Box Office Report: जानें- लॉकडाउन के बाद सिनेमाघर खुलने पर रिलीज़ हुई फ़िल्मों का बॉक्स ऑफ़िस हाल
15 अक्टूबर से केंद्र सरकार ने 50 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमाघर खोलने की अनुमति तो दे दी मगर इंडस्ट्री के लिए हालात अभी भी सुधरे नहीं हैं। बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन बता रहे हैं कि दर्शकों की हिचक दूर होने में अभी वक़्त लगेगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। साल 2020 में कोरोना वायरस पैनडेमिक के चलते लगभग सात महीने सिनेमाघर बंद रहे, जिसने फ़िल्म इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी। करोड़ों का नुक़सान हुआ। सिनेमाघर बंद रहने से सिंगल स्क्रीन थिएटर और मल्टीप्लेक्स में काम करने वाले लाखों लोगों के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हुआ।
15 अक्टूबर से केंद्र सरकार ने 50 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमाघर खोलने की अनुमति तो दे दी, मगर इंडस्ट्री के लिए हालात अभी भी सुधरे नहीं हैं। सिनेमाघर दोबारा खुलने के बाद जो फ़िल्में रिलीज़ हुईं, उनके बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन बता रहे हैं कि थिएटर्स तक आने में दर्शकों की हिचक दूर होने में अभी वक़्त लगेगा। 15 अक्टूबर को सिनेमाघर दोबारा खुलने के बाद पहली बॉलीवुड रिलीज़ 15 नवम्बर को आयी सूरज पे मंगल भारी थी। मनोज बाजपेयी, दिलजीत दोसांझ और फातिमा सना शेख अभिनीत रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म ने तीन हफ़्तों में लगभग 3.90 करोड़ का नेट कलेक्शन किया। इस फ़िल्म ने 85 लाख रुपये की ओपनिंग ली थी।
इसके बाद 11 दिसम्बर को आयी कियारा आडवाणी की इंदू की जवानी सात दिनों में महज़ 1 करोड़ का ही कलेक्शन कर सकी। 25 दिसम्बर को रिलीज़ हुई रिचा चड्ढा और पंकज त्रिपाठी की फ़िल्म शकीला ने एक हफ़्ते सिर्फ़ 33 लाख जमा किये। वहीं, ट्रेड जानकारों के अनुसार, पहली जनवरी को आयी रामप्रसाद की तेरहवीं का एक हफ़्ते का कलेक्शन 30 लाख रुपये से भी काम बताया जा रहा है।
बॉलीवुड पर भारी हॉलीवुड
हॉलीवुड फ़िल्मों ने सिनेमाघरों में बेहतर प्रदर्शन किया। 4 दिसम्बर को रिलीज़ हुई क्रिस्टोफर नोलन की चर्चित फ़िल्म टेनेट ने एक महीने में लगभग 12 करोड़ रुपये जुटा लिये। इस फ़िल्म में वेटरन एक्ट्रेस डिम्पल कपाड़िया भी अहम किरदार में थीं।
वहीं, क्रिसमस पर रिलीज़ हुई गैल गैडट की वंडर वुमन 1984 ने इन सबसे अच्छा कलेक्शन किया। फ़िल्म ने 15 दिनों में 15 करोड़ रुपये का नेट कलेक्शन भारत में किया। वंडर वुमन की हाइप और फैन फॉलोइंग को देखते हुए ऐसे हालात में यह कलेक्शन अच्छा है। संदेश साफ़ है कि फ़िलहाल जिस तरह के हालात हैं, दर्शक ऐसी फ़िल्मों को सिनेमाघरों में देखने के लिए तैयार नहीं है, जो उसे बेकरार ना करें। (बॉक्स ऑफ़िस के सभी आंकड़े बॉलीवुड हंगामा से लिये गये हैं।)