रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। फिल्म अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान यह कहा कि आजकल महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी एक तरह का घूंघट या बुर्का ओढ़े समाज में घूम रहे हैं।
प्रकाश झा द्वारा निर्मित और अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' में अहम भूमिका अदा करने वाली अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह का मानना है कि, आजकल महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी एक तरह का घूंघट या बुर्का ओढ़े समाज में घूम रहे हैं। रत्ना पाठक शाह कहती हैं समाज में कई विषयों पर पुरुष अपनी राय या तो नहीं देते या देने से बचते हैं। उनकी यह हरकत भी एक तरह से बुर्का पहनने जैसी ही है। वही फिल्म की निर्देशिका अलंकृता श्रीवास्तव कहती हैं उनकी यह फिल्म समाज के महिलाओं से यह आह्वन करती है कि उन्हें अपने सपने पूरे करना चाहिए। फिल्म यही कहती है कि सपना कितना भी बड़ा क्यों न हो उसे पूरा करने के लिए एक दमदार प्रयत्न करना चाहिए और उसे किसी भी कीमत पर मरने नहीं देना चाहिए। फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' में रत्ना पाठक शाह, कोंकणा सेन शर्मा, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर और विक्रांत मस्से की मुख्य भूमिका है।
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फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' 21 जुलाई को रिलीज़ हो रही है। फिल्म का निर्माण प्रक्शा झा की कंपनी ने किया है।
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