कुंदन हमेशा कहते थे कॉमेडी बनाना कोई जोक नहीं है...सीरियस बिजनेस है ये - राकेश बेदी
राकेश ने बताया कि अभी हाल ही में एफटीआईआई पुणे में डायरेक्टर्स की फिल्में दिखाई गयी थीं और पहली फिल्म उनकी ही थी।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। राकेश बेदी और कुंदन का रिश्ता सिर्फ प्रोफेशनल रिश्ते तक सीमित नहीं था। राकेश बेदी कुंदन से जुड़ी अपनी यादों को शेयर करते हुए बताते हैं कि मैं कुंदन एफटीआईआई में क्लासमेट रहे। वहां भी जब वह फिल्में बनाते थे, तो मैं उसमें एक्टिंग करता था। फिर हम मुंबई आये।
मुंबई आने के बाद कुंदन ने मुझे जब ये जो है जिंदगी नामक शो आॅफर किया था, तो मैंने उन्हें साफ कह दिया था मैं टेलीविजन नहीं करने वाला हूं। मैं यहां एक्टिंग करने आया हूं और वह फिल्मों में। तो एक दिन उसने मुझे अकेले बुला कर खूब डांटा था कि तुम्हें बात समझ नहीं आ रही है कि तुम किस चीज को मना कर रहे हो। वेस्ट में टेलीविजन की कितनी इज्जत है। यह बात तुम्हें अभी समझ नहीं आयेगी। लोग तुम्हें कितना याद रखेंगे। किरदार को याद रखेंगे। उनकी डांट की वजह से मैंने शो को हां कह दिया था और मैं स्वीकारता हूं कि हां, टेलीविजन ने मुझे लोकप्रियता दी। ये जो है जिंदगी लोगों ने आज भी याद रखा है। राकेश आगे बताते हैं कि कुंदन हमेशा कहते थे कि कॉमेडी एक सीरियस बिजनेस है। इसलिए कॉमेडी लिखना सबसे कठिन जॉनर है। यही वजह है कि कुंदन रियल लाइफ में सीरियस रहते थे। काम करते वक्त भी सीरियस रहते थे। लेकिन जो इफेक्ट्स आते थे, वह कमाल के होते थे और लोग हंसते रहते थे। जाने भी दो यारो आज भी सबसे सटीक सटायरिकल शो यूं ही नहीं माना जाता है।
यह भी पढ़ें: श्रद्धांजलि: सिस्टम पर चोट-अलग सी सोच , ऐसा था कुंदन शाह का अंदाज़
राकेश ने बताया कि अभी हाल ही में एफटीआईआई पुणे में डायरेक्टर्स की फिल्में दिखाई गयी थीं और पहली फिल्म उनकी ही थी। हमने साथ ही फिल्म देखी थी। कुंदन अच्छे दोस्तों में से थे। हम उन्हें हमेशा मिस करेंगे।