डिजिटल से तय होगा शोहरत का सफर, जानें इस बारे में क्या सोचते हैं स्टार्स
श्रीदेवी का स्टारडम भी लंबे समय तक कायम रहा। बॉक्स ऑफिस सफलता के लिए कलाकारों का आकर्षक और स्टाइलिश दिखना जरूरी माना गया।
नई दिल्ली, जेएनएन। स्मिता श्रीवास्तव। अमिताभ बच्चन से लेकर शाह रुख खान, सलमान खान, माधुरी दीक्षित, अनुष्का शर्मा जैसे सितारों का स्टारडम फिल्मों की वजह से है। डिजिटल पर फिल्मों के आने से क्या कलाकारों को वैसा स्टारडम मिलेगा। जानें आखिर इस संबंध में क्या राय रखते हैं सितारे...
कलाकारों का स्टारडम दर्शकों को सिनेमाघर तक खींच लाता है। हालांकि इसे पाना और बरकरार रख पाना आसान नहींहै। हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार का दर्जा पाने वाले राजेश खन्ना के प्रति लड़कियों की दीवानगी इस कदर थी कि उनकी एक झलक पाने के लिए घंटों लाइन लगाती थीं। उनकी फोटो से शादी करने की भी खबरें आई हैं। राजेश खन्ना को यह स्टारडम वर्ष 1969 से लेकर 1971 के दौरान लगातार 15 हिट फिल्में देने की वजह से मिला। उनके बाद अमिताभ बच्चन के स्टारडम का जादू ऐसा चला जो बदस्तूर आज तक कायम है। 'जंजीर' में निभाई इंस्पेक्टर विजय खन्ना की भूमिका ने उन्हें शोहरत दी। 'जंजीर', 'दीवार', 'शोले' जैसे फिल्मों में विद्रोही तेवर की वजह से उन्हें एंग्री यंग मैन का खिताब मिला। उनके करिश्माई व्यक्तित्व और प्रतिभा को देखते हुए फ्रेंच डायरेक्टर फ्रांसिस ट्रोफू ने उन्हें वन मैन इंडस्ट्री तक कह डाला था। अपनी पीढ़ी के वह एकमात्र अभिनेता हैं जिन्होंने वक्त के साथ खुद को ढाला और आज भी अपना स्टारडम बरकरार रखे हुए हैं। सितारों का यह स्टारडम तय करने में बॉक्स ऑफिस अहम होता है।
बीते दिनों अमिताभ ने साल 1977 में मनमोहन देसाई के निर्देशन में बनी फिल्म 'अमर अकबर एंथोनी' के 43 साल पूरे होने पर लिखा कि इस फिल्म ने उस समय 7.25 करोड़ रुपये का बिजनेस किया। आज की मंहगाई दर के हिसाब से कमाई के मामले में इस फिल्म ने 'बाहुबली 2' को भी पीछे छोड़ दिया था। मुंबई के 25 सिनेमाघरों में यह फिल्म 25 हफ्तों तक चली। ऐसा अब नहीं होता। वे दिन गुजर चुके हैं।
श्रीदेवी का स्टारडम भी लंबे समय तक कायम रहा। बॉक्स ऑफिस सफलता के लिए कलाकारों का आकर्षक और स्टाइलिश दिखना जरूरी माना गया। डिजिटल प्लेटफॉर्म के आने से मनोरंजन की दुनिया में नए युग का सूत्रपात हुआ है। सारा दारोमदार उम्दा कहानी और परफार्मेंस पर है। इसमें एक सवाल यह भी मथ कर आ रहा है कि क्या हिंदी सिनेमा के सितारों की तरह डिजिटल के कलाकारों का स्टारडम भी देखने को मिलेगा।
