Rhea Chakraborty ज़मानत केस में NCB की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'टिप्पणी के ख़िलाफ़ याचिका दायर नहीं की जा सकती'
पिछले साल 7 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने रिया को एक लाख रुपये के बॉन्ड पर ज़मानत दी थी। रिया उन 20 लोगों में शामिल थीं जिन्हें एनसीबी ने सुशांत सिंह राजपूत डेथ से संबंधित ड्रग्स केस में गिरफ़्तार किया था। रिया ने 28 दिन जेल में बिताये थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। रिया चक्रवर्ती बेल मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज़मानत आदेश में की गयी टिप्पणियों के ख़िलाफ़ याचिका दायर नहीं की जा सकती। बॉम्बे हाई कोर्ट ने रिया को ज़मानत देते वक़्त जो टिप्पणी की थीं, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने उन्हें हटाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उच्चतम न्यायालय ने साफ़ कहा कि इसके लिए ज़मानत को चुनौती देनी होगी।
समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के अनुसार, मामले की सुनवाई जस्टिस एसए बोबडे, एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की बेंच कर रही थी। एनसीबी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वो ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली ज़मानत के ख़िलाफ़ नहीं है, बल्कि इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के ऑब्ज़र्वेशन का विरोध कर रहा है। बेंच ने एनसीबी की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता तुषार मेहता से कहा कि अगर वो बॉम्बे हाई कोर्ट की टिप्पणी को पलटना चाहते हैं तो इसके लिए एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को मिली ज़मानत को चुनौती देनी होगी।
तुषार मेहता ने कहा था कि एनसीबी रिया को मिली ज़मानत के ख़िलाफ़ नहीं है, बल्कि हाई कोर्ट ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट को लेकर कुछ ऑब्ज़र्वेशन दिये हैं, एनसीबी को उससे दिक्कत है, क्योंकि इन ऑब्ज़र्वेशंस के चलते एजेंसी के लिए अपराध को तय करना और दोषी ठहराना मुश्किल होगा। बेंच ने साफ़ कहा कि ज़मानत को चुनौती दिये बिना ऑब्ज़र्वेशंस को चुनौती नहीं दी जा सकती। इस पर तुषार मेहता ने कहा कि वो याचिका में बदलाव करके ज़मानत को भी चुनौती देंगे। मामले की सुनवाई अब अगले हफ़्ते की जाएगी।
बता दें, पिछले साल 7 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने रिया को एक लाख रुपये के बॉन्ड पर ज़मानत दी थी। रिया उन 20 लोगों में शामिल थीं, जिन्हें एनसीबी ने सुशांत सिंह राजपूत डेथ से संबंधित ड्रग्स केस में गिरफ़्तार किया था। रिया ने 28 दिन जेल में बिताये थे। रिया के वक़ील ने दलील दी थी कि 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते एनसीबी के पास इस मामले की जांच करने का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत केस से संबंधित सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी थी। जिन मामलों मे एनसीबी ने गिरफ़्तार किया था, उन सभी में ज़मानत मिल सकती थी। वहीं, एनडीपीएस एक्ट के सेक्शन 217 ए के तहत लगाये गये आरापों को बल देने के लिए सबूत काफ़ी नहीं थे।
रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शौविक चक्रवर्ती समेत पांच लोगों पर दिवंगत एक्टर के लिए ड्रग्स का इंतज़ाम करने के आरोप थे। एनडीपीएस की विशेष अदालत से ख़ारिज़ होने के बाद सभी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में ज़मानत याचिका दायर की थी। रिया को जिन शर्तों पर ज़मानत मिली, उसके तहत उन्हें अपना पासपोर्ट एनसीबी के पास ज़मा करना था और 10 दिनों तक स्थानीय पुलिस स्टेशन में हाज़िरी देनी थी। साथ ही एनसीबी को सूचित किये बिना मुंबई से बाहर नहीं जाना था।
रिया के करियर की बात करें तो वो 9 अप्रैल को रिलीज़ हो रही फ़िल्म चेहरे में दिखायी देंगी। रूमी जाफरी निर्देशित फ़िल्म में अमिताभ बच्चन, इमरान हाशमी, रघुबीर यादव, अन्नू कपूर, धृतिमान चटर्जी और क्रिस्टल डिसूज़ा प्रमुख किरदार निभा रहे हैं।