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ससुराल वालों से Naushad Ali ने झूठ बोलकर छुपाई थी पहचान, संगीतकार नहीं खुद को बताया था 'दर्जी'

हिंदी सिनेमा के संगीत सम्राट नौशाद अली वो फनकार थे जिन्होंने अपने संगीत की धुन पर हर किसी को झूमने पर मजबूर किया था। 5 मई को नौशाद साहब की डेथ एनिवर्सरी मनाई जाएगी। ऐसे में इस लेख में हम उनसे जुड़ा एक ऐसा दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं जब उन्होंने शादी के लिए ससुराल वालों के सामने अपनी पहचान छुपाई थी।

By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Published: Sat, 04 May 2024 05:50 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2024 06:37 PM (IST)
जब नौशाद अली ने बोला था झूठ (Photo Credit-Jagran)

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Naushad Ali Death Anniversary: 'तू कहे अगर और तू मेरा चांद' जैसे कई सदाबहार पुराने गीतों को सुनकर दिल को सुकून मिलता है। लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी कि इनके संगीतकार कोई और नहीं बल्कि म्यूजिक कंपोजर नौशाद अली साहब थे। अपने करियर में एक से एक गीतों को संगीत का अनोखा करिश्मा पेश करने वाले नौशाद की डेथ एनिवर्सरी कल यानी 5 मई को मनाई जाएगी। 

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18 साल पहले संगीत सम्राट ने इस दुनिया को अलविदा कह था। ऐसे में आज इस लेख में हम आपको उनसे जुड़ा एक ऐसा दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं, जब नौशाद अली ने ससुराल वालों से खुद के संगीतकार होने की बात छुपाई थी। 

नौशाद ने ससुराल में बोला था झूठ

बेशक आज नौशाद अली हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन दिग्गज संगीतकार के तौर पर उनका नाम हमेशा याद किया जाता है। आकाशवाणी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने एक हैरान करने वाला खुलासा किया था। नौशाद अली ने बताया था कि कैसे शादी के लिए उन्होंने अपनी पहचान छुपाते हुए झूठ बोला था। 

बतौर नौशाