Interview: रवि किशन ने शो ‘स्वर्ण स्वर भारत’ पर की बात, कहा- स्वर्णिम है हमारी संस्कृति
रवि किशन ने अपने अब तक के फिल्मी और टीवी सफर को लेकर एक खास बातचीत की। जिसके दौरान उन्होंने अपने नये रियलिटी शो ‘स्वर्ण स्वर भारत’ के बारे में भी बताया। रवि किशन इस शो की मेजबानी कर रहे हैं।
दीपेश पांडेय, जेएनएन। जी टीवी पर प्रसारित हो रहे भक्ति गानों के रियलिटी शो ‘स्वर्ण स्वर भारत’ की मेजबानी कर रहे हैं रवि किशन। इस शो को स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव से भी जोड़कर बताया जा रहा है। रवि किशन उनके समय प्रबंधन, शो और टीवी तथा फिल्मी सफर को लेकर एक खास बातचीत का हिस्सा बने।
आज के दौर में ऐसे शो की क्या उपयोगिता है?
यह शो हमारे समाज, स्वर्णिम संस्कृति, वास्तविक भारत और देवी-देवताओं को प्रस्तुत करता है। घर की सारी पीढ़ियां एक साथ बैठकर यह शो देखेंगी। हमारा देश सनातनी विचारों, देवी-देवताओं और पूजा-पाठ वाला है। जहां ऐसे शो की सख्त जरूरत थी। ग्राफिकल तौर पर भी यह शो बड़ा भव्य है। हालांकि आज के दौर में ऐसे शो को जल्दी स्पांसर नहीं मिलते हैं।
तो इसे स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव से कैसे जोड़ते हैं?
देश स्वतंत्र होने से पहले क्या-क्या हुआ, इस धरती को कैसे सींचा गया, हम शो के जरिए ऐसी चीजें बताने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ कथाएं भी होंगी, जो हमारे देश की सुंदरता बयां करेंगी। भक्ति के साथ-साथ इसमें राष्ट्रभक्ति गीतों पर भी प्रतिभागी परफार्म करेंगे। सभी चीजों को मिलाकर खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा।
अपने अंदर के राम को जगाने के लिए आप किन सिद्धांतों का पालन करते हैं?
मैं ब्राह्मण परिवार में पला-बढ़ा हूं। हमारे पिता जी हमें सुबह-सुबह चार बजे ब्रह्म मुहूर्त में उठा देते थे। हमें वो आदत पड़ गई है। आज भी हम सुबह-सुबह उठ जाते हैं कि भगवान जाग गए हैं। तब तो हमें कुछ समझ में नहीं आता था, लेकिन बाद में समझ में आया कि ब्रह्म मुहूर्त होता क्या है। हम सबके अंदर भगवान राम और ईश्वर की शक्तियां हैं। हमारा मन और शरीर एक मंदिर है, उसको जागृत करने की आवश्यकता होती है। उसके लिए निस्वार्थ समाजसेवा करनी पड़ती है। जब आप दूसरे का हित देखते हैं, तो आपके अंदर के राम जागते हैं। जब आप देखते हैं कि देश तरक्की कर रहा है तो उसे देखकर हम प्रसन्न होते हैं, तब अंदर के राम जागते हैं।
अपने करियर में टीवी की क्या अहमियत मानते हैं?
बतौर अभिनेता मेरी शुरुआत साल 1991 में काजोल के साथ एक फिल्म से हुई थी। उसके बाद मैंने अक्षय कुमार, शाहरुख खान, सलमान खान के साथ कुछ फिल्में कीं। मैं उन्हीं के बैच का हूं। फिर भी काम ठीक से नहीं मिल रहा था, तो जीविका चलाने के लिए टेलीविजन की तरफ रुख किया। टीवी में मैंने ‘हवाएं’ और ‘हेलो इंस्पेक्टर’ धारावाहिक किया। उससे बिहार और उत्तर प्रदेश में मेरे बहुत से फैन बने। फिर मुझे भोजपुरी फिल्म ‘सैयां हमार’ मिली, वही मुझे भोजपुरी जगत के सुपरस्टार के रास्ते पर ले आई। टीवी बहुत बड़ा प्लेटफार्म है। उसने अमिताभ बच्चन साहब के करियर को पुनर्जीवित कर दिया। ‘बिग बास’ में जाकर मेरे करियर को संजीवनी मिली।
आपकी फिल्म ‘1922 प्रतिकार चौरी-चौरा’ कहां तक पहुंची?
हमने गोरखपुर में इस फिल्म की 50 दिन तक शूटिंग की है। पूर्वांचल के गुमनाम नायकों को दोबारा जीवंत करना है। काकोरी हो या चौरी-चौरा, देश के लिए बलिदान देने वाले कई नायक हुए। हमारे उन नायकों ने ब्रिटिश शासन के अत्याचार का प्रतिकार किया था। उस पर हमने बहुत ही भव्य फिल्म बनाई है, जिसे अप्रैल तक रिलीज करने की संभावना है। मेरे पास ऐसे बहुत से ज्वलंत मुद्दे हैं, जिन्हें लोगों के सामने लाऊंगा।