अ वेडनेसडे के पूरे हुए 9 साल, इस कास्ट के साथ कोई फिल्म बनाने को तैयार नहीं था - नीरज पांडे
अ वेडनेसडे 2008 में 5 सितंबर के दिन रिलीज़ हुई थी। इसमें अनुपम खेर और नसीरुद्दीन शाह अहम भूमिका में थे।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। नीरज पांडे वर्तमान दौर के सबसे कामयाब निर्देशकों में से एक बन चुके हैं। उनकी पहली फिल्म अ वेडनेसडे जब आयी उस वक्त ही उन्होंने पहली फिल्म से यह साबित कर दिया था कि वह अलग मिजाज़ के निर्देशक हैं और अगर सिनेमा में कंटेंट हो तो कोई भी फिल्म कामयाब हो सकती है।
नीरज ने बातचीत में स्वीकारा है कि यह सच है कि अ वेडनेसडे को लेकर कोई भी पैसे लगाने को तैयार नहीं था।सबको यही लग रहा था कि पता नहीं हम क्या बनाने जा रहे हैं। और एक खास बात यह भी थी कि हम जब भी किसी प्रोडक्शन हाउस के पास जा रहे थे, तो वह हमें कई बातें कहते थे। उनके बारे में तो अगर मैं बात करने जाऊं तो अलग से पूरी किताब लिखनी होगी। लेकिन सच यह है कि सब कहते थे कि उन्हें हमारी तय स्टार कास्ट के साथ काम नहीं करना है। वह बार-बार लोकप्रिय चेहरे लाने का दबाव बनाते थे। लेकिन नीरज कहते हैं कि यह बात जल्द ही सामने आ गई और मुझे स्पष्ट हो गई कि कोई बजट नहीं देने वाला है। सो, मैंने तय किया कि हम मार्केट से फंड रेज करते हैं। खास बात यह रही कि इस फिल्म को मैंने इंडिपेंडेंट तरीके से बना लिया। अच्छा हुआ, क्योंकि फिर इसमें मैंने कोई भी समझौता नहीं किया। फिर हम लकी रहे कि बाद में फिल्म के बोर्ड पर यूटीवी जुड़ा तो फिल्म को बड़े पैमाने पर रिलीज़ करने का मौका मिला।
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नीरज ने स्वीकारा है कि ऐसा नहीं है, वह अपनी फिल्मों से कोई मैसेज देने की कोशिश करते हैं। उनकी कोशिश होती है कि बस वह जो कहानी कहना चाहते हैं। वह लोगों तक पहुंच जाये। यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी चाहत नहीं कि वह किसी खांस के साथ काम करें, तो वह कहते हैं कि स्क्रिप्ट होगी तो कर लूंगा। अपनी फिल्मों के सीक्वेल पर बात करते हुए वह कहते हैं कि उन्हें सीक्वल बनाना पसंद है। लेकिन कहानी होनी चाहिए। उन्हें ऐसा लगता है कि स्पेशल 26 में वह बात है। लेकिन अब तक वह और उनकी टीम तय नहीं कर पाई है कि इसका सीक्वल बने या नहीं। सो, यह तो नहीं कह सकते कि फिल्म का सीक्वल बनेगा ही। लेकिन वह टीम से इसे लेकर बात करते रहते हैं। साहित्यिक विषयों पर फिल्में बनाने के मुद्दे पर नीरज कहते हैं कि उन्हें साहित्य की कहानियों से प्यार रहा है और बहुत जल्द वह ऐसी कोई फिल्म उनके प्रोडक्शन हाउस से जरूर देखेंगे। हालांकि उन्होंने इसे ज्यादा कोई संकेत नहीं दिया है। अक्षय कुमार को उनकी फिल्में स्पेशल 26 से ही अलग तरह की लोकप्रियता मिलनी शुरू हुई थी। लेकिन नीरज कहते हैं कि अक्षय की कामयाबी का क्रेडिट मैं नहीं ले सकता। वह खुद स्क्रिप्ट चुन रहे हैं। इसलिए उन्हें कामयाबी हासिल हो रही है।
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नीरज ने कहा है कि उन्हें अवार्ड्स नहीं ऑडियंस चाहिए। हाल ही में उनके प्रोडक्शन की फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा कामयाब हुई है। वह इससे खुश हैं और अब वह अपनी आने वाली फिल्म अय्यारी के प्रोड्क्शन में जुड़ गए हैं। बता दें कि नीरज ने अपनी बातचीत में यह स्वीकारा था कि अ वेडनेसडे उनकी पहली स्क्रिप्ट नहीं थी। बल्कि यह उनकी चौथी स्क्रिप्ट थी, अन्य निर्देशकों की तरह उन्होंने भी एक रोमांटिक लव स्टोरी ही लिखी थी। यह बात खुद नीरज ने स्वीकारी है कि अ वेडनेसडे से पहले उन्होंने तीन स्क्रिप्ट लिख रखी थी, जिसमें उनकी पहली स्क्रिप्ट हार्ड कोर रोमांटिक लव स्टोरी थी, दूसरी कॉमेडी और तीसरी सटायर थी। और इन तीनों फिल्मों को कोई भी फाइनेंसर नहीं मिले थे। इस वजह से नीरज ये फिल्में नहीं बना पाये थे। नीरज ने किसी अभिनेता का नाम न लेते हुए, सिर्फ इतना कहा कि शुरुआती दौर में वे हर बड़े स्टार्स के पास गये थे। लेकिन जाहिर है मैं नया था तो कोई भी मुझ पर विश्वास करने के लिए तैयार नहीं था। इसलिए ये फिल्में नहीं बन पायीं।
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नीरज ने यह भी कहा कि अब वो आगे बढ़ चुके हैं। वो उन तीन फिल्मों की स्क्रिप्ट के पन्ने अब फिर से नहीं पलटना चाहते। हां, मगर उन्हें मौका मिले तो वे हार्ड कोर लव स्टोरी बेस्ड कोई फिल्म जरूर बनाना चाहेंगे।