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कॉमेडी की लेटेस्ट कंट्रोवर्सी: अब सुनील पाल से भिड़े तन्मय भट्ट और वीर दास

सुनील ने यह दावा किया है कि उन्होंने कभी सोलो परफोर्मेंस में भद्दे/ फूहड़ मज़ाक या फिर कोई भी ऐसे डबल मीनिंग शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 05:11 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 05:11 PM (IST)
कॉमेडी की लेटेस्ट कंट्रोवर्सी: अब सुनील पाल से भिड़े तन्मय भट्ट और वीर दास
कॉमेडी की लेटेस्ट कंट्रोवर्सी: अब सुनील पाल से भिड़े तन्मय भट्ट और वीर दास

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर की लड़ाई अभी थमी ही थी कि कॉमेडी की दुनिया में एक और नयी कंट्रोवर्सी शुरू हो गई है और इस बार अखाड़े में हैं सुनील पाल, वीर दास और तन्मय भट्ट हैं। जबकि मामला इन तीनों से जुड़ा ही नहीं है।

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हुआ यह है कि शाहरुख़ खान की फिल्म जब हैरी मेट सेजल में सेंसर बोर्ड ने इंटरकोर्स शब्द पर आपत्ति जतायी फिर कहा कि अगर उन्हें एक लाख लोगों के वोट्स मिलते हैं तब जा कर इस शब्द को फिल्म में रहने दिया जाएगा। अब इस फिल्म से भले ही सुनील, तन्मय या वीर का ही कोई लेना देना नहीं है लेकिन सुनील पाल ने एक टीवी चैनल के डिबेट में यह कह दिया कि ऐसी शर्त रख कर सेंसर प्रमुख पहलाज निहलानी ने जता दिया है कि ये उनकी मिली-भगत है। जाहिर है कि इतने करोड़ों वाली आबादी में अगर एक लाख से यह बात पूछी जा रही है तो उनके फैन्स हैं वह हां ही कहेंगे। मुद्दा तो यह है कि फिल्मों में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल ही क्यों हो। सलमान और शाहरुख़ तो बड़े सुपरस्टार हैं। लोग ऐसे भी उनकी फिल्में देखना पसंद करते हैं तो उन्हें इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

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सुनील की ये बातें सुन कर वीर दास और तन्मय भट्ट ने उनपर भड़ास निकाली है। ट्विटर पर वीर ने एक लंबा पोस्ट लिखा है कि हर किसी की कॉमेडी करने का अपना अंदाज़ होता है। ऐसे में सुनील पाल जैसे लीजेंडरी कॉमेडियन की ऐसी प्रतिक्रिया निराश करती है। तन्मय भट्ट ने भी विरोध में ट्वीट किया है।  

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इस बारे में जब जागरण डॉट कॉम से सुनील पाल से पूरा माजरा समझने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी ही नहीं थी कि उनके बारे में किसी ने ट्विटर पर कुछ लिखा है। जानकारी देने पर सुनील पाल ने कहा कि जो भी कहा है सोच समझ कर कहा है। उन्होंने कहा कि मनोरंजन बिना डबल मीनिंग के भी किया जा सकता है। सुनील ने यह दावा किया है कि उन्होंने कभी सोलो परफोर्मेंस में ' भद्दे/ फूहड़ मज़ाक या फिर कोई भी ऐसे डबल मीनिंग शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है। दूसरी बात जो उनका कहना है कि क्यों ऐसा न हो कि अगर ऐसे शब्द हैं तो उसे अडल्ट फिल्म की श्रेणी में रखा जाये. सुनील ने कहा है कि उन्होंने अपनी बात रखी है। इससे ज़्यादा और मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा।

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बता दें कि तन्मय भट्ट भी अपनी अडल्ट कॉमेडी स्टाइल के कारण पहले भी विवाद में फंस चुके हैं। साथ ही वीर दास भी अपनी बोल्डनेस कॉमेडी के लिए माने जाते हैं।


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