क्या हुआ, जब कृष्णा राज कपूर से हुआ था नर्गिस का सामना, ऋषि कपूर ने बताया पूरा क़िस्सा
ऋषि लिखते हैं कि नर्गिस को इन-हाउस हीरोइन कहते थे और आरके स्टूडियो के लोगो में भी वो शामिल हैं। राज और नर्गिस पहली बार आग में साथ आए थे।
मुंबई। भारतीय सिनेमा के आला परिवार कपूर फ़ैमिली की मुखिया कृष्णा राज कपूर आज (1 अक्टूबर) इस दुनिया से रुख़सत हो गयीं। पति राज कपूर के निधन के ठीक 30 साल बाद कृष्णा ने आख़िरी सांस ली। राज कपूर का निधन 2 जून 1988 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। 87 साल की कृष्णा की मृत्यु भी दिल का दौरा पड़ने से ही हुई।
बतौर फ़िल्मकार और कलाकार राज कपूर की ज़िंदगी कई उतार-चढ़ावों की गवाह रही है, जिसमें एक अहम चैप्टर वेटरन एक्ट्रेस नर्गिस का भी है। नर्गिस के बारे में कई कहानियां बॉलीवुड में कही-सुनी जाती हैं। इनमें से कुछ कहानियां शोमैन राज कपूर और नर्गिस के संबंधों को लेकर भी प्रचलित हैं, जिनका ज़िक्र राज कपूर के बेटे और वेटरन एक्टर ऋषि कपूर अपनी बायोग्राफी 'खुल्लम खुल्ला- ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' में भी कर चुके हैं।
जब राज कपूर की पत्नी से हुआ नर्गिस का सामना
इसी बायोग्राफी में ऋषि ने उस लम्हे का ज़िक्र किया है, जब उनकी मां कृष्णा और नर्गिस का आमना-सामना हुआ था। ऋषि लिखते हैं कि नर्गिस जी ने 1956 में जागते रहो पूरी होने के बाद आरके स्टूडियो में क़दम नहीं रखा था, लेकिन उनकी शादी की संगीत सेरेमनी में शामिल होने के लिए वो सुनील दत्त के साथ आयीं। 24 साल बाद किसी कपूर इवेंट में शामिल होने को लेकर वो काफ़ी नर्वस थीं। मेरी मां ने उनकी हिचकिचाहट को समझते हुए एक तरफ़ ले जाकर कहा, मेरे पति सजीले व्यक्ति हैं। वो रोमांटिक भी हैं। मैं आकर्षण को समझ सकती हूं। मैं जानती हूं आप क्या सोच रही हैं, लेकिन अतीत को अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए। आप मेरे घर ख़ुशी के मौक़े पर आयी हैं और आज हम दोस्तों की तरह यहां मौजूद हैं।
कृष्णा राज कपूर चली गयी हैं और अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गयी हैं, जो इस ग्लैमर इंडस्ट्री में गरिमा और शिष्टता की मिसाल रहेगी। यह भी इत्तेफ़ाक़ ही है कि राज कपूर की 2 जून को पुण्य तिथि होती है, जबकि 1 जून को नर्गिस का जन्म दिन मनाया जाता है। ऋषि कपूर ने राज साहब के और भी संबंधों का ज़िक्र बाययोग्राफी में किया है, मगर नर्गिस के साथ उनकी रिलेशनशिप अलग ही स्तर पर रही।
28 साल की उम्र में शुरू हुआ क़िस्सा-ए-नर्गिस
बायोग्राफी में ऋषि कपूर लिखते हैं- ''मेरे पिता राज कपूर 28 साल के थे और पहले ही हिंदी सिनेमा के शो-मैन का ख़िताब पा चुके थे। उस वक़्त वो प्यार में भी थे, दुर्भाग्य से मेरी मां के अलावा किसी और से। उनकी गर्लफ्रेंड उनकी कुछ हिट्स आग, बरसात और आवारा में उनकी हीरोइन भी थीं।"
नर्गिस बन गयी थीं इन-हाउस हीरोइन
ऋषि लिखते हैं कि नर्गिस को इन-हाउस हीरोइन कहते थे और आरके स्टूडियो के लोगो में भी वो शामिल हैं। राज और नर्गिस पहली बार आग में साथ आए थे, जो राज कपूर की बतौर प्रोड्यूसर और डायरेक्टर पहली फ़िल्म थी।इसी फ़िल्म के साथ आरके बैनर की बुनियाद भी रखी गई थी। बरसात फ़िल्म के एक दृश्य में नर्गिस राज कपूर की बाहों में डूबी नज़र आती हैं, जिसे स्टूडियो के लोगो के रूप में अमर कर दिया गया।