Move to Jagran APP

इस हीरोइन ने कभी सिखाई थी आशिकी, अब इतनी बदल गयी हैं कि पहचानना मुश्किल

आइये हम आपको बताते हैं कि 90 के दशक में अपनी पहली ही फ़िल्म से फेमस होने वाली यह अभिनेत्री आखिर आज क्या कर रहीं हैं।

By Hirendra JEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 07:16 AM (IST)
इस हीरोइन ने कभी सिखाई थी आशिकी, अब इतनी बदल गयी हैं कि पहचानना मुश्किल
इस हीरोइन ने कभी सिखाई थी आशिकी, अब इतनी बदल गयी हैं कि पहचानना मुश्किल

मुंबई। बॉलीवुड में हर दिन एक नये सितारे का जन्म होता है तो कई ऐसे भी हैं जिन्हें भुला दिया जाता है! आज एक ऐसी ही भुला दी गयी अभिनेत्री की बात करेंगे हम! कहा जाता है कि 1990 में आई फ़िल्म ‘आशिकी’ ने लोगों को प्यार करने का एक नया स्टाइल सिखाया था। आज भी उस फ़िल्म के गीत चाहे वो ‘मैं दुनिया भुला दूंगा तेरी चाहत में’ हो या ‘धीरे-धीरे से मेरी ज़िंदगी में आना’, इन्हें सुनते ही हम एक नॉस्टेल्जिया में चले जाते हैं।

loksabha election banner

इन गीतों से घर-घर में अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री अनु अग्रवाल  Anu Aggarwal की याद आयी कभी आपको? आइये हम आपको बताते हैं कि 90 के दशक में अपनी पहली ही फ़िल्म से फेमस होने वाली अनु आखिर आज क्या कर रहीं हैं। लेकिन, उससे पहले देखिये अनु आज कैसी दिखती हैं! यह तस्वीर तब की है जब पिछले साल महेश भट्ट के बुलावे पर वो मुंबई आई थीं! आप देख सकते हैं उनका लुक अब काफी बदल गया है और पहली नज़र में उन्हें पहचान पाना मुश्किल है!

11 जनवरी 1969 को दिल्ली में पैदा हुई अनु अग्रवाल उस समय दिल्ली यूनिवर्सिटी से सोशलसाइंस की पढ़ाई कर रही थीं, जब महेश भट्ट ने उन्हें अपनी आने वाली म्यूजिकल फ़िल्म ‘आशिकी’ में पहला ब्रेक दिया। उससे पहले वो दूरदर्शन के एक टीवी सीरियल में नज़र आ चुकी थीं। बहरहाल, ‘आशिकी’ फ़िल्म ज़बरदस्त कामयाब रही और महज 21 वर्ष की उम्र में एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने वाली अनु ने पहली ही फ़िल्म से अपनी मासूमियत, संजीदगी और बहेतरीन अभिनय से लोगों को अपना मुरीद बना लिया। इस फ़िल्म के बाद रातों-रात अनु एक बड़ी स्टार बन गईं!

ज़ाहिर है इससे अच्छी शुरुआत उनके लिए भला क्या होती? लेकिन, अनु ‘आशिकी’ की कामयाबी को बरकरार न रख सकीं और बाद में उनकी ‘गजब तमाशा’, ‘खलनायिका’, ‘किंग अंकल’, ‘कन्यादान’ और ‘रिटर्न टू ज्वेल थीफ़’ जैसी फ़िल्में कब पर्दे पर आईं और चली गईं, पता ही नहीं चला! इस बीच उन्होंने एक तमिल फ़िल्म ‘थिरुदा-थिरुदा’ में भी काम किया। यहां तक अनु ने एक शॉर्ट फ़िल्म ‘द क्लाऊड डोर’ भी की लेकिन, कुछ भी उनके फेवर में नहीं रहा! अब जैसे अनु को इस बात का अहसास हो गया था कि वो फ़िल्मों के लिए नहीं बनी है और शायद इसलिए 1996 आते -आते वो बड़े पर्दे से गायब हो गईं और उन्होंने अपना रुख योग और अध्यात्म की तरफ़ कर लिया।

लेकिन, अनु की लाइफ में बड़ा तूफ़ान तो तब आया जब वो 1999 में वो एक भयंकर सड़क हादसे की शिकार हो गयीं। इस हादसे ने न सिर्फ़ उनकी मेमोरी को प्रभावित किया, बल्कि उन्हें चलने-फिरने में भी अक्षम (पैरालाइज़्ड) कर दिया। 29 दिनों तक कोमा में रहने के बाद जब अनु होश में आईं, तो वह खुद को पूरी तरह से भूल चुकी थीं। आसान शब्दों में कहा जाए तो वो अपनी याददाश्त खो चुकी थीं।

बताते हैं कि लगभग 3 साल तक चले लंबे उपचार के बाद वे अपनी धुंधली यादों को जानने में सफ़ल हो पाईं। जब वो धीरे-धीरे सामान्य हुईं तो उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया और उन्होंने अपनी सारी संपत्ति दान करके संन्यास की राह चुन ली। साल 2015 में अनु अपनी आत्‍मकथा 'अनयूजवल: मेमोइर ऑफ़ ए गर्ल हू केम बैक फ्रॉम डेड' को लेकर चर्चा में रहीं। इस किताब में उन्होंने अपने जीवन और अध्यात्म की बातों से लेकर अपने रिलेशनशिप तक के बारे में विस्तार से लिखा है।

अनु के मुताबिक यह आत्मकथा उस लड़की की कहानी है जिसकी ज़िंदगी कई टुकड़ों में बंट गई थी और बाद में उसने खुद ही उन टुकड़ों को एक कहानी की तरह जोड़ा है। आज अनु पूरी तरह से ठीक हैं, लेकिन बॉलीवुड से इस खूबसूरत अभिनेत्री ने अपना नाता अब पूरी तरह से तोड़ लिया है! इनदिनों वो बिहार और उत्तराखंड के कुछेक योग आश्रमों में योग सिखाने का काम करती हैं। इन सबके बीच उनका मुंबई आना-जाना भी बना रहता है लेकिन, ग्लैमर की दुनिया से वो पूरी तरह से कट गई हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.