जब निराश होकर रात को रोते-रोते सो जाती थीं विद्या बालन, जानिए किस बात के लिए एक्ट्रेस का झलता दर्द
विद्या बालन आज के समय में बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने अकेले अपने दम पर कई हिट फिल्में भी दी हैं लेकिन एक समय ऐसा भी थी जब विद्या बालन को फिल्म इंडस्ट्री में काफी रिजेक्शन्स का सामना करना पड़ा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। विद्या बालन आज के समय में बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्रियों में से एक हैं। उन्होंने अकेले अपने दम पर कई हिट फिल्में भी दी हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी थी जब विद्या बालन को फिल्म इंडस्ट्री में काफी रिजेक्शन्स का सामना करना पड़ा था। इन रिजेक्शन्स से अभिनेत्री इतना परेशान हो गई थीं कि वह हर रोज रात को रोती और फिर सो जाती थीं।
इस बात का खुलासा खुद विद्या बालन ने किया है। उन्होंने अंग्रेजी वेबसाइट बॉलीवुड बबल से बातचीत की। इस दौरान विद्या बालन ने अपनी निजी जिंदगी के अलावा फिल्मी करियर को लेकर लंबी बातचीत की। विद्या बालन ने अभिनय की शुरुआत साल 1995 में टीवी सीरियल हम पांच से की थी। वहीं उन्होंने बंगाली फिल्म भालो थेको से सिनेमा में शुरुआत की थी।
इससे पहले विद्या बालन को काफी रिजेक्शन्स का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि उस समय मैं निराशाजनक महसूस करती थी। साउथ इंडस्ट्री में लगातार रिजेक्शन देखने के बाद मैं रोज रात में रोते-रोते सोती थी। यह बात साल 2002-03 की है। मैं यह महसूस करती थी कि मैं कभी कलाकार बन ही नहीं पाऊंगी, लेकिन अगली सुबह मैं उठती थी। वह सूरज की किरण मुझे उम्मीद देती थी।'
विद्या बालन ने आगे कहा, 'मैं सोचती थी कि अगर मैं एक सुबह सूरज को उगते देख सकती हूं तो इसका मतलब है मेरे पास एक मौका और है, तो ऐसे में मैं जिन चीजों से निकल रही थी, वह मायने नहीं रखता था। मेरे माता-पिता ने मुझे काफी सपोर्ट किया और मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहती हूं।' इससे पहले विद्या बालन अपने वेब फिल्म शेरनी को लेकर सुर्खियों में थीं।
विद्या बालन की फिल्म शेरनी 18 जून को ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया था। इस फिल्म का निर्देशन अमित मसुरकर ने किया है। शेरनी फिल्म में विद्या बालन की अहम भूमिका है। उन्होंने फिल्म में वन विभाग की आधिकारिक का रोल अदा किया है। इस फिल्म को दर्शकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।