Move to Jagran APP

देश-दुनिया में जो भी अभी हो रहा है, उसका जवाब अगर कोई दे सकता है तो वो मंटो हैं: नंदिता दास

दिता दास की फिल्म मंटो 21 सितंबर को रिलीज होने जा रही है।

By Rahul soniEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 03:19 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 08:32 AM (IST)
देश-दुनिया में जो भी अभी हो रहा है, उसका जवाब अगर कोई दे सकता है तो वो मंटो हैं: नंदिता दास

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। मंटो के बारे में पहली बार कॉलेज में पढ़ा था. मैं जानती नहीं थी कि उन्होंने शोर्ट स्टोरीज भी लिखी हैं. यह कहना है नंदिता दास का जिनकी फिल्म मंटो जल्द रिलीज होने वाली है। 

loksabha election banner

जागरण डॉट कॉम से बातचीत के दौरान नंदिता ने बताया कि वह उनके बारे में कम जानती थीं. लेकिन 2012 में जब उनकी शताब्दी मनाई गई तब बहुत लोगों ने उनके बारे में काफी कुछ शेयर किया था, तब मैंने उनके बारे में पढ़ना शुरू किया. तब बात समझ आयी कि उनकी जिंदगी उतनी ही दिलचस्प है, जितनी उनकी रचनाएं. सिर्फ दिलचस्प ही नहीं हैं, एक व्यक्ति के रूप में वे बहुत मॉडर्न रहे हैं. नंदिता कहती हैं कि आजकल हमारी दुनिया में,  देश में हो रहा है, उसका जवाब अगर कोई दे सकता है तो वह मंटो हैं. यही सोच कर मैंने तय किया कि मैं इन पर फिल्म बनाऊं. सच तो यह भी है कि मैंने उनकी लिखी सारी चीजें पढ़ी भी नहीं हैं, क्योंकि 300 कहानियां, रेडियो प्ले वगैरह है. उनकी तीनों भाषाओं पर पकड़ थी.

नंदिता कहती हैं कि फिल्म के लिए पैसे जुटाने में भी वक्त लगा. नंदिता कहती हैं कि यह सच है कि अब भी ऐसी फिल्मों के लिए बजट इकठ्ठा करना कठिन होता है. नंदिता कहती हैं कि इस चक्कर में मैंने भी नंदिता दास इनिशिएटिव के रूप में एक कंपनी खोली, फिर बाकी प्रोड्यूसर्स से मिली और फिर सभी जुड़े. कण फ़िल्मोत्सव में लोगों ने पसंद किया. नंदिता कहती हैं कि हालांकि मुझे सभी ने काफी सपोर्ट किया.

यह कला हमारे लिए बहुत जरूरी

नंदिता ने बताया कि वह लाहौर गई थीं. बेटियों से मिलीं. लेकिन सबसे ज्यादा उन्हें मंटो की सालियों से बात करने पर जानकारी अधिक मिली. नंदिता कहती हैं कि मंटो की फियरलेसनेस कि निडर होकर बोलने की उनकी जो एक कला रही है, वह मेरे ख्याल से हमारे दौर के लिए बहुत जरूरी है. हम सभी अपने आप को सेल्फ सेंसर कर देते हैं. मंटो इंसानीयत पर फोकस था. वह धर्म, जाति और इन सब चीजें जिसने हमें बांटा है. वह कहते थे कि इन सब से ऊपर इंसानीयत को क्यों भूलें. मंटो ने बिना भाषणबाजी के खूब लिखा है। वह कहते थे कि अगर आप मेरी कहानियों को बर्दाश्त नहीं कर सकते, इसका मतलब है कि जमाना ही ना काबिले बर्दाशत है. मंटो कहते थे कि क्या हकीकत से इनकार करना हमें बेहतर इंसान बना सकता है. नंदिता कहती हैं कि समाज के रूप में यह बेहद जरूरी है कि हम इनके बारे में सोचें. बता दें कि नंदिता दास की फिल्म 21 सितंबर को रिलीज होने जा रही है जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी मुख्य भूमिका में हैं। 

यह भी पढ़ें: सलमान ने मां को नहीं बल्कि सलमा ने सलमान को माल्टा में सिखाया ये काम

यह भी पढ़ें: लवरात्रि को लेकर हो रहे हंगामे पर सलमान बोले किसी कल्चर को आहत करने की कोशिश नहीं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.