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Naseeruddin Shah ने ‘लव जिहाद’ को बताया तमाशा, रत्ना पाठक से शादी को लेकर किया खुलासा

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह फिल्मों के अलावा अपने बेबाक बयान की वजह से भी अक्सर सर्खियों में रहते हैं। नसीरुद्दीन हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते हैं। फिर मुद्दा चाहें देश से जुड़ा हो या फिल्म इंडस्ट्री से।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 11:53 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 12:10 PM (IST)
Naseeruddin Shah ने ‘लव जिहाद’ को बताया तमाशा, रत्ना पाठक से शादी को लेकर किया खुलासा
Photo Credit - Naseeruddin Shah Instagram Account Photo

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह फिल्मों के अलावा अपने बेबाक बयान की वजह से भी अक्सर सर्खियों में रहते हैं। नसीरुद्दीन हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते हैं। फिर मुद्दा चाहें देश से जुड़ा हो या फिल्म इंडस्ट्री से। कई बार इस बेबाकी की वजह से नसीर साहब को ट्रोलिंग का शिकार भी होना पड़ता है, लेकिन एक्टर अपने बयान से कभी पीछे नहीं हटते।

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अब नसीरुद्दीन शाह ने देश के सबसे चर्चित मुद्दों में से एक ‘लव जिहाद’ को लेकर बयान दिया है। एक्टर ने लव जिहाद के मुद्दे को तमाशा बताया है और कहा है कि शादी के बाद धर्म परिवर्तन करवाना गलत है। यू-ट्यूब चैनल कारवां-ए-मोहब्बत को दिए इंटरव्यू में एक्टर ने कहा, ‘लव जिहाद का मुद्दा देश में हिंदू-मुसलमान के बीच दूरियां लाने के लिए खड़ा किया गया है’।

एक्टर ने कहा, ‘लव जिहाद के नाम पर हिंदू और मुसलमानों को बांटा जा रहा है जैसे यूपी में लव जिहाद का तमाशा। मुझे इससे बहुत नाराज़गी है। पहली बात जिन लोगों ने ये शब्द उठाया है ‘लव जिहाद’ उन्हें जिहाद का मतलब तक नहीं पता। मुझे समझ में नहीं आता कि लोग इतने बेवकूफ कैसे हो सकते हैं कि ये सोच लें कि मुसलमान, हिंदुओं की संख्या पर हावी हो जाएंगे। मुस्लिमों की जनसंख्या हिंदुओं से ज्यादा हो जाएगी। इसके लिए मुस्लिम्स को ढेरा सारे बच्चे पैदा करने होंगे’।

आगे एक्टर ने बताया कि जब वो रत्ना पाठक से शादी कर रहे थे तब उनकी मां ने उनसे पूछा था कि क्या वो अब रतना का धर्म परिवर्तन करवाएंगे? इसके जवाब में एक्टर ने इनकार कर दिया था। एक्टर ने कहा कि ‘मेरी मां पढ़ी लिखी नहीं थी वो एक रूढ़ीवादी परिवार से आती थी। पांचे वक्त की नमाज़ पढ़ती थी और रोज़े रखती थीं लेकिन फिर भी वो उस ज़माने धर्म परिवर्तन के खिलाफ थीं’। नसीरउद्दीन ने बताया, ‘हमने अपने बच्चों को हर धर्म के बारे में शिक्षा दी है, लेकिन हमने उनसे कभी नहीं कहा कि वो सिर्फ एक ही धर्म को फॉलो करें। मेरा हमेशा मानना रहा है कि ये मतभेद धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे।'

 

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