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'ओम शांति ओम' फिल्म का स्पेशन सीन करने के बाद रो दिए थे एक्शन डायरेक्टर श्याम कौशल, जानें पूरा किस्सा

एक आग वाला सीन है। इस सीन की पीछे एक किस्सा है। किस्सा यह है कि इस सीन के बाद फ़िल्म के एक्शन डायरेक्टर श्याम कौशल रो पड़े थे।

By Rajat SinghEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 06:33 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 06:33 PM (IST)
'ओम शांति ओम' फिल्म का स्पेशन सीन करने के बाद रो दिए थे एक्शन डायरेक्टर श्याम कौशल, जानें पूरा किस्सा
'ओम शांति ओम' फिल्म का स्पेशन सीन करने के बाद रो दिए थे एक्शन डायरेक्टर श्याम कौशल, जानें पूरा किस्सा

 नई दिल्ली, जेएनएन। 'ओम शांति ओम' दीपिका पादुकोण और शाहरुख़ ख़ान की वो फ़िल्म है, जिसकी ख़ूब चर्चा होती है। इस फ़िल्म में शाहरुख़ ख़ान का डबल रोल है। खास बात है कि फ़िल्म के गाने आज भी काफी फेमस हैं। वहीं, कई सारे स्टार्स गेस्ट एपरियंस भी इसे खास बनाता है। उसमें एक आग वाला सीन है। इस सीन की पीछे एक किस्सा है। किस्सा यह है कि इस सीन के बाद फ़िल्म के एक्शन डायरेक्टर श्याम कौशल रो पड़े थे। आइए जानते हैं पूरा किस्सा..

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श्याम कौशल यूं तो एक्शन डायरेक्टर हैं, लेकिन अपने एक्शन सीन्स डिजाइन करते वक्त कई बार वह भीतर से घबराए हुए भी रहते हैं। शाह रुख खान और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म 'ओम शांति ओम' के एक सीन का जिक्र करते हुए श्याम ने बताया कि ओम शांति ओम फिल्म का सेट फिल्मसिटी में स्टूडियो के अंदर लगा हुआ था। फिल्म में एक सीन है, जिसमें सेट पर आग का पूरा सीन फिल्माना था। वर्ष 2007 में वीएफएक्स नहीं था। सब कुछ लाइव करना था। सेट पर तीन कैमरे लगे थे। मेरे साथ मेरी टीम थी, जिन्हें आग लगानी और बुझानी थी। रिस्क मेरे पेशे के साथ जुड़ा हुआ है। लेकिन इतने लोगों के जान की जिम्मेदारी मुझ पर थी। उनकी सुरक्षा का एहसास अंदर से इतना डरा रहा था कि लग रहा था मुझे हार्ट अटैक आ जाएगा। हालांकि हमने वह सीन अच्छी तरह से पूरा किया। जब शॉट खत्म हुआ तो मैं साइड में जाकर खूब रोया। लोग मुझ पर विश्वास करके स्टंट करते हैं, ऐसे में उनका भरोसा मुझे बनाए रखना होता है। मैं ईश्वर नहीं हूं, लेकिन अपनी टीम का सही मार्गदर्शन करना मेरा काम है।

आपको बता दें कि फ़िल्मों में वीएफक्स सीन जैसे तकनीक ने काफी कुछ बदल दिया है। वर्ना आपको ऐसे फ़िल्में देखने को नहीं मिलती, जिनकी आप इतनी तारीफ करते हैं। जैसे कि बाहुबली फ़िल्म में जमकर वीएफक्स का इस्तेमाल किया गया है। इसका असर पर्दे पर काफी अलग होता है। समय-समय पर फ़िल्मी की तकनीक में काफी बदलावा हुआ है। एक समय था, जब शूटिंग रील को काटकर एडिंट की जाती थी। अब यह काम कम्प्यूटर बड़े आसानी से हो जा


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