Move to Jagran APP

Aranyak Web Series Review: जंगल, जान और जुनून की इस रोमांचक कहानी में जानिए कितनी महकी 'कस्तूरी', पढ़े पूरा रिव्यू

हिंदी फिल्मों में मस्त-मस्त गर्ल की पहचान रखने वाली ग्लैमरस अदाकार रवीना टंडन ने सीरीज से ओटीटी कंटेंट की दुनिया में कदम रखा है। इस सीरीज की हाइप बढ़ने की एक बहुत बड़ी वजह रवीना खुद भी हैं। हालांकि अरण्यक रवीना को मातृ वाले रूप में अधिक दिखाती है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 12:56 AM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 07:26 AM (IST)
Aranyak Web Series Review: जंगल, जान और जुनून की इस रोमांचक कहानी में जानिए कितनी महकी 'कस्तूरी', पढ़े पूरा रिव्यू
Parambrata, Raveena, Ashutosh Rana in Aranyak. Photo- Instagram/Netflix

मनोज वशिष्ठ, नई दिल्ली। नेटफ्लिक्स पर 10 दिसम्बर को क्राइम-थ्रिलर वेब सीरीज अरण्यक रिलीज हो गयी। हिंदी फिल्मों में मस्त-मस्त गर्ल की पहचान रखने वाली ग्लैमरस अदाकार रवीना टंडन ने सीरीज से ओटीटी कंटेंट की दुनिया में कदम रखा है। इस सीरीज की हाइप बढ़ने की एक बहुत बड़ी वजह रवीना खुद भी हैं। हालांकि, अरण्यक रवीना को 'मातृ' वाले रूप में अधिक दिखाती है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर क्राइम जॉनर की सीरीज की भरमार है। ऐसे में अरण्यक कुछ अलग और नया तो पेश नहीं करती है, मगर मनोरंजन के मोर्चे पर निराश भी नहीं करती। 

loksabha election banner

हिमाचल के एक सुदूर कस्बे सिरोना में कस्तूरी डोगरा थाना इंचार्ज है। बारहवीं में पढ़ रही बेटी नूतन को आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने के लिए एक साल की लम्बी छुट्टी ले रही है। उसका कार्यभार संभालने अंगद मलिक आता है। अंगद के चार्ज लेते ही आम तौर पर शांत रहने वाले कस्बे में एक दहलाने वाली वारदात हो जाती है। फ्रेंच सैलानी जूली की किशोरवय बेटी एमी की लाश जंगल में एक पेड़ पर फांसी के फंदे से झूलती मिलती है। कस्बे के लोग इसे नरतेंदुआ की दंत कथा से जोड़कर देखते हैं।

उनका विश्वास है कि पूरे चांद की रात आधा नर और आधा तेंदुआ जैसा प्राणी लड़कियों की शिकार पर निकलता है। उनका मानना है कि एमी की हत्या भी उसी ने की है। पुलिस जांच तथ्यों और वैज्ञानिक आधार पर करने वाला अंगद इसे स्वीकार नहीं करता। अपने पूरे करियर में एक बड़े केस का इंतजार करती रही कस्तूरी छुट्टी भूलकर इस केस से जुड़ जाती है। शुरुआत में अंगद को उसका हस्तक्षेप अच्छा नहीं लगता, मगर कस्तूरी के इनपुट्स को वो नजरअंदाज नहीं कर पाता।

View this post on Instagram

A post shared by Netflix India (@netflix_in)

धीरे-धीरे दोनों का टकराव खत्म हो जाता है और केस की तफ्तीश साथ में करते हैं। इस तफ्तीश में नरतेंदुआ के एंगल का सबसे बड़ा पैरोकार कस्तूरी का ससुर महादेव है, जो खुद सिनोरा थान में हेड कॉन्स्टेबल पद से सेवानिवृत्त हुआ था। इसकी वजह है 19 साल पहले जब आखिरी बार नरतेंदुआ ने सिनोरा में कई लड़कियों के कत्ल किये थे तो महादेव उसकी तलाश में जंगल जाता है, जहां नरतेंदुआ उसे अपने पंजे से घायल करके भाग जाता है। तब से महादेव भी उसकी तलाश में है और अब उसे नरतेंदुआ को खत्म करने का एक और मौका मिला है।

पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, इसमें कई और रहस्य खुलते हैं और केस में हाई प्रोफाइल नाम जुड़ने लगते हैं। एमी के कत्ल के लिए शक के दायरे में राज्य सरकार में मंत्री जगदम्बा का बेटा कांति और डीसी का बेटा गगन आते हैं। जगदम्बा का विरोधी राजनेता मिन्हास, जो वहां के राजघराने का वंशज भी है, कांति का नाम केस में आने की घटना में अपने राजनैतिक और कारोबारी हित साधने का अवसर देखता है। रेस्तरां और गिफ्ट शॉप का मालिक भी संदेह के घेरे में आता है। मामला तब उलझता है, जब नूतन का प्रेमी और स्थानीय गाइड बंटी थाने में आकर एमी के साथ दुष्कर्म करके कत्ल करने का गुनाह कुबूल कर लेता है, जिस पर खुद पुलिस को यकीन नहीं होता।

View this post on Instagram

A post shared by Netflix India (@netflix_in)

