फिल्म रिव्यू: सम्राट एंड कंपनी (3 स्टार)
कहते हैं न कि वक्त सभी को बदल देता है। हम सब यह जानते हैं कि इंडस्ट्री में राजश्री प्रोडक्शन की अपनी पहचान है, जो पूरी तरह पारिवारिक ढांचे में फिट कहानी को ही पर्दे पर लाती रही है और गीत-संगीत से भरपूर, लेकिन उनकी फिल्म 'सम्राट एंड कंपनी' इस मामले में अलग है।
मुंबई (रतन)।
प्रमुख कलाकार: राजीव खंडेलवाल, मदालसा शर्मा और गिरीश कनार्ड।
निर्देशक: कौशिक घटक।
संगीतकार: अंकित तिवारी, मिथुन।
स्टार: तीन।
कहते हैं न कि वक्त सभी को बदल देता है। हम सब यह जानते हैं कि इंडस्ट्री में राजश्री प्रोडक्शन की अपनी पहचान है, जो पूरी तरह पारिवारिक ढांचे में फिट कहानी को ही पर्दे पर लाती रही है और गीत-संगीत से भरपूर, लेकिन उनकी फिल्म 'सम्राट एंड कंपनी' इस मामले में अलग है। इसमें पारिवारिक कहानी तो है, पर इसके साथ ही मर्डर और मिस्ट्री भी है, जिसमें बदले की भावनाएं पिरोयी गई हैं।
फिल्म की कहानी शिमला की खूबसूरती को भी समेटे हुए है। वहीं के एक बड़े घराने की यह कहानी है, जो कई बातों को लेकर मुसीबत में है। फिर शुरू होता है हत्याओं को सिलसिला और साथ ही गुत्थी भी। राजीव खंडेलवाल ने सम्राट की भूमिका खूबसूरती से निभाई है। वे अपनी पुरानी छवि से अलग तो लगे हैं, पर इस रोल में उन्हें उनकी पुरानी इमेज ने अच्छा सपोर्ट भी किया है। चूंकि कहानी कुछ ऐसी है, जिसमें प्यार भरे दृश्य और गीत-संगीत की गुंजाइश नहीं थी और अच्छी बात यह है कि फिल्म देखते हुए यह कभी महसूस भी नहीं होता कि इसमें रोमांटिक सीन नहीं हैं या गीत-संगीत, जो इस बैनर की जान माने जाते हैं। कहानी के हर किरदार रहस्य में डूबे हुए हैं और सभी कलाकारों ने अच्छा काम किया है। कौशिक घटक का निर्देशन अच्छा है।
अवधि -125 मिनट
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