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Me Too: नंदिता दास के पिता पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप, जानिए नंदिता की राय

नंदिता के पिता जतिन दास एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उन पर निशा बोरा नाम की युवती ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 11:42 AM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 07:15 AM (IST)
Me Too: नंदिता दास के पिता पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप, जानिए नंदिता की राय
Me Too: नंदिता दास के पिता पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप, जानिए नंदिता की राय

मुंबई। अपनी फ़िल्मों के ज़रिए ज्वलंत मुद्दों और विचारधाराओं को सपोर्ट करने वाली एक्ट्रेस-फ़िल्मकार नंदिता दास के पिता जतिन दास पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं, जिस पर नंदिता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

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Me Too अभियान के तहत देशभर में यौन उत्पीड़न और शोषण को लेकर रोज़ नये खुलासे हो रहे हैं। ताज़ा आरोप नंदिता दास के पिता पर लगा है, जिसके बाद नंदिता ने फेसबुक पर अपना स्टैंड साफ़ किया है। नंदिता ने लिखा है- ''मी टू मूवमेंट की तगड़ी समर्थक होने के नाते, अपने पिता पर झकझोरने वाले आरोप लगाए जाने के बावजूद, मैं फिर यह दोहराना चाहूंगी कि मैं इसके लिए आवाज़ उठाना जारी रखूंगी। हालांकि इन आरोपों को उन्होंने खारिज कर दिया है। मैंने आरम्भ से ही यह कहती आ रही हूं कि यही वक़्त है कि हम सबको सुनना चाहिए, ताकि पुरुष और महिलाएं बोलने में सुरक्षित महसूस कर सकें। साथ ही, आरोप लगाने में सावधानी बरतने की भी ज़रूरत है, ताकि इसका असर फीका ना हो। मैं दोस्तों और अजनबियों के समर्थन से उत्साहित हूं, जो मुझमें भरोसा जता रहे हैं। मुझे यक़ीन है कि सच सामने आएगा। मुझे इस मामले में बस यही कहना है।'' 

नंदिता के पिता जतिन दास एक कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उन पर निशा बोरा नाम की युवती ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं। बोरा ने ट्विटर पर एक नोट लिखकर सिलसिलेवार ढंग से अपने साथ हुए घटनाक्रम का ब्यौरा दिया है। बोरा ने इसमें बताया है कि दिसम्बर 2013 में उन्होंने जतिन के आर्ट इंस्टीट्यूट जेडी सेंटर ऑफ़ आर्ट को इंटर्न के तौर पर ज्वाइन किया था। उस वक़्त वो 20 साल की थीं। इंटर्नशिप के दौरान एक दिन जतिन ने उन्हें अपने घर पर ही रहने के लिए कहा था और अपने साथ ले गये।

घर पर जतिन दास ने निशा को गले लगाया और किस किया था। निशा बताती हैं कि इससे उनकी आंखों में आंसू आ गये थे। निशा ने जतिन का इंस्टीट्यूट तभी छोड़ दिया था, मगर वो लिखती हैं कि आज भी उनका नाम जब कोई लेता है तो उन्हें बेचैनी होती है। पहली ही जॉब में यौन उत्पीड़न के इस अनुभव के बाद एक डर निशा दे दिल में बैठ गया और उन्होंने अपने प्रोफेशन को छोड़ने का मन भी बना लिया था। जतिन दास ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों से इंकार किया है। 

जतिन दास एक पेंटर और मूर्तिकार हैं। उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट से कला की पढ़ाई की है। अपनी पेंटिंग्स के लिए जतिन ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। 2012 में भारत सरकार की तरफ़ से उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी नवाज़ा जा चुका है। नंदिता निर्देशित फ़िल्म मंटो हाल ही में रिलीज़ हुई थी, जिसमें नवाज़उद्दीन सिद्दीक़ी ने लीड रोल निभाया था।

नंदिता बॉलीवुड की उन महिला फ़िल्मकारों में भी शामिल हैं, जिन्होंने मी टू के रफ़्तार पकड़ने के बाद तय किया है कि वो किसी भी ऐसे शख़्स के साथ काम नहीं करेंगी, जिन पर यौन उत्पीड़न, हिंसा या दुष्कर्म का आरोप लगा हो।इन महिला फ़िल्मकारों में नंदिता के अलावा आमिर ख़ान की पत्नी किरण राव, अलंकृता श्रीवास्तव, शोनाली बोस, गौरी शिंदे, कोंकणा सेन शर्मा, मेघना गुलज़ार, ज़ोया अख़्तर और रीमा कागती भी शामिल हैं। 


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