'पाताल लोक' से बतौर निर्माता डिजिटल पर डेब्यू करने वाली अभिनेत्री अनुष्का शर्मा मानती हैं, 'किसी स्थापित चेहरे को लेना इस प्लेटफॉर्म के लिए जरूरी नहीं है। यहां पर स्टारडम से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। यहां पर कंटेंट मायने रखता है। फिल्मों में आपको कम समय में लागत वसूल करनी होती है, क्योंकि अगले हफ्ते दूसरी फिल्म रिलीज के लिए तैयार रहती है। इसलिए वहां पर स्टारडम का दवाब रहता है, क्योंकि दर्शकों तक पहुंचने का समय कम होता है, पर इन प्लेटफॉम्र्स पर समय की पाबंदी नहीं होती है। यहां सबसे जरूरी है कि एक्टर वह किरदार बन जाए, जो उसे दिया गया है।'
डिजिटल प्लेटफॉर्म के आने से उन कलाकारों को फलने-फूलने का मौका मिला है जो फिल्मों में अक्सर सहयोगी भूमिका में बंध कर रह जाते हैं। इस प्लेटफॉर्म ने पंकज त्रिपाठी, मिथिला पार्कर, जितेंद्र कुमार, शोभिता धूलिपाला जैसे कलाकारों को शोहरत दी है। फिल्मों के साथ डिजिटल पर सक्रिय मनोज बाजपेयी का कहना है, 'स्टारडम की परिभाषा वक्त के साथ बदलती रही है। ओटीटी प्लेटफॉर्म मनोरंजन की दुनिया में बदलाव लेकर आया है। डिजिटल की दुनिया के अपने फेवरेट होंगे। उसे अलग तरह से सराहेंगे। यह स्टारडम अलग तरीके का होगा।'
खानत्रयी यानी आमिर खान, शाह रुख खान और सलमान खान दो दशकों से करोड़ों फैैंस का प्यार पा रहे हैं। रिलीज से पहले ही उनकी फिल्म सैटेलाइट राइट, म्यूजिक राइट और डिजिटल करार से लागत से ज्यादा कीमत वसूल लेती है। इंटरनेट क्रांति के दौर में भले ही सितारों को खून भरे खत नहीं आते, मगर उनके फेसबुक व ट्विटर अकाउंट पर फैैंस प्यार भरे संदेश भेजा करते हैं। साउथ में रजनीकांत, पवन कल्याण, कमल हासन, चिरंजीवी के ढेर सारे फैन क्लब हैं। ये सितारे अपने दम पर पहले वीकेंड पर भीड़ जुटा लेते हैं। यदि फिल्म नहीं चल पाती है तो दोष फिल्म की गुणवत्ता को जाता है।
माधुरी दीक्षित मानती हैं कि डिजिटल में कंटेंट ही उसका सबसे बड़ा हथियार बन रहा है। मराठी फिल्म '15 अगस्त' से फिल्म निर्माण में उतरी माधुरी अब करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस तले बनने जा रहे वेब शो से डिजिटल डेब्यू करने जा रही है। उनकी फिल्म 'हम आपके हैं कौन' हिंदी सिनेमा में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्मों में से एक है। डिजिटल स्टारडम को लेकर माधुरी कहती हैं, 'यह निर्भर करेगा कि कलाकार किस हुनर के साथ इस प्लेटफॉर्म पर आ रहे हैं और क्या करते हैं। अभी लोगों का अटेंशन स्पैन कम होता जा रहा है। ऐसे
में यह पाना कठिन है, लेकिन प्रतिभावान कलाकार उसे हासिल कर पाएंगे।'
वहीं 36 साल से सिनेमा में सक्रिय अनुपम खेर कहते हैं, 'अब टिक टॉक और यूट्यूब के भी स्टार हैं। उनके फॉलोवर्स की संख्या फिल्मी सितारों से कहीं ज्यादा है। मगर सबसे अहम यह है कि आप अपने व्यक्तित्व को किस प्रकार साधकर चलते हैं। स्टारडम के लिए पांच-दस साल का आपके कार्य का अवलोकन क्या रहा है? लोगों की आपके बारे में क्या राय है, यह अहम है। अब फिल्मों के जरिए ही आपको दर्शकों तक नहीं पहुंचना है। अपने व्यक्तित्व और चरित्र के जरिए पहुंचना है। उससे भी स्टारडम तय होगा।'