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Nawazuddin Siddiqui को अब भी झेलना पड़ता है कास्टिज़्म, बोले- ‘राष्ट्रपति भी बन जाऊं तो भी लोगों की सोच नहीं बदलेगी’

नवाजुद्दीन सिद्दीकी इंडस्ट्री के सबसे उम्दा अभिनेताओं में से एक हैं। नवाज़ ने अपने करियर की शुरुआत दिनों में कई मुश्किलों का सामना किया लेकिन अपनी मेहतन और एक्टिंग के दम पर वो आज वहां खड़े हैं जहां उनके साथ शायद इंडस्ट्री का हर अभिनेता काम करना चाहता है।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 02:58 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 02:58 PM (IST)
Nawazuddin Siddiqui को अब भी झेलना पड़ता है कास्टिज़्म, बोले- ‘राष्ट्रपति भी बन जाऊं तो भी लोगों की सोच नहीं बदलेगी’
Photo credit - Nawazuddin Siddiqui Insta Account Photo

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी इंडस्ट्री के सबसे उम्दा अभिनेताओं में से एक हैं। नवाज़ ने अपने करियर की शुरुआत दिनों में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन अपनी मेहतन और एक्टिंग के दम पर वो आज वहां खड़े हैं जहां उनके साथ शायद इंडस्ट्री का हर अभिनेता काम करना चाहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं इतने कामयाब होने की बाद भी नवाज़ आज भी जब अपने गांव जाते हैं तो लोग उनके साथ भेदभाव ही करते हैं।

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नवाज़ का कहना है कि कास्टिस्म वहां के लोगों के दिमाग में घुसा हुआ है जिसे निकालना मुश्किल है। वहां लोग इंसान को जाती के आधार पर ही तोलते हैं फिर चाहें वो अमेरिका का राष्ट्र-पति ही क्यों ना हो। नवाज़ ने हाल में एनडीवी को दिए इंटरव्यू में अपने साथ हुए भेदभाव और करियर को बारे में खुलकर बात की।

दरअसल, नवाज़ यहां अपनी फिल्म ‘सीरियस मैन’ जिसे हाल ही में अंतरराष्ट्रीय एमी अवॉर्ड्स 2021 में नॉमिनेशन मिला था, के बारे में बातचीत करने पहुंचे थे। इस फिल्म में नवाज़ ने एक ग़रीब व्यक्ति का किरदार निभाया है जो अपने बेटे को बहुत बड़ा और जीनियस आदमी बनाना चाहता है। फिल्म के बारे में बात करते हुए नवाज़ ने कहा कि ‘मैं फिल्मों को दिल और दिमाग से चुनता हूं बॉक्स ऑफिस के बारे में सोचकर नहीं। फिर जब मेरी फिल्मों को अवॉर्ड मिलता है या वो ऐसे अवॉर्ड में जाती हैं तो गर्व होता है कि मेरा चुनाव सही है’।

आगे नवाज़ ने कहा, ‘इस फिल्म में जो परिस्थिती थी उन परिस्थितियों से मैं ख़ुद को जोड़ पाता हूं क्योंकि मैंने वो समय देखा है जब मैं अपने गांव में था। मेरी दादी छोटी जाती की थीं और उनकी शादी बड़ी जाती में हुई तो मेरे पिता को ये भेदभाव पूरी जिंदगी झेलना पड़ा। मेरे पिता को जिंदगीभर ये झेलना पड़ा कि उनकी मां छोटी जाती की हैं। फिर पिता के बाद हमें भी ये झेलना पड़ा...जब भी गांव में किसी बच्चे से लड़ाई हो जाती थी तो हमें जाती को लेकर ही ताना मिलता था। मैं अभी भी कास्ट सिस्टम झेलता हूं...गांव के लोगों के लिए सफलता कोई मायने नहीं रखती उनके दिमाग में ये भरा हुआ है फिर चाहें हम अमेरिका के राष्ट्रपति ही क्यों ना बन जाएं उनके दिमाग में वही रहेगा’। अपकमिंग फिल्मों के बारे में नवाज़ ने कहा कि वो अब प्यार मोहब्बत वाली फिल्मों, लव स्टोरी ज्यादा कर रहे हैं। एक्टर ने कहा, 'मुझे जो असल जिंदगी में नहीं मिला वो अब मैं फिल्मों में कर के खुश हो रहा हूं'।


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