अरण्यक की कहानी कई सब प्लॉट्स को समेटे हुए है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता, नेताओं के सहयोग से पहाड़ों पर ड्रग्स के कारोबार का जाल, स्थानीय मान्यताएं, छोटे कस्बों में पुलिस विभाग की ढुलमुल कार्यशैली, राजनेताओं के हाथों खेलते पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ऐसे कई ट्रैक्स से होते हुए कहानी अपनी मंजिल की ओर बढ़ती है। कस्तूरी की साइबर कैफे चलाने वाले अपने पति हरि डोगरा के साथ समीकरण, पिता की उम्मीदों से हारा हरि, लड़कपन का प्यार, अंगद की निजी जिंदगी के हादसे और ड्रग कारोबारी ओमी चावला से उसकी रंजिश सब प्लॉट्स का मुख्य हिस्सा हैं। मगर, अच्छी बात यह है कि यह सारे सब प्लॉट्स मिलकर प्रधान कथ्य को सपोर्ट करते हैं और पटरी से उतरने नहीं देते।

अरण्यक की पटकथा को पहाड़ी रास्तों की तरह घुमावदार बनाकर रोमांच पैदा किया गया है। आखिरी एपिसोड्स में सीरीज के टर्न्स और ट्विस्ट्स पल्प फिक्शन का एहसास करवाने लगते हैं। एक जबरदस्त ट्विस्ट के बावजूद अरण्यक का क्लाइमैक्स कमजोर लगता है। इस पड़ाव पर रोमांच में डूबा दर्शक इससे ज्यादा की उम्मीद करता है, मगर आखिरी एपिसोड एक झटके में खत्म हो जाता है और दूसरे सीजन का सिरा पकड़ने की जल्दबाजी नजर आती है।

View this post on Instagram

A post shared by Netflix India (@netflix_in)

पूरा सीजन लगभग 45 मिनट के आठ एपिसोड्स में फैला हुआ है। शुरू के चार एपिसोड्स धीमी रफ्तार से चलते हैं, मगर पांचवें एपिसोड्स से असली रंग जमता है और एक के बाद एक ट्विस्ट आने लगते हैं, जिससे सीजन दिलचस्प होने लगता है। शुरुआती एपिसोड्स में नरतेंदुआ की थ्योरी के जरिए दर्शक को एक क्रीचर सीरीज की उम्मीद में उलझाकर रखा जाता है, मगर हर ट्विस्ट के साथ नरतेंदुआ की थ्योरी कमजोर पड़ने लगती है और सीरीज एक सस्पेंस थ्रिलर के ट्रैक पर दौड़ने लगती है।

अगर आप थ्रिलर फिल्मों के शौकीन रहे हैं तो अगले घटनाक्रम का अंदाजा भी लगा सकते हैं। हालांकि, तब तक सीरीज ऐसे पड़ाव पर पहुंच चुकी होती है, जिससे आगे के एपिसोड्स देखने की लालसा कम नहीं होती। अपनी पहली पारी में हिंदी सिनेमा की मसाला फिल्मों की ग्लैमरस हीरोइन रवीना टंडन अरण्यक के साथ ओटीटी कंटेंट की दुनिया में आयी हैं और किरदारों को लेकर एप्रोच को कुछ बदला है। 

छोटे से पहाड़ी कस्बे की एसएचओ के किरदार को प्रभावी दिखने में रवीना की वास्तविक उम्र का पूरा सहयोग मिला है। स्थानीय लहजे को पकड़ने में कुछ अतिरेकताओं को छोड़ दें तो कस्तूरी डोगरा किरदार के विभिन्न पहलुओं को पेश करने में रवीना कामयाब रही हैं। एसएचओ और जांच अधिकारी अंगद मलिक के किरदार में बंगाली कलाकार परमब्रत चटर्जी आश्चर्यजनक रूप से मजबूत दिखे हैं।

View this post on Instagram

A post shared by Netflix India (@netflix_in)

परमब्रत ने अभी तक हिंदी सिनेमा में जितना काम किया है, उसमें यह उनका सबसे दमदार किरदार है और बंगाली सिनेमा में उनके ओहदे को सूट करता है। रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबल महादेव के किरदार के लिए जिस रहस्मयी परत की जरूरत थी, आशुतोष राणा उसे पेश करने में सफल रहे हैं। घाघ राजनेता मिन्हास के किरदार में जाकिर हुसैन ने बेहतरीन काम किया है, मगर उन्हें देखकर राजा होने की फीलिंग नहीं आती।

मंत्री जगदम्बा के किरदार की ठसक को मेघना मलिक ने कायदे से दिखाया है। बाकी कलाकारों में मिन्हास के दामाद रवि पाराशर के रोल में इंद्रनील सेनगुप्ता, नंदन के किरदार में मिलिंद शिंदे, जूली बाप्टिस्ट के रोल में ब्रेशना खान, कांति धूमल के किरदार में तेजस्वी देव और बंटी रावत के रोल में किशोर कलाकार विश्वेश शरखोली विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। स्क्रीनप्ले की सीमाओं में विनय वायकुल का निर्देशन सधा हुआ है। हिस्सों में रोमांच का मजा देती अरण्यक कुछ ब्रेक्स के साथ देखी जा सकती है। इसके साथ बिंज-वॉच की ना कोई मजबूरी है ना बाध्यता। 

कलाकार- रवीना टंडन, परमब्रत चटर्जी, जाकिर हुसैन, मेघना मलिक, इंद्रनील सेनगुप्ता आदि।

निर्देशक- विनय वाइकुल

स्टोरी, स्क्रीनप्ले- चारूदत्त आचार्य, परमजीत सिंह।

निर्माता- रोहन सिप्पी और सिद्धार्थ रॉय कपूर।

रेटिंग- *** (तीन स्टार)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.