Atrangi Re Movie Review: सारा, धनुष और अक्षय के लव ट्रायंगल का भी नहीं चला जादू, 'चकाचक' की कहानी निकली लचर
Atrangi Re Movie Reviewकहानी का आरंभ बिहार के सिवान में घर से भागी रिंकू (सारा अली खान) और उसके पीछे-पीछे भाग रहे रिश्तेदारों से होता है। इस भागादौड़ी में वह स्टेशन पहुंच जाती है। उसी दौरान एस वेंकटेश विश्वनाथ अय्यर उर्फ विशु बाबू (धनुष) ट्रेन से दोस्तों साथ उतरता है।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। बतौर निर्देशक आनंद एल राय ने रांझणा, तनु वेड्स मनु, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स जैसी हिट फिल्में दी हैं। इन सभी फिल्मों की कहानी हिमांशु शर्मा ने लिखी थी। छोटे शहर में गढ़ी यह कहानियां प्रेम और शादी के ईदगिर्द रही हैं। अब इस जुगल जोड़ी की फिल्म अतरंगी रे डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। इस फिल्म का ट्रेलर काफी पसंद किया गया था। पर यह ट्रेलर इतनी साफगोई से काटा गया था कि फिल्म का असल मुद्दा उसमें कहीं नजर नहीं आया।
कहानी का आरंभ बिहार के सिवान में घर से भागी रिंकू (सारा अली खान) और उसके पीछे-पीछे भाग रहे रिश्तेदारों से होता है। इस भागादौड़ी में वह स्टेशन पहुंच जाती है। उसी दौरान एस वेंकटेश विश्वनाथ अय्यर उर्फ विशु बाबू (धनुष) ट्रेन से दोस्तों साथ उतरता है। वहां पर वह रिंकू को बोतल फेंक कर मारते हुए देखता है। घर आने पर रिंकू की नानी (सीमा बिस्वास) चप्पलों से उसकी धुनाई करती है। रिंकू की बातों से पता चलता है कि वह पहले भी कई बार अपने आशिक साथ घर से भागी है। वह जादूगर सज्जाद अली (अक्षय कुमार) से बेपनाह मुहब्बत करती है। अनाथ रिंकू की हरकतों से नानी बेहद परेशान है। वह दो दिन के भीतर रिंकू की जैसे-तैसे शादी कराने को कहती है। बिहार में प्रचलित पकड़वा विवाह की तर्ज पर विशु बाबू का अपहरण करके रिंकू के साथ जबरन शादी करा दी जाती है। जबकि दिल्ली में डॉक्टरी की पढ़ाई की रहे विशु की एक सप्ताह बाद सगाई होनी होती है। दिल्ली पहुंचने पर रिंकू अपने ब्वायफ्रेंड के साथ जाने की बात कहती है। वह विशु के साथ उसकी सगाई में भी जाती है और जमकर नाचती है। रिंकू की इस प्रेम कहानी में कई ट्विस्ट और टर्न आते हैं। इनमें सारा की जिंदगी से जुड़ा पहलू कुछ लोगों को चौंका सकता है।
वर्ष 2018 में रिलीज फिल्म जीरो के बाद आनंद एल राय ने अतरंगी रे का निर्देशन किया है। अतरंगी रे में पकड़वा विवाह, अंतरजातीय विवाह, ऑनर किलिंग, मानसिक बीमारी जैसे मुद्दों को समेटने की कोशिश में किसी भी मुद्दे के साथ हिमांशु और आनंद एल राय न्याय नहीं कर पाए हैं। फिल्म को तार्किक बनाने की भी लेखक ने जहमत नहीं उठाई है। मेडिकल की दुनिया पर हिमांशु को गहन रिसर्च की जरूरत है। फिल्म में ड्रामा काफी है, लेकिन भावनाओं का ज्वार कहीं पर भी नहीं फूटता है। विशु और उसकी प्रेमिका का प्रसंग जल्दबाजी में समेट दिया गया है। रिंकू की मानसिक समस्या का जिस प्रकार निदान किया गया वह अपच है। फिल्म में एक दृश्य में विशु अपनी भावनाओं को तमिल में रिंकू के सामने व्यक्त करता है। बीते दिनों रिलीज हॉलीवुड फिल्म वेस्ट साइड स्टोरी में स्पेनिश डायलाग के सबटाइटिल नहीं दिए गए थे। निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग चाहते थे कि दर्शक उन भावनाओं को समझें। यही प्रयोग आनंद एल राय ने अतरंगी रे में किया है।
एक दृश्य में जब विशु अपना दर्द तमिल भाषा में बयां करता है तो वहां पर सबटाइटिल नहीं दिए गए हैं। वह अखरता है। आप सीन देखते हुए सिर्फ अंदाजा लगाते हैं, भाषा से अनभिज्ञ दर्शकों के लिए सही डायलाग जानना आवश्यक है। बहरहाल, सारा ने रिंकू के अलग-अलग व्यक्तित्व को दर्शाने में कड़ी मेहनत की है। फिल्म का खास आकर्षण धनुष की अदाकारी है। वह किरदार के लिए सटीक हैं। उन्होंने विशु की सादगी, मासूमियत, आक्रोश और द्वंद्व को बहुत शिद्दत से जीया है। कमजोर पटकथा के बावजूद अपनी अदायगी से वह लुभाते है। फिल्म में अक्षय कुमार का दायरा सीमित है। हालांकि, वह कहानी का अभिन्न अंग हैं। आशीष वर्मा को हीरो के दोस्त से इतर अपने लिए दमदार किरदार तलाशने चाहिए। बाकी फिल्म का चकाचक गाना कर्णप्रिय है।
फिल्म रिव्यू : अतरंगी रे
प्रमुख कलाकार : सारा अली खान, धनुष, अक्षय कुमार, सीमा बिस्वास, आशीष वर्मा
निर्देशक : आनंद एल राय
अवधि : दो घंटे 18 मिनट
स्टार : ढाई
रिलीज प्लेटफार्म : डिज्नी प्लस हॉटस्टार