दसवीं पास हैं हेमा मालिनी! ड्रीम गर्ल के बर्थडे पर जानिए उनकी अंजानी बातें
सालों दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी आज अपना 66वां जन्मदिन मना रही हैं। क्या आप जानते हैं
मुंबई। सालों दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी आज अपना 66वां जन्मदिन मना रही हैं। क्या आप जानते हैं कि ये ड्रीम गर्ल सिर्फ 10वीं पास है? आइए हेमा के जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी ही दिलचस्प बातों पर डालते हैं एक नजर -
हेमा के पास महज 14 साल की उम्र में 10वीं से ही फिल्मों के ऑफर आने लगे थे जिसके चलते वो अपनी परीक्षा भी नहीं दे सकीं। बताया जाता है कि उन्होंने दसवीं बाद में पास की थी।
हेमा ने 1968 में फिल्म 'सपनों के सौदागर' से अपने करियर की शुरुआत की जिसमें राज कपूर मुख्य किरदार में थे। उस वक्त राज कपूर ने कहा था कि हेमा एक दिन फिल्म जगत का बहुत बड़ा सितारा बनेंगी। उनकी ये बात सच साबित हुई।
1970 में आई फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' सुपरहिट साबित हुई और इसके साथ ही फिल्म दुनिया में हेमा को गंभीरता से लिया जाने लगा।
हेमा ने 1972 में आई फिल्म 'सीता और गीता' में डबल रोल निभाया। फिल्म कामयाब रही और हेमा रातोंरात स्टार बन गईं। इस फिल्म ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिलाया।
हेमा निर्देशन के क्षेत्र में भी हाथ आजमा चुकी हैं। उन्होंने फिल्म 'दिल आशना है' का निर्देशन किया था, जिसमें शाहरुख खान को भी मौका दिया गया था। भले ही दीवाना शाहरुख की पहली फिल्म मानी जाती है, लेकिन शाहरुख को सबसे पहले फिल्म का ऑफर हेमा मालिनी ने ही दिल आशना के लिए दिया था।
2004 में हेमा राजनीति में आई गईं। फिलहाल वे मथुरा से लोकसभा सांसद हैं।
हेमा न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं बल्कि एक शानदार डांसर भी हैं। उन्हें भरतनाट्यम, कुचीपुड़ी और ओडिसी में प्रशिक्षण प्राप्त है और वो देश-विदेश में स्टेज परफॉर्मेंस भी देती हैं।
फिल्म 'सत्यम शिवस सुंदरम' का ऑफर पहले हेमा को दिया गया था लेकिन फिल्म में जरूरत से ज्यादा अंग प्रदर्शन की मांग के चलते हेमा ने फिल्म से इंकार कर दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हेमा के बहुत बड़े फैन थे। जब हेमा उनसे पहली बार मिली थी तो वाजपेयी बहुत शरमा रहे थे।
हेमा मालिनी की प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई में हुई और अपने कैरियर की शुरुवार मे ही उन्होनें 1961 में एक तेलगु फिल्म 'पांडव वनवासन' में नर्तकी का किरदार निभाया था।
हेमा ने 1964 में फिल्मों में बतौर अभिनेत्री शुरुआत करनी चाही। उस वक्त तमिल फिल्मों के अभिनेता श्रीधर ने उन्हें ये कहकर रोल देने से इनकार कर दिया कि हेमा में सितारों जैसी कोई बात नहीं है।
विडंबना है कि सत्तर के दशक में श्रीधर ने ही हेमा की लोकप्रियता के चलते 1973 में उन्हें लेकर फिल्म 'गहरी चाल' बनाई।
हेमा के आलोचकों की भी कमी नहीं थी। उनका कहना था कि हेमा सिर्फ खूबसूरत दिखती हैं, अभिनय उनके बस की बात नहीं है। लेकिन खुशबू, किनारा और मीरा जैसी फिल्मों गंभीर किरदार निभाकर उन्होंने सभी के मुंह पर ताला लगा दिया।
बहुत सारे अभिनेता हेमा की खूबसूरती के दिवाने थे। जीतेंद्र और संजीव कुमार हेमा से शादी करना चाहते थे। लेकिन रेखा का दिल पहले से शादीशुदा धर्मेंद्र पर आ गया।
हेमा और धर्मेंद्र का रिश्ता दोनों के परिवारों को स्वीकार नहीं था लेकिन दोनों एक-दूसरे को छोड़ना भी नहीं चाहते थे।
धर्मेंद्र ने शर्त रखी थी कि वो शादी के बाद अपनी पहली पत्नी प्रकाश, बच्चों और परिवार को नहीं छोड़ेंगे। धर्मेंद्र के प्यार में पूरी तरह डूब चुकी हेमा ने उनकी ये शर्त मान ली।
हिन्दू होने के चलते धर्मेंद्र हेमा से शादी नहीं कर सकते थे इसलिए उन्होंने मुस्लिम धर्म कबूल कर लिया था।
हेमा की मां जया चक्रवर्ती एक फिल्म निर्माता थी।
हेमा के करियर में निर्देशक रमेश सिप्पी का बहुत बड़ा योगदान था।
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