राजकुमार हिरानी ने खोला संजय दत्त के पिता से जुड़ा ये राज़
संजू ने बताया कि दत्त साहब का हाथ जा नहीं रहा है, क्योंकि उनको दर्द है. मैंने कहा भी कि छोड़ दें लेकिन वो नहीं मानें. रात के दस बजे उन्होंने वह सीन करके ही माना.
अनुप्रिया वर्मा,मुंबई. राजकुमार हिरानी एकमात्र निर्देशक हैं, जिन्होंने अपनी फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में संजय दत्त के साथ उनके पिता सुनील दत्त को भी एक साथ स्क्रीन पर दर्शाया. इस फिल्म में सुनील दत्त, संजय दत्त के ही पिता के किरदार में हैं.
राजकुमार हिरानी की फिल्म संजू, जो कि संजय दत्त की बायोपिक है, इसी महीने रिलीज़ होने वाली है. ऐसे में सुनील दत्त का जिक्र आना लाजिमी भी है. चूंकि संजय दत्त की ज़िंदगी में सुनील दत्त एक स्तंभ से कम नहीं रहे. सो, संजू फिल्म के बहाने राजकुमार हिरानी से जागरण डॉट कॉम ने सुनील दत्त के साथ काम किये उनके अनुभव पर विस्तार से बातचीत की. उन्होंने दिलचस्प किस्से शेयर किये.
सुनील दत्त सेट पर आ जाते थे और फिर हीरो का इंतजार करते
राजू बताते हैं कि सुनील दत्त हमेशा अनुशासन के साथ काम करते थे. 9 बजे की शिफ्ट होती थी तो 8 बजे पहुंच जाते थे. फिर आकर बैठे रहते थे और मजाक में पूछते रहते थे कि हीरो साहब आये क्या. वो कब पहुंचेंगे. संजू की शिफ्ट उस वक़्त 11 की होती थी लेकिन संजू भी सुनील दत्त साहब के वक़्त पर पहुँचने की वजह से समय से आने की कोशिश करता था. बाद में कहता भी था कि अच्छा नहीं लगता कि वह पहले आ जाते हैं और मैं देर से आऊंगा तो. राजू हिरानी बताते हैं कि वह काफी मेहनत करते थे. अपने काम को लेकर पाबंद थे.
उर्दू में स्क्रिप्ट पढ़ते थे
सुनील दत्त सुनील दत्त साहब के बारे में यह बात कम लोग ही जानते होंगे. राजू हिरानी बताते हैं कि सुनील दत्त हमेशा अपनी सारी फिल्मों की स्क्रिप्ट उर्दू में ही पढ़ते थे. राजू हिरानी ने भी मुन्नाभाई...के वक़्त उर्दू ट्रांसलेटर को बुलवाया और फिर उर्दू में उन्हें स्क्रिप्ट सौंपी थी. राजू कहते हैं, ‘मुझे उस ओल्ड ज़माने का अनुशासन तब समझ में आया, फिल्म की शूटिंग हो गई और फिर छह महीने के बाद जब हमने उन्हें डबिंग के लिए बुलाया.तो आमतौर पर हम एक्टर के सामने सीन रख देते हैं कि आपको ये करना है.कोई एक्टर स्क्रिप्ट लेकर नहीं आता. वह गुमा देते हैं. दत्त साहब स्क्रिप्ट लेकर आये थे. मैं भी हैरान था कि उन्होंने संभाल के स्क्रिप्ट रखी था. राजू कहते हैं कि दत्त साहब के उस ओल्ड स्कूल के काम करने के तरीके का चार्म नजर आया था.
मुन्नाभाई के सेट पर पहली बार वैनिटी वैन
राजू हिरानी बताते हैं कि दत्त साहब मुन्नाभाई... से पहले कई सालों तक एक्टिंग से ब्रेक ले चुके थे. 16 सालों से काम नहीं किया था क्योंकि राजनीति में चले गए थे. तब तक वैनिटी वाला दौर शुरू हो गया था तो जब मुन्नाभाई के सेट पर दत्त साहब को पहले दिन बताया गया कि वैनिटी है और आपको इसमें रहना है. हमलोग आउटडोर शूट कर रहे थे. उन्होंने मुझे वैनिटी देख कर पूछा ये किस लिए हैं तो मैंने बताया कि इसमें कपड़े बदलने के लिए और मेकअप के लिए तो उन्होंने कहा कि हमलोग तो पेड़ के पीछे सब कर लिया करते थे. तौलिया पहन कर कपड़े बदलते थे. पेड़ के नीचे मेकअप करते थे. राजू कहते हैं कि वह थोड़े हैरान थे. उस वक़्त, फिर उन्होंने पूछा कि संजू को भी ऐसा वाला मिला है, तो राजू ने बताया कि हां, उसके पास इससे भी बड़ा वाला है. राजू कहते हैं कि एक बच्चे की तरह उनके चेहरे पर चमक थी, इस बात को सुनकर .
जब सुनील दत्त के हाथों में थी चोट, लेकिन पूरा किया वो शॉट
राजू बताते हैं कि यह सच है कि सुनील दत्त और संजय दत्त में दोस्ताना वाला पिता पुत्र का रिलेशन नहीं था लेकिन दोनों इस फिल्म की मेकिंग के दौरान एक दूसरे के साथ जर्नी एन्जॉय कर रहे थे. दत्त साहब तो संजू का इंतजार करते रहते थे. एक सीन के बारे में वह बताते हैं कि फिल्म एक अंत में वह सीन है, जहां संजू को उन्हें गले लगाना है और उस वक़्त कुछ दिनों पहले ही उनका हेलिकॉप्टर का क्रैश हुआ था तो उनका शोल्डर फ्रोज़न था . राजू कहते हैं, मुझे पता नहीं था कि उनके हाथ नहीं उठते हैं. तो वो संजू को कमर से हग कर रहे थे तो मैं उनको बार-बार बोल रहा था कि वह हाथ से हग करें. वह करते रहते थे. इसे लेकर काफी सारे कट हुए, उनका हाथ उठ नहीं पा रहा था. मैं बार बार उनको टोक रहा था. फिर संजू ने बताया कि दत्त साहब का हाथ जा नहीं रहा है, क्योंकि उनको दर्द है. मुझे बुरा लगा. लेकिन दत्त साहब दूर से देख रहे थे और उन्होंने मुझे बुलाया और कहा कि मैं करूंगा. मैंने कहा भी कि छोड़ दें लेकिन वो नहीं मानें. रात के दस बजे वह शॉट हुआ और उन्होंने वह सीन करके ही माना.
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