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17 साल बाद 'सत्यमेव जयते 2' से वापसी कर रही हैं दिव्या खोसला कुमार, बोलीं- 'जोखिम लेने की हिम्मत रखती हूं'

बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का तनाव तो है। रिलीज के तीन दिन फिल्म के लिए बहुत अहम होते हैं। इस फिल्म में मेरा काम पसंद आने के बाद ही मुझे आगे अभिनय के लिए निर्माता-निर्देशक अप्रोच करेंगे। बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बहुत मायने रखता है।

By Pratiksha RanawatEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 01:50 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 01:50 PM (IST)
17 साल बाद 'सत्यमेव जयते 2' से वापसी कर रही हैं दिव्या खोसला कुमार, बोलीं- 'जोखिम लेने की हिम्मत रखती हूं'
दिव्या खोसला कुमार की तस्वीर, फोटो साभार: Instagram

 मुंबई, प्रियंका सिंह। फिल्म ‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’ की रिलीज के 17 साल बाद अभिनेत्री दिव्या खोसला कुमार बड़े पर्दे पर वापसी कर चुकी हैं। जॉन अब्राहम के साथ उनकी फिल्म ‘सत्यमेव जयते 2’ थिएटर में रिलीज हुई है। उनसे बातचीत के अंश...

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फिल्म रिलीज हो चुकी है। किसी बात का तनाव है?

(हंसते हुए) बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का तनाव तो है। रिलीज के तीन दिन फिल्म के लिए बहुत अहम होते हैं। इस फिल्म में मेरा काम पसंद आने के बाद ही मुझे आगे अभिनय के लिए निर्माता-निर्देशक अप्रोच करेंगे। बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बहुत मायने रखता है।

17 साल बाद अभिनय में वापसी करने के निर्णय के पीछे क्या वजह रही?

मैं निर्देशन कर रही थी, लेकिन फिल्म ‘सनम रे’ के बाद मैंने तय किया कि ब्रेक लेकर अब एक्टिंग करनी है। तीन साल इंतजार करने के बाद साल 2019 में मुझे यह फिल्म मिली। जब मिलाप जावेरी ने मुझे इस किरदार के लिए अप्रोच किया था, तब मैंने उनसे यही कहा था कि मेरे किरदार में कोई बात होनी चाहिए। सिर्फ फिल्म करनी है, इसलिए किसी किरदार के लिए हां नहीं करना है। मिलाप ने कहा कि मैंने आपके लिए बहुत सशक्त रोल लिखा है। जब मैंने खुद को स्क्रीन पर देखा तो लगा कि शायद ही मैं खुद को इस किरदार में सोच पाती। मैं अपने किरदार विद्या से बहुत अलग हूं। विद्या राजनेता है, बहुत सशक्त है, मैं इमोशनल लड़की हूं। मैं उसकी खूबियां खुद में लाना चाहती हूं।

आप अक्सर कहती हैं कि आपने करियर में बहुत रिस्क लिए हैं। उनके बारे में बता सकती हैं?

मैं दिल्ली से हूं। जब मुंबई आई थी, तब सिर्फ 17 साल की थी। मैं सोचकर नहीं आई थी कि एक्टर या निर्देशक बनना है। मैं क्रिएटिव हूं तो मेरे अंदर यह भाव था कि कुछ रचनात्मक काम करना है। पहली फिल्म में एक्टिंग करने के बाद लगा कि बहुत कुछ सीखना है। इस वजह से मैंने निर्देशन, सिनेमैटोग्राफी सीखी। करियर में इसी को रिस्क लेना कहते हैं। ‘यारियां’ और ‘सनम रे’ का निर्देशन करने के बाद मैंने अभिनय में वापसी का फैसला किया। यह अच्छा समय है, क्योंकि बेहतरीन कहानियां लिखी जा रही हैं। अपनी कला को दिखाने का मौका जब तक नहीं मिलता, मैं असंतुष्ट रहती हूं। इसी वजह से मैंने काम की तलाश की, म्यूजिक वीडियोज में काम किया, उनका निर्देशन किया।

फिल्म में राजनेता के किरदार के लिए किस तरह की तैयारियां की थीं?

बहुत से लोग मेथड एक्टिंग करते हैं, ताकि वे किरदार बन जाएं। मैं भी वह किरदार बनना चाहती हूं, लेकिन उसके लिए मैं वह जिंदगी नहीं जीने लग जाती हूं। मेरे जीवन में पति हैं, बेटा है, घर है। स्विच ऑन और स्विच ऑफ वाली एक्टिंग करती हूं।

आपको बड़े पर्दे पर देखकर आपके पति भूषण कुमार और बेटे रुहान कितने उत्साहित हैं?

परिवार के सपोर्ट की वजह से ही मैं यहां तक पहुंची हूं। मेरा बेटा बहुत खुश है। वे मुझे हिम्मत और बढ़ावा दे रहे हैं।

अब विवाहित या मां बन चुकी अभिनेत्रियों को जिस तरह के किरदार मिल रहे हैं, उसको लेकर कितनी संतुष्ट हैं?

इस वक्त इंडस्ट्री की सभी बड़ी अभिनेत्रियां दीपिका पादुकोण, अनुष्का शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, सोनम कपूर शादीशुदा हैं। इंडस्ट्री उन्हें खुली बाहों से अपना रही हैं। अब हर तरह के किरदार लिखे जा रहे हैं। निर्देशन, कास्ट्यूम डिपार्टमेंट, कैमरा डिपार्टमेंट में महिलाएं धूम मचा रही हैं।

फिल्म के सेट पर खुद के भीतर के निर्देशक को कितना अंदर रखा?

मैं जब सेट पर एक्टिंग करने के लिए आती हूं तो सिर्फ एक एक्टर के तौर पर आती हूं। अपने निर्देशक पर भरोसा होना जरूरी है। उसके विजन के अनुसार काम करना ही सही तरीका होता है। निर्देशक का आपके काम से खुश होना पहले जरूरी है, क्योंकि वही आपके पहले दर्शक होते हैं।


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