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Bhangda Paa Le Movie Review: शानदार अभिनय वाली कमज़ोर फ़िल्म, जानिए मिले कितने स्टार

Bhangda Paa Le Movie Review सनी और रुखशार हीरो-हीरोइन होने के बावजूद सनी और श्रेया की केमिस्ट्री ज्यादा बेहतर नजर आती है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 12:20 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 07:23 PM (IST)
Bhangda Paa Le Movie Review: शानदार अभिनय वाली कमज़ोर फ़िल्म, जानिए मिले कितने स्टार
Bhangda Paa Le Movie Review: शानदार अभिनय वाली कमज़ोर फ़िल्म, जानिए मिले कितने स्टार

पराग छापेकर, मुंबई। कॉलेज केंपस फिल्ममेकर्स के लिए हमेशा ही आकर्षण का केंद्र रहा है, ताकि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा लुभाया जा सके! और जब कॉलेज कैंपस की बात होती है तो फिल्मों में पढ़ाई की प्रतियोगिता कम और दूसरी प्रतियोगिता को ज्यादा महत्व दिया जाता है| ऐसे ही कॉलेजों की बात भंगड़ा पा ले में नजर आती है।

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जग्गी एक (सनी कौशल) गांव का लड़का है और उसकी रग रग में भांगड़ा समाया हुआ है, जिसके बल पर वह अपना और अपने गांव का नाम रोशन करना चाहता है। वहीं दूसरी और सिमी( रुखशार ढिल्लों) है, जो शहर में पली-बढ़ी लड़की है, जिसके डांस में वेस्टर्न डांस का भी प्रभाव है। पूरे अमृतसर में उसे एक बेहतरीन भांगड़ा डांसर माना जाता है। दोनों ही अपने-अपने कॉलेजों के लिए भांगड़ा कॉम्पटीशन जीतना चाहते हैं, जिसका फिनाले लंदन में होने वाला है।

दोनों के बीच गला-काट प्रतियोगिता है, मगर इस प्रतियोगिता के बीच एक-दूसरे को दिल दे बैठते हैं और इसके साथ साथ डांस कॉम्पटीशन कहीं पीछे छूट जाता है! ऐसे में क्या प्यार के आगे भांगड़ा का प्यार पीछे छूट जाएगा? क्या जग्गी और सिमी कांगड़ा कॉम्पटीशन जीत पाएंगे? इसी पर आधारित है फिल्म भंगड़ा पा ले। 

अभिनय की बात करें तो सनी कौशल और रुखशार दोनों ही कलाकारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। श्रेया पिलगांवकर ने भी उल्लेखनीय अभिनय किया है। निर्देशक स्नेहा तौरानी नई बोतल में पुरानी शराब भरकर लाई हैं। कहानी में कोई नयापन नहीं है! इस तरह का कॉलेज ड्रामा दर्शक कई बार देख चुके हैं। उनका फिल्म कहने का अंदाज अभी कमजोर है। एक निर्देशक के तौर पर उन्हें अभी मेहनत करने की जरूरत है।

फिल्म का स्क्रीनप्ले कमजोर होने की वजह से कहीं-कहीं उबाऊ हो जाती है। सनी और रुखशार हीरो-हीरोइन होने के बावजूद, सनी और श्रेया की केमिस्ट्री ज्यादा बेहतर नजर आती है। जब लव स्टोरी में हीरो हीरोइन की केमिस्ट्री ही ना बने तो फिल्म अच्छी बन ही नहीं सकती। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी कमाल की है। पंजाब के अनछुए पहलुओं को बहुत ही बेहतर ढंग से दर्शाया गया है।

फिल्म का संगीत शानदार है, मगर कोरियोग्राफी पर थोड़ी और मेहनत की जाती तो अच्छा होता। कुल-मिलाकर सारे कलाकारों की मजबूत परफॉर्मेंस, शानदार संगीत के बावजूद भंगड़ा पा ले एक साधारण फिल्म से ऊपर नहीं उठ पाई।

कलाकार- सनी कौशल, रुख़शार ढिल्लों, श्रेया पिलगांवकर आदि।

निर्देशक- स्नेहा तौरानी

निर्माता- रॉनी स्क्रूवाला

वर्डिक्ट- ** (दो स्टार)


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