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...तो ये है ‘संजू’ पर रणबीर कपूर की दादी कृष्णा राजकपूर का रिएक्शन

बायोपिक उनको समझ नहीं आया लेकिन रणबीर कहते हैं कि जब उन्होंने फिल्म का ट्रेलर देखा तो उन्हें ट्रेलर खूब पसंद आया था.

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 01:55 PM (IST)
...तो ये है ‘संजू’ पर रणबीर कपूर की दादी कृष्णा राजकपूर का रिएक्शन
...तो ये है ‘संजू’ पर रणबीर कपूर की दादी कृष्णा राजकपूर का रिएक्शन

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. रणबीर कपूर की दादी कृष्णा राज कपूर उनकी फिल्मों को जरूर देखती हैं. रणबीर उन्हें भी अपना सबसे बड़ा समीक्षक मानते हैं. रणबीर अपनी दादी के बेहद करीबी रहे हैं. लंबे समय तक वह उनके साथ उनके घर पर भी रहे हैं.

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रणबीर कहते हैं कि उस वक़्त उन्होंने काफी समय साथ गुजारा है. ऐसे में जब जागरण डॉट कॉम ने उनसे जानना चाहा कि इस बार बायोपिक फिल्म को लेकर उनका क्या रिएक्शन था तो रणबीर ने बताया कि उनकी हर फिल्म को उनकी दादी कृष्णा राजकपूर देखती हैं. रणबीर कहते हैं- इस बार जब यह फिल्म मेरे पास आयी थी और बस शूटिंग शुरू ही होने वाली थी तो उस वक़्त मैं उनके साथ उनके घर पर ही रह रहा था. जब मैंने उन्हें इस फिल्म के बारे में बताया तो वह पहले चौंकी. इसे लेकर स्पेक्टीकल थीं कि मैं किस तरह की कहानी पर काम कर रहा हूं. उनको बायोपिक जॉनर बिल्कुल समझ नहीं आया. वह खुद कह भी रही थीं कि बायोपिक किस तरह की फिल्म होती है. समझ पाना मुश्किल है. उनको लगा कि बायोपिक क्यों? क्योंकि उनके ज़हन में ये बात है कि अगर कोई फिल्म बन रही है तो हीरो होना चाहिए, बायोपिक उनको समझ नहीं आया लेकिन रणबीर कहते हैं कि जब उन्होंने फिल्म का ट्रेलर देखा तो उन्हें ट्रेलर खूब पसंद आया था.

बता दें कि रणबीर ने अपनी पहले की बातचीत में यह बातें भी स्वीकारी हैं कि उनक दादी को बिस्किट और कूकीज़ खाने का शौक हमेशा से रहा है और वह जिस देश में भी जाती हैं, कूकीज़ लेकर आया करती थीं और रणबीर को बड़े ही प्यार से खिलाती हैं. उनके हर खाने में घी जरूर होता है और दादी के हाथों का बना जंगली मटन वह खूब पसंद करते हैं.

संजय दत्त से तुलना को लेकर रणबीर ने कहा कि ऐसा नहीं हुआ है कि जिस व्यक्ति पर फिल्म बन रही है, उसने उसी फिल्म में अपनी भूमिका निभाई हो. ऐसा करने से जो किरदार होता है, उसका प्रभाव खत्म हो जाता हैl मुझे इस बात की जानकारी थी कि मेरी तुलना संजय दत्त से की जाएगी जिसके चलते मैंने उनकी भूमिका के साथ न्याय करने का पूर्ण रूप से प्रयत्न किया है.  मुझे लगता है लोग चाहे मुझे 40 साल के संजय दत्त के रूप में देखें या 20 साल का उन्हें ऐसी फीलिंग आनी चाहिए कि वह एक कलाकार को देख रहे हैं जो कि संजय दत्त की भूमिका निभा रहा हैl इसके अलावा यह बात सही है कि मैं दूसरा संजय दत्त नहीं बन सकता. 

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