Lok Sabha Elections 2019: क्या Hit होगी सनी की सियासी फ़िल्म, यहां सुपरस्टार भी हुए Flop
Lok Sabha Elections 2019 सिनेमा में अपनी अदाकारी से लोगों के दिल जीतने वाले सियासत में फ्लॉप साबित हुए और आख़िरकार उन्हें कुछ वक़्त बाद सिनेमा की तरफ़ लौटना पड़ा...
मुंबई। लोक सभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान आज (29 अप्रैल) मुंबई में हो रहा है। मुंबई का नाम आते ही बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ का ग्लैमर ख़ुद-ब-ख़ुद चुनाव से जुड़ जाता है। इस बार तो कई सेलेब्रिटीज़ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लोक सभा चुनावों से जुड़ गये हैं। राजनीति की डोर थामने वाले ताज़ा सेलेब्रिटी सनी देओल हैं, जो अभिनेता से नेता के मोड में आ चुके है। भाजपा के टिकट पर गुरदासपुर से चुनाव लड़ रहे सनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं।
सनी का राजनीति ज्वाइन करना थोड़ा चौंकाने वाला फ़ैसला है, क्योंकि पर्दे पर सनी चाहे जितने तेवर दिखा लें, मगर रियल लाइफ़ में वो अपने शर्मीले व्यक्तित्व के लिये मशहूर हैं। बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी उनकी इमेज कभी सियासत करने वाले एक्टर की नहीं रही। बहरहाल, इन कयासों के बीच सनी ने आज अपना नामांकन दाख़िल करके बाकायदा चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है। सनी अमृतसर से रोड शो करते हुए गुरदासपुर पहुंचे। छोटे भाई बॉबी देओल साथ में थे।
गुरदासपुर के लोगोंको मेरा सलाम ।@BJP4Punjab #Elections2019 pic.twitter.com/yvZXHj7IGj — Sunny Deol (@iamsunnydeol) April 29, 2019
सनी की यह सियासी पारी क्या रंग दिखाती है, यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा, मगर बॉलीवुड में ऐसे अभिनेताओं की कमी नहीं है, जिन्होंने सिनेमा की दुनिया में जो स्टारडम हासिल किया, वैसा वो सियासत के मंच पर नहीं दिखा सके। सिनेमा में अपनी अदाकारी से लोगों के दिल जीतने वाले, सियासत में फ्लॉप साबित हुए और आख़िरकार उन्हें कुछ वक़्त बाद सिनेमा की तरफ़ लौटना पड़ा, राजनीति को पूरी तरह अलविदा कहकर।
अमिताभ बच्चन
हिंदी सिनेमा के पर्दे पर नायक के नए तेवर पेश करने वाले अमिताभ बच्चन ने सियासत में क़िस्मत आज़मायी और 1984 में इलाहाबाद से रिकॉर्ड मतों से लोकसभा चुनाव जीता भी, मगर तीन साल बाद ही अमिताभ बच्चन को अहसास हो गया कि राजनीति के वो कभी सुपरस्टार नहीं बन सकते। बच्चन ने इस्तीफ़ा देकर सियासत छोड़ दी। राजनीति छोड़ने के बाद अमिताभ फ़िल्मों की तरफ़ लौटे और अभी तक उनकी अदाकारी सफ़र जारी है। अमिताभ की पिछली फ़िल्म 'बदला' बॉक्स ऑफ़िस पर कामयाब रही है। अब वो 'झुंड' और 'ब्रह्मास्त्र' में नज़र आएंगे।
धर्मेंद्र
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सनी देओल के डैड धर्मेंद्र का फ़िल्मी सफ़र जितना शानदार रहा, उनका पॉलिटिकल करियर उतना ही आलोचनाओं का शिकार बना। धर्मेंद्र ने 2004 में बीकानेर से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता, मगर संसद में ग़ैरहाज़िरी के लिए उन्हें क्रिटिसाइज़ किया जाता रहा। धर्मेंद्र ने इसके बाद राजनीति छोड़ दी। राजनीति छोड़ने के बाद धर्मेंद्र ने फ़िल्मों का रुख़ किया। उनकी पिछली फ़िल्म यमला पगला दीवाना फिर से है, जो 2018 में आयी थी। इस फ़िल्म में धर्मेंद्र ने सनी और बॉबी के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया था।
राजेश खन्ना
राजेश खन्ना जैसा स्टारडम हिंदी सिनेमा के किसी सुपरस्टार ने नहीं देखा और भविष्य में इसकी संभावना भी कम है। मगर, राजनीति के मंच पर राजेश खन्ना फ्लॉप एक्टर साबित हुए। कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतकर राजेश खन्ना 1992 से 1996 कर नई दिल्ली के सांसद रहे, मगर सियासत की पारी लंबी नहीं चली। हालांकि इसके बाद उनकी फ़िल्मी पारी भी कुछ ख़ास नहीं रही। राजेश खन्ना ने कुछ फ़िल्मों में चरित्र भूमिकाएं निभायीं, मगर कोई असर पैदा नहीं कर सकीं।
गोविंदा
गोविंदा ने हिंदी सिनेमा में अपनी कॉमिक टाइमिंग से फ़ैंस का ख़ूब मनोरंजन किया है, मगर जब इस स्टारडम को राजनीति में करियर बनाने के लिए इस्तेमाल किया तो ट्रैजडी हो गयी। 2004 में गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर मुंबई की विरार कांस्टिचुएंसी से लोकसभा चुनाव लड़ा, जीते भी, मगर उनका कार्यकाल काफ़ी विवादों भरा रहा। 2008 में गोविंदा ने अपने पॉलिटिकल करियर के क्लाइमेक्स का एलान कर दिया। राजनीति से संन्यास लेने के बाद गोविंदा भी अपने फ़िल्मी करियर को रिवाइव करने की कोशिशों में जुट गये, मगर उन्हें कामयाबी नहीं मिली। चीची को फ़िल्में तो मिल रही हैं, मगर उनका करियर उछाल नहीं ले सका। गोविंदा की आख़िरी फ़िल्म रंगीला राजा है, जो इसी साल रिलीज़ हुई और फ्लॉप रही।
संजय दत्त
संजय दत्त के पिता सुनीत दत्त कामयाब राजनेता थे। उनकी बहन प्रिया दत्त भी राजनीति में सक्सेसफुल रही हैं। मगर, संजय पॉलिटिक्स में फ्लॉप रहे। उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के टिकट पर नामांकन करवाया मगर अदालत ने उनके कंविक्शन को सस्पेंड करने के इंकार कर दिया, जिसके चलते चुनाव नहीं लड़ सके। उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया, मगर 2010 में संजय ने पद और पार्टी छोड़ दी। राजनीति को अलविदा कहने के बाद संजय दत्त ने फ़िल्मों पर फोकस किया है और उन्हें काम मिल भी रहा है। संजय हाल ही में कलंक में दिखायी दिये थे और अब वो आशुतोष गोवारिकर की फ़िल्म पानीपत में नज़र आएंगे।
परेश रावल
वेटरन एक्टर परेश रावल भी इस बार लोक सभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। परेश अहमदाबाद पूर्व से भाजपा सांसद हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, परेश ने 4-5 महीने पहले ही पार्टी आलाकमान को अपने फ़ैसले से अवगत करवा दिया था। हालांकि परेश ने कहा है कि बतौर कार्यकर्ता वो भाजपा से जुड़े रहेंगे। परेश रावल का फ़िल्मी करियर भी राजनीति के साथ चलता रहा है। इस साल की हिट फ़िल्म उरी द सर्जीकल स्ट्राइक में वो एक अहम किरदार में दिख चुके हैं।