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Interview: राइमा सेन ने कहा- ऐसा नहीं कि सभी इनसाइडर सफल हो गए या सारे आउटसाइडर विफल

Interview हाल ही में जी5 पर रिलीज हुई ‘फॉरबिडन लव’ की एक कहानी में नजर आ रहीं राइमा सेन आत्मविश्वास और प्रतिभा को प्रमुखता देती हैं। वहीं उनका मानना है कि ऐसा नहीं कि सभी इनसाइडर सफल हो गए या सारे आउटसाइडर विफल हो गए हैं।

By Rajat SinghEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 01:05 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 01:11 PM (IST)
Interview: राइमा सेन ने कहा- ऐसा नहीं कि सभी इनसाइडर सफल हो गए या सारे आउटसाइडर विफल
राइमा सेन ( फोटो इंस्टाग्राम से ली गई है। )

नई दिल्ली, जेएनएन। राइमा सेन उन कलाकारों में से हैं जिन्हें अभिनय विरासत में मिला है। नानी सुचित्रा सेन, मां मुनमुन सेन अभिनय की दुनिया से जुड़ी रही हैं। दो दशक से ज्यादा समय से सिनेमा में सक्रिय राइमा सेन हाल में जी5 पर 'फॉरबिडन लव' के तहत रिलीज चार लघु अनोखी प्रेम कहानियों में महेश मांजरेकर निर्देशित 'डायग्नोसिस ऑफ लव' में नजर आई हैं।

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इच्छा हुई पूरी

राइमा अमूमन अपने किरदार के लिए होमवर्क करके आती हैं, लेकिन 'फॉरबिडन लव' के लिए उन्हें पहले से कोई तैयारी नहीं करनी पड़ी। वह कहती हैं, 'मैं हमेशा से महेश मांजरेकर के साथ काम करना चाहती थी। मेरी बहन रिया सेन उनके साथ काम कर चुकी हैं। मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं। वह निर्देशक होने के साथ-साथ बेहतरीन कलाकार भी हैं। भले ही यह शॉर्ट फिल्म है, लेकिन मुझे उनके साथ काम करके बहुत कुछ सीखने को मिला। जब आपके सामने बेहतरीन निर्देशक और कलाकार हो तो आपकी एक्टिंग भी अच्छी हो जाती है। इस किरदार के लिए मैंने सेट पर ही उनके साथ रीडिंग की वर्ना फिल्मों के लिए अममून दस दिनों की वर्कशॉप तो होती ही है।'

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आज भी याद है वह डांट

राइमा की डेब्यू फिल्म 'गॉडमदर' को रिलीज हुए 21 साल पूरे हुए हैं। अपनी डेब्यू फिल्म की यादों को ताजा करते हुए राइमा बताती हैं, 'मैं तब करीब 17 साल की थी। पहली फिल्म थी तो बहुत डरी हुई थी। उस फिल्म में शबाना आजमी जैसी मंझी हुई अभिनेत्री मेरे साथ थीं। मैं उनकी फैन रही हूं। तब उन्होंने मुझे सहज किया था। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। मैं आज भी कभी-कभी अपनी पुरानी फिल्मों को देखती हूं तब कई बार सीन देखकर लगता है कि उसे बेहतर किया जा सकता था। मेरी फिल्म 'मनोरमा- सिक्स फीट अंडर' की रिलीज को भी 13 साल पूरे हुए हैं। इसके एक सीन के लिए मुझे निर्देशक की बहुत डांट पड़ी थी। वह डांट आज भी याद है।'

बन सकती है जगह

फॉर्मूला फिल्मों में काम करने को लेकर वह कहती हैं, 'मेरा मानना है कि अगर आपके पास टैंलेंट नहीं है तो आप फॉर्मूला फिल्म भी नहीं कर पाएंगे। उन फिल्मों को करने के लिए अभिनय के अलावा डांस और कॉमेडी करने जैसी चीजें आना जरूरी होता है। यह काफी मुश्किल भी होता है।' फिल्मों में परिवारवाद को लेकर जारी बहस से राइमा परेशान नहीं होतीं। इस पर वह कहती हैं, 'ऐसा नहीं कि सभी इनसाइडर सफल हो गए या सारे आउटसाइडर विफल हो गए। मेरा मानना है कि आपमें अगर आत्मविश्वास है, खुद को साबित करने का माद्दा और प्रतिभा है तो आप अपनी जगह बना सकते हैं।'

खुद पर खर्च किया समय

लॉकडाउन के दौरान समय के सदुपयोग के बारे में राइमा कहती हैं, 'इस दौरान मैंने खुद पर बहुत समय खर्च किया। मैंने काफी जिम किया, इतना जिम मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं किया था। खूब फिल्में देखीं और बहुत सारी किताबें पढ़ीं। घर में पैरेंट्स के साथ रही। मेरी मम्मी को किताबें पढ़ने का बहुत शौक है। उनके साथ कई मुद्दों पर बात होती थी। बहरहाल, अब पुरानी जीवनशैली शुरू हो गई है। अभी वेब सीरीज 'ब्लैक विडो' की शूटिंग कर रही हूं। इसके बाद 'देवदास' की शूटिंग करूंगी। इसमें चंद्रमुखी का किरदार निभा रही हूं।' (स्मिता श्रीवास्तव के साथ बातचीत पर आधारित) 


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