Good Luck Jerry Review: बिना ज्ञान दिए ड्रग्स के कारोबार की कहानी कहती है फिल्म, जाह्नवी कपूर की तिकड़मबाजी करती है इंप्रेस
Good Luck Jerry Movie Review जाह्नवी कपूर और दीपक डोबरियाल की फिल्म गुड लक जेरी शुक्रवार को ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज कर दी गई है। फिल्म को अगर आप देखने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यहां फिल्म का रिव्यू एक बार जरुर पढ़ लें।
स्मिता श्रीवास्तव, जेएनएन। इस साल बच्चन पांडे, जर्सी, हिट : द फर्स्ट केस, फारेंसिक जैसी कई दक्षिण भारतीय फिल्मों की हिंदी रीमेक फिल्में रिलीज हुई। अब इस कड़ी में क्राइम कॉमेडी तमिल फिल्म 'कोलामावू कोकिला' की रीमेक फिल्म गुडलक जेरी भी शामिल हो गई है। मूल फिल्म में प्रमुख भूमिका नयनतारा ने निभाई थी।
कहानी पंजाब में अपनी विधवा मां और बहन के साथ रह रही सीधी-सादी और निम्न मध्यमवर्ग परिवार की जया कुमारी उर्फ जेरी (जाह्नवी कपूर) की है। उसकी मां सरबती (मीता वशिष्ठ) मोमोज बेचकर घर चलाती है। जबकि जेरी मसाज पार्लर में काम करती है। उसकी बहन छाया कुमारी उर्फ चेरी (समता सुदीक्षा) पढ़ाई करती है। पड़ोस में रहने वाले अनिल (नीरज सूद) उसे अपना परिवार मानते हैं। उसी मुहल्ले में रहने वाला रिंकू (दीपक डोबरियाल) जेरी से एकतरफा प्यार करता है। एक दिन घटनाक्रम ऐसा घटित होता है कि जेरी ड्रग माफिया टिम्मी (जसवंत सिंह दलाल) का काम करने को मजबूर होती है। फिर उसे पता चलता है कि उसकी मां को फेफड़ों का कैंसर है। मां के इलाज के लिए पैसा जुटाने की खातिर वह ड्रग पहुंचाने के काम में लग जाती है। एक दिन पुलिस के हाथ आते-आते बचने पर वह इस काम को छोड़ने का फैसला लेती है। घटनाक्रम ऐसे मोड़ लेते हैं कि उसका परिवार भी इस पेशे में शामिल हो जाता है। ऐसे में अपने परिवार को ड्रग माफिया और पुलिस के चंगुल से बचाने के लिए जेरी कैसे तिकड़म अपनाती है कहानी इसी संदर्भ में है।
मूल फिल्म की कहानी और स्क्रीन प्ले नेल्सन दिलीप कुमार ने लिखा था। जबकि रीमेक की कहानी लेखक पंकज मट्टा ने पंजाब और बिहार के परिवेश के साथ समुचित तरीके से अनूदित की है। कई धारावाहिकों और वेब सीरीज का निर्देशन कर चुके सिद्धार्थ सेनगुप्ता की बतौर निर्देशक यह पहली फीचर फिल्म है। उनका यह प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहानी में टर्न और ट्विस्ट को लेकर रोमांच बनाए रखा है। पंजाब में नशीले पदार्थों का कारोबार भले ही कहानी का हिस्सा है, लेकिन फिल्म इसके दुष्प्रभावों पर कोई बात नहीं करती। कोई लेक्चर नहीं देती। डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज गुडलक जेरी हल्की-फुल्की मनोरंजक फिल्म है। संवादों में पंजाबी के साथ बिहारी का पुट है। संवाद चुटीकले हैं। यह आपको काफी गुदगुदाते है। हालांकि फिल्म का क्लाइमेक्स थोड़ा जल्दीबाजी में निपटाया गया लगता है।
फिल्म में केंद्रीय भूमिका में दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर हैं। जाह्नवी ने अपने फिल्मी करियर का आगाज फिल्म धड़क से किया था। यह सुपरहिट मराठी फिल्म सैराट की रीमेक थी। वह फिल्म बॉक्स आफिस पर खास कमाल नहीं दिखा पाई थी। हालांकि उसके बाद रिलीज फिल्म घोस्ट स्टोरीज, गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल और रुही में फिल्म उनके अभिनय में लगातार निखार आया। गुडलक जेरी में उन्होंने जेरी की मासूमियत, गुस्से और दब्बूपन को बहुत सहजता से आत्मसात किया है। फिल्म का खास आकर्षण दीपक डोबरियाल हैं। दीपक मंझे कलाकार हैं। कॉमेडी में उनका कोई मुकाबला नहीं हैं। रिंकू की भूमिका में उन्होंने जेरी के प्रति जिस तरह एकतरफा प्यार में अभिनय किया है वह शानदार और यादगार है। वह जब भी स्क्रीन पर आते हैं आपके चेहरे पर मुस्कान ले आते हैं। इस फिल्म की मजबूत कड़ी चरित्र किरदारों में आए कलाकार हैं। उसके लिए कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा तारीफे-ए-काबिल है। छोटी और अहम भूमिकाओं में नजर आए कलाकार मीता वशिष्ठ, नीरज सूद, जसंवत सिंह दलाल, सुशांत सिंह, साहिल मेहता, सौरभ सचदेवा का अभिनय नैसर्गिक है। स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी कुछ नया लेकर आती है। फिल्म का संगीत पराग छाबड़ा का है, जबकि गीतकार राजशेखर हैं। फिल्म का संगीत कहानी के अनुरुप जमता है।
फिल्म रिव्यू : गुडलक जेरी
प्रमुख कलाकार : जाह्नवी कपूर, मीता वरिष्ठ, दीपक डोबरियाल, नीरज सूद, सुशांत सिंह, जसवंत सिंह दलाल, साहिल मेहता, सौरभ सचदेवा
निर्देशक : सिद्धार्थ सेनगुप्ता
अवधि : दो घंटा 19 मिनट
स्टार : साढ़े तीन
प्लेटफार्म : डिज्नी प्लस हाटस्टार