैं।

View this post on Instagram

A post shared by Disney+ Hotstar (@disneyplushotstar)

ह्यूमन का कोई भी प्रमुख किरदार मुकम्मल या आदर्श नहीं है। सभी में कोई ना कोई चारित्रिक दोष है और लेखकों ने इन दोषों को दिखाने में कोई संकोच नहीं किया है। साथ ही किरदारों की आर्थिक, सामाजिक और सोच के आधार पर उन्हें सलीके से विस्तार दिया है। डॉ. गौरी नाथ के किरदार में शेफाली शाह ने जबरदस्त अभिनय किया है। हालांकि, एक वक्त के बाद उनका किरदार सीरीज के नैरेटिव पर हावी होने लगता है और ऐसा महसूस होने लगता है, मानो उनकी अभिनय क्षमता के पहलुओं को दिखाने के लिए एपिसोड लिखे गये हैं। उनका कैरेक्टर ग्राफ पॉजिटिव से नेगेटिव की ओर बढ़ता है और एक गरिमामयी, महत्वाकांक्षी, मृदुभाषी डॉक्टर का किरदार सीरीज का अंत आते-आते सनकी, स्वार्थी और निर्दयी इंसान में तब्दील होता जाता है। 

गौरी नाथ का भी अपना अतीत है, जिसने उसके मौजूदा व्यक्तित्व को आकार दिया है। कुछ ऐसा ही किरदार डॉ. सभरवाल का है, जिसे कीर्ति कुल्हरी ने निभाया है। यह किरदार गौरी नाथ की तरह की उलझा हुआ है। सायरा ड्रग टेस्टिंग के खिलाफ व्हिसिलब्लोअर बनकर जिस नैतिकता का परिचय देती है, निजी जिंदगी में वो उससे कोसों दूर है। झूठ बोलकर मैनिपुलेट करना उसकी फितरत है। उसके संबंध माता-पिता और पति से अच्छे नहीं हैं। हालांकि, उसके ऐसे व्यवहार के पीछे उसका अतीत है, जो उसे छोड़ता नहीं। कीर्ति के यौनाकर्षण को समझने में नाकाम माता-पिता से  वो दूर होती जाती है। कीर्ति ने इस किरदार की विभिन्न परतों को कामयाबी के साथ पेश किया है। मर्दानी 2 में मुख्य विलेन बने विशाल ने मंगू के किरदार में सच में जान डाल दी है। कमजोर आर्थिक वर्ग से आने वाले इस किरदार की भाषा, रहन-सहन और किसी भी काम को लेकर एप्रोच को विशाल ने अदाकारी से जिंदा कर दिया है। हर अच्छे-बुरे में गौरी नाथ की सपोर्टर, सलाहकार और ड्रग टेस्टिंग कैंप की निर्दयी सर्वेसर्वा रोमा मां के किरदार में सीमा बिस्वास डरावनी लगी हैं। 

ह्यूमन एक इंगेजिंग मेडिकल ड्रामा है। हालांकि, शुरुआती पांच एपिसोड काफी कसे हुए हैं, जिनसे शो को एक बेहतरीन टेक ऑफ मिलता है। बाद के कुछ एपिसोड्स धीमी रफ्तार लगते हैं। आखिरी एपिसोड लगभग एक घंटे का है। सीरीज का क्लाइमैक्स उतना असरदार नहीं है, जैसा कि शुरुआत से माहौल बना था। ड्रग टेस्टिंग जैसे अहम मुद्दे पर किसी सार्थक क्लाइमैक्स की आस अधूरी रह जाती है। कुछ सवाल अनुत्तरित रह गये हैं। सम्भव है, उनका जवाब दूसरे सीजन में मिले।

कलाकार- शेफाली शाह, कीर्ति कुल्हरी, विशाल जेठवा, राम कपूर, मोहन आगाशे, आदित्य श्रीवास्तव, इंद्रनील सेनगुप्ता, सीमा बिस्वास आदि।

निर्देशक- विपुल अमृतलाल शाह, मोजेज सिंह।

निर्माता- विपुल अमृतलाल शाह

अवधि- 40-55 मिनट प्रति एपिसोड, कुल 10 एपिसोड्स

रेटिंग- *** (तीन स्टार)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.