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शख्सियत नहीं बदलती - सनी देओल

25 साल के बाद ‘घायल रिटर्न्स’ में एक बार फिर से अजय मेहरा के किरदार को पर्दे पर जीवंत कर रहे हैं सनी देओल। उनसे अजय ब्रह्मात्मज की बातचीत के अंश।

By Monika SharmaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2015 12:04 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2015 12:39 PM (IST)
शख्सियत नहीं बदलती - सनी देओल

25 साल के बाद ‘घायल रिटर्न्स’ में एक बार फिर से अजय मेहरा के किरदार को पर्दे पर जीवंत कर रहे हैं सनी देओल। उनसे अजय ब्रह्मात्मज की बातचीत के अंश...

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‘मोहल्ला अस्सी’ की रिलीज में देरी हो रही है। उससे फिल्म पर प्रभाव तो नहीं पड़ेगा?
मेरे ख्याल से फिल्म उस पीरियड की है कि रिलीज की देरी उसे प्रभावित नहीं करेगी।

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यह खास मौका है ‘घायल’ के 25 साल पूरे होने और ‘घायल रिटर्न्स’ की रैप अप का। देखते-देखते वक्त कहां से कहां चला गया?
यह बड़ी दिलचस्प बात है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि कोई फिल्म 25 साल बाद फिर से बनेगी। पुराने किरदारों के साथ नई फिल्म बनेगी। ऐसा लग रहा है, जैसे मैंने कल ही वह फिल्म देखी थी। उस वक्त नहीं लगा था कि फिल्म हिट की फेहरिस्त में शुमार होगी। उसकी भी अपनी जर्नी थी। उस सब्जेक्ट को लेकर मैंने कई दरवाजे खटखटाए थे लेकिन किसी ने पसंद नहीं किया। मैंने पापा को सुनाया तो उन्हें अच्छा लगा। फिर मैं वहां से निर्माता बना। खैर वह फिल्म बनी। सिनेमाघरों में आई। फिर भी हमें अंदाजा नहीं था कि हमने एक अलग हटकर फिल्म बनाई है, जिसे लोग आज भी याद रखेंगे। यकीनन आज जब मैंने उसके आगे की फिल्म बनाई है, उस किरदार अजय मेहरा को आगे ले जाना चाह रहा हूं तो उसमें वक्त लगा। एक ऐसी कहानी की दरकार थी, जो उसे जस्टिफाई करे। फिर इस फिल्म की कहानी इतनी अच्छी लगी कि मैं डायरेक्शन में भी मसरूफ हो गया।

इस फिल्म के बारे में कुछ बताएं?
अजय मेहरा बड़ा सशक्त किरदार है। वह हैवीवेट है, पर मैंने उसे फिल्म पर हावी नहीं होने दिया है। उस चीज को भुलाकर मैंने कहानी को कैरी फॉरवर्ड किया है। इसमें समकालीन चीजों का पुट है। आज के जमाने में जिन चीजों का लार्ज कंसर्न है, वे आपको फिल्म में दिखेंगी। आज अगर अजय मेहरा होगा तो वह कहां होगा, क्या कर रहा होगा, उसके साथ क्या कुछ बीता होगा, अब वह क्या कर रहा होगा, वह सब फिल्म में है। उसी को परिप्रेक्ष्य में रखते हुए ‘घायल रिटर्न्स’ गढ़ी है। फिल्म का 95 फीसदी हिस्सा शूट हो चुका है। कोशिश है कि इस साल दीवाली या उसके आसपास फिल्म को रिलीज करूं।

यानी फिल्म में अजय मेहरा की उम्र भी आगे बढ़ी है?
बिल्कुल। कैरेक्टर आज 25 साल बाद क्या कर रहा है, वह भी दिखेगा।

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नाते-रिश्तेदार भी वही होंगे या कुछ तब्दीलियां रहेंगी?
ज्यादातर तो खत्म हो चुके थे। फिर उसके साथ आगे क्या हुआ, जेल में रहा, क्या हुआ, वह सब फिल्म में है।

‘घायल’ की ही सीक्वेल क्यों जरूरी लगी? उस जमाने की अपनी और भी फिल्मों की सीक्वेल बना सकते थे... या कहीं पहली फिल्म, पहला प्रेम सब कुछ याद रह जाता है। वैसा कुछ मामला था?
उस फिल्म का सब्जेक्ट हमें बड़ा प्यारा लगा था। तभी पूरी ईमानदारी, लगन और मेहनत से हमने वह फिल्म बनाई थी। इसीलिए मैं चाह रहा था कि अपना जो कैरेक्टर आगे ले जाऊं तो उसमें भी बातें आगे बढ़े। दरअसल मैं बड़ा उत्सुक था कि उस जंग को जीतने के बाद अजय मेहरा की जिंदगी में और क्या कुछ हो सकता है...उस आगे बढ़ी हुई चीज को कहानी में जस्टिफाई करें। हम भूल जाएं कि यह ‘घायल’ है, क्योंकि मैं यह याद करता रहूं कि उसमें दिवंगत अमरीश जी के साथ ऐसे संवाद थे, मेरी भाभी थी, वह सब सोचने लगूंगा तो फिल्म नहीं बना पाता। अजय मेहरा की जिंदगी में जो होना था, वह हो चुका। उसके बाद उसके संग क्या-क्या हुआ होगा। ‘घायल रिटर्न्स’ उस बारे में है, क्योंकि किरदार व शख्सियत तो नहीं बदलेगी न।

25 साल जेल में बिताने के बाद अब अजय मेहरा का मेंटल स्टेट क्या होगा? अगर वह शेयर कर सकें तो?
वह अभी तो नहीं कर सकता, पर हम उसी स्टेट के साथ आगे बढ़े हैं।

इतने सालों में सोसायटी काफी बदल चुकी है। आदमी भले न बदला हो लेकिन बाहर का समाज काफी बदल चुका है...
बिल्कुल। सोसायटी बदल चुकी है। हम तकनीकी तौर पर काफी समृद्ध भी हो चुके हैं, पर हमारी बुनियादी सोच वहीं अटकी हुई है। रिश्तों में भी बहुत बड़ी तब्दीलियां नहीं आई हैं। वही मां है, वही बहन और भाई। प्रोग्रेस हुई है, पर चोट लगने पर हम आज भी उसी तरह कराहते हैं, जैसे पहले हमारे साथ होता था। हमारी मोरैलिटीज तो नहीं बदली हैं।

2015 के सनी को तो हम उस तरह के एक्शन में नहीं देखेंगे? खबर है कि आपने बाहर से बुलाए हैं स्टंटमैन?
कहानी के हिसाब से सब कुछ है। एक्शन इस फ्रेंचाइजी की यूएसपी है। एक्शन दृश्यों पर ‘घायल’ में भी काफी मेहनत की गई थी कि वे रियलिस्टिक लगें। इस फिल्म के साथ भी मैं वही चाह रहा था। तभी मैंने एक्शन डायरेक्टर डैन ब्रैडली को बुलाया। वे ‘बॉर्न अल्टीमेटम’ से लेकर कई अन्य विशुद्ध एक्शन फिल्में कर चुके हैं। काफी सीनियर भी हैं। वे तकरीबन 45 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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