फिल्म रिव्यू: बीच, ब्यूटी और बॉडी 'बेवॉच' (3 स्टार)
यह एक्शन से ज्यादा कॉमेडी की गलियों में गुम हो जाती है। अलबत्ता मिच के रोल में ड्वेन जॉनसन ने और विक्टोरिया लीड्स की भूमिका में प्रियंका चोपड़ा ने न्याय किया है।
-अमित कर्ण
मुख्य कलाकार: ड्वेन जॉनसन, प्रियंका चोपड़ा, ज़ैक एफ्रन, एलेक्ज़ेंड्रा डेडेरियो आदि।
निर्देशक: सेठ गॉर्डन
निर्माता: पैरामाउंट पिक्चर्स
स्टार: *** (तीन स्टार)
गुजरी सदी के नौंवे दशक में टेली शो ‘बेवॉच’ ने भरपूर सुर्खियां बटोरी थीं। दर्शकों की दीवानगी का आलम यह था कि शो की लीड जोड़ी डेविड हेजलहॉफ और पामेला एंडरसन को उस दौर में सितारा हैसियत मिल गई। भारतीय दर्शक भी उनके किरदारों से भली-भांति वाकिफ थे। पामेला की तब की लोकप्रियता का असर था, जो उन्हें चार साल पहले ‘बिग बॉस’ के घर में बुलाया गया था। बहरहाल अब इसी नाम से बनी इस फिल्म में डेविड की जगह ड्वेन जॉनसन ने ली है। वे एक्शन फिल्मों के बड़े नाम हैं। साथ ही विलेन कह लें या वैम्प उसकी जिम्मेदारी प्रियंका चोपड़ा पर है।
इस वजह से भारतीय दर्शकों की दिलचस्पी और अपेक्षाएं अतिरिक्त हैं। कहानी का आगाज फ्लोरिडा के समुद्र तट से होता है। वहां आने वाले सैलानियों की रक्षा की खातिर बेवॉच लाइफगार्ड की टीम तैनात है। बे यानी किनारा और वॉच यानी उस पर नजर रखने वाला। खैर लाइफगार्ड की उस टीम का मुखिया मिच है। तट पर सैलानियों की गहमागहमी है तो टीम के सदस्यों की तादाद बढ़ाई जाती है। स्वर्ण पदक विजेता अनाथ तैराक मैट ब्राडी को मिच अनमने ढंग से शामिल करता है। वजह यह कि अपने अतीत के चलते मैट काम के प्रति बेपरवाह सा रहता है। अन्य सदस्यों में समर, सीजे पार्कर, रॉनी स्टेफनी हैं। सब का एकसूत्रीय लक्ष्य तट की हर हाल में बुरे लागों से रक्षा है। सब ठीक चल रहा होता है कि वहां की करोड़ों की जमीन पर विक्टोरिया लीड्स की बुरी नजर पड़ती है।
वह उस जगह को हड़पना चाहती है। उसे ड्रग्स से पाट देना चाहती है। उसकी इस मंशा को मिच एंड कंपनी सफल होने देती है कि नहीं, फिल्म उस पर केंद्रित है। डायरेक्टर सेथ गार्डन ने फिल्म की बाहरी खूबसूरती पर पूरा जोर दिया है। समंदर का किनारा, बिकनी में समर, सीजे पार्कर सी लड़कियां और डोले-शोले वाले गबरू जवान मिच और मैट ब्राडी। साथ में रॉनी की कॉमेडी व विक्टोरिया लीड्स के खतरनाक इरादे। कैमरामैन ने दृश्यों को हसीन बनाया है। धीमी गति में बीच किनारे लड़कियों की कातिल अदाओं को इरादतन अतिरंजित अवतार में पेश किया गया है। उन्हें अश्लील नहीं होने दिया गया है, पर खुलेपन में कसर नहीं है।
साफ लगता है कि बोल्डनेस की चाह रखने वालों का खास ख्याल रखा गया है। बहरहाल, दिक्कत अत्याधिक सरल पटकथा के चलते हो गई है। विक्टोरिया लीड्स के पैंतरे और बदले में मिच, ब्राडी, रॉनी, समर और सीजे के जवाबी हमले पहले से पता लग जाने वाले से बन गए हैं। रहस्य और रोमांच का तानाबाना ढंग से नहीं बन पाया है। इस मोर्चे पर एक खालीपन सा लगा है। ज्यादा समय सभी किरदारों को अलग-अलग तौर पर स्थापित करने में जाया किया गया है। उससे उनकी प्रामाणिकता पर सवाल उठते हैं। हर सीन में बैकग्राउंड म्यूजिक हावी रहा है। मिच पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया है, जबकि ब्राडी छिपा रुस्तम सा। बीच-बीच में रॉनी और सीजे के प्रेम प्रसंग अनावश्यक से लगते हैं।
साथ ही यह एक्शन से ज्यादा कॉमेडी की गलियों में गुम हो जाती है। अलबत्ता मिच के रोल में ड्वेन जॉनसन ने और विक्टोरिया लीड्स की भूमिका में प्रियंका चोपड़ा ने न्याय किया है। सबने अपने किरदारों में गोते लगाए हैं। मैट ब्रॉडी की मनोदशा और देहभाषा को जैक एफ्रन ने बखूबी पेश किया है। बाकी कलाकारों ने भी अपने हिस्से का काम ढंग से किया है। आखिर में टेली शो के मिच निभाने वाले डेविड हेजलहॉफ और सीनियर सीजे पार्कर यानी पामेला एंडरसन की एंट्री रोचक सी लगती है।
अवधि: 1 घंटा 59 मिनट