Sushant Singh Rajput Case: सुशांत मामले में ड्रग्स खुलासे के बाद अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी करेगा जांच
Sushant Singh Rajput Case सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने फ्लैट पर मृत पाए गए थे।
नई दिल्ली, जेएनएनl नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निदेशक राकेश अस्थाना ने कहा है कि वे अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में शामिल होंगे। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के निदेशक राकेश अस्थाना ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में प्रवर्तन निदेशालय के निष्कर्षों का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने सबूत में पाया है कि दिवंगत अभिनेता और उनकी प्रेमिका रिया चक्रवर्ती को ड्रग्स की आपूर्ति की गई थी।
राकेश अस्थाना ने कहा, 'हमें मंगलवार शाम को ईडी से एक पत्र मिला जिसमें कहा गया था कि वित्तीय लेन-देन की जांच के दौरान उन्होंने पाया कि रिया और सुशांत को ड्रग्स की आपूर्ति की गई थी। एनसीबी की एक टीम अब जांच करेगी और इसमें शामिल लोगों से पूछताछ की जाएगी। इसलिए NCB जांच में भी शामिल होगा।' ईडी के सूत्रों ने कहा कि रिया की टैलेंट मैनेजर जया साहा से पूछताछ के दौरान उनके बीच ड्रग्स के बारे में बातचीत होने की बात कही है। हालांकि तीनों एजेंसियों में से किसी ने भी ना तो ड्रग्स का कोई विवरण नहीं दिया है और ना ही मामले में शामिल किसी भी व्यक्ति द्वारा इसके सेवन की बात कही है।
Receive without pride, let go without attachment. #Meditations
इस बीच रिया के वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा, 'रिया ने अपने जीवन काल में कभी भी ड्रग्स का सेवन नहीं किया है। वह किसी भी समय रक्त परीक्षण के लिए तैयार है।' सुशांत के पिता के.के. सिंह के वकील विकास सिंह ने बुधवार को कहा कि यह गंभीर मामला है अगर कुछ मीडिया चैनलों द्वारा बताई गई 'ड्रग की समस्या' सही हैतो यह सुशांत की मौत के मामले में जांच का दायरा बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा, 'अगर यह ड्रग्स वाली बात सच है जैसा कि कुछ मीडिया चैनलों ने दिखाया है तो निश्चित रूप से यह बहुत गंभीर मामला है। जब परिवार ने एफआईआर दर्ज की थी, तो इस बात का आभास हुआ कि सुशांत ड्रग ज्यादा ले रहा था। लेकिन तब हमारा मतलब था कि डॉक्टर के पर्ची वाली दवा जो कुछ मनोचिकित्सक के निर्देश पर दी जा रही थी।'
सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को अपने फ्लैट पर मृत पाए गए थे। सुशांत सिंह राजपूत के पिता के.के. सिंह द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गई पहली एफआईआर की वैधता को बरकरार रखने के बादशीर्ष अदालत ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है।