Interview: सालों से काम कर रहे हैं इसलिए बतौर अभिनेता जिम्मेदारी और बढ़ जाती है - नीरज सूद
आर एस प्रसन्ना निर्देशित फिल्म शुभ मंगल सावधान 1 सितंबर को रिलीज़ हो रही है।
मुंबई। फिल्म शुभ मंगल सावधान 1 सितंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। फिल्म में कॉमेडी के जरिए महत्वपूर्ण बात कहने की कोशिश की जा रही है। इस फिल्म के मुख्य कलाकार आयुष्मान खुराना और भूमि पेडनेकर हैं। इसके साथ प्रमुख कलाकार नीरज सूद भी हैं जो फिल्म में आयुष्मान के ससुर की भूमिका में नज़र आएंगे। पढ़िए नीरज सूद से फिल्म को लेकर खास बातचीत -
फिल्म शुभ मंगल सावधान की खास बात क्या है
इस पूरी फिल्म में ही वैसे तो कमाल का मजा आया क्योंकि स्क्रिप्ट ही अपने आप में बहुत कमाल की थी। और इंडिविजुअल वर्क के लिए कोई जगह थी नहीं क्योंकि यह पूरी तरह से टीम एफर्ट था। एक जगह थी जहां हम लोगों को कमाल का मजा आया जहां पर आयुष्मान खुराना मेरे बड़े भाई बृजेंद्र काला की पप्पी ले रहे हैं और जिस तरह से भाई साहब हम को देखते हैं तो मेरा और सीमा जी का हंस-हंस के बुरा हाल हो गया था। वह टेक हम उनके नहीं कर पा रहे थे फिर बाद में डायरेक्टर साहब आकर हम पर चिल्लाये तो बड़ी मुश्किल से हम लोगों ने सीन किया। आप देखेंगे कि हम विजेंद्र भाई की तरफ देख ही नहीं रहे हैं उस शॉर्ट में क्योंकि उनका चेहरा इतना फनी था कि हम उसको देख नहीं पाए तो वह एक ऐसा मोमेंट है जो मुझे अभी तक याद है।
आप इतने सालों से काम कर रहे हैं, तो क्या आपके लिए समय के साथ यह रोल करना आसान था
नहीं ऐसा भी नहीं है क्योंकि हर स्क्रिप्ट की हर कहानी की कुछ डिमांड होती हैं वह आपको नए सिरे से काम करने के लिए मजबूर करती हैं। अगर मैं यह मानकर चलूं कि मैं पुराना हूं और यह मेरे लिए ऐसा हो जाएगा तो ऐसा नहीं है। हां कहीं ना कहीं इन चीजों का फर्क पड़ता है कि आपको काम करते-करते एक एक्सपीरियंस हो जाता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमारे लिए चीज बदली जाती हैं बल्कि हमारी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है।
आपके अलग-अलग कैरेक्टर्स को लेकर आपकी क्या राय है
जहां तक कैरेक्टर्स की बात है अभी तक आपने देखा होगा जितना भी काम मैंने किया है शायद वह एक दूसरे से मेल नहीं खाता क्योंकि मेरी कोशिश ही रहती है जो मैंने किया है उसको मैं रिपीट ना करूं वह मेरे लिए भी अच्छा रहता है और जिसके लिए मैं काम कर रहा हूं उसके लिए भी अच्छा रहता है। इससे नई-नई चीजें ईजाद होती हैं और काम करने का मजा आता है।
क्या आपको लगता है कि कभी-कभी एक्टर्स को वह क्रेडिट नहीं मिलता जिसके वह हकदार होते हैं
हां कभी-कभी ऐसी सोच आती है क्योंकि मैं 1999 से इस लाइन में हूं और काम कर रहा हूं। काम करते-करते काफी एक्सपीरियंस भी हुआ है लेकिन कभी-कभी ऐसा लगता है हर चीज का एक समय होता है। और शायद वह समय अभी है मेरे लिए। मैं अपने काम में विश्वास रखता हूं और जो भी काम मैंने आज तक किया है उसके लिए मुझे एप्रिशिएशन मिला है। हर बार तो मुझे इस चीज का एहसास ही नहीं हुआ कि जो मैंने किया है उसका क्रेडिट मुझे नहीं मिला। मुझे यह लगता है कि इस लाइन में हम लोगों को अपने आप को पॉजीटिव बनाकर रखना चाहिए क्योंकि नेगेटिविटी अच्छी चीज नहीं है। इससे आदमी की अपनी ग्रोथ रुक जाती है इसलिए मैं बहुत खुश हूं आज जहां भी हूं क्योंकि अपने मनमुताबिक काम कर पाता हूं।
क्या आप अपने कैरेक्टर को ज्यादा अच्छे से दर्शाने के लिए ज्यादा मेहनत करते हैं
नहीं अगर मैं ऐसा सोचने या करने लगा कि इसमें मेरा कैरेक्टर स्टैंड आउट होगा तो वह एक अच्छी बात नहीं है क्योंकि वह स्क्रिप्ट से अलग चला जाएगा और एक एक्टर के तौर पर मैं कभी भी नहीं चाहूंगा कि मैं स्क्रिप्ट से अलग जाऊं। अगर मैं कहानी से अलग चला गया तो कहानी की कोई इंपॉर्टेंस नहीं रहेगी। इसलिए मैं कहानी में रहकर ही अपने करैक्टर को इवॉल्व करता हूं।
जब एक्टिंग नहीं करते तो आप क्या करते हैं
मुझे घूमने का बहुत शौक है। जब मैं एक्टिंग नहीं कर रहा होता तो या तो मैं अपने दोस्तों के साथ होता हूं यहां कहीं घूम रहा होता हूं या फिर अच्छी-अच्छी फिल्में देख रहा होता हूं। क्योंकि अगर काम नहीं कर रहे हो तो यह शहर आपको काटने को आता है ऐसा लगता है कि मैं यहां क्या कर रहा हूं। तो उस चीज से बचने के लिए मैं कहीं ना कहीं घूमने निकल जाता हूं।
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आगे किन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं
कुछ फिल्में है जो मेरी आने वाली हैं उनमें है दिल फिरे, यहां सभी ज्ञानी हैं फुलेना नाइट्स, डीएनए में गांधी जी।उसके अलावा अभी दो प्रोजेक्ट्स ऑन फ्लोर हैं जिनके बारे में मैं शायद अभी बात नहीं कर पाऊंगा बाकी ऊपरवाले का करम।
फिल्म से क्या अपेक्षाएं हैं
इस फिल्म का बड़ी बेसब्री से इंतजार है क्योंकि ऐसा नहीं है कि इसमें मेरा कैरेक्टर ही बहुत बढ़िया है। क्योंकि यह कहानी बहुत अच्छी है, वेल मेड स्क्रिप्ट है और सबसे बड़ी बात सब लोगों ने बहुत मेहनत की है तो अभी तो इसी का इंतजार है। देखते हैं लोग इस कहानी को कैसे लेते हैं क्योंकि यह एेसी कहानी है जिसका हर व्यक्ति की जिंदगी में कभी ना कभी यह टाइम आता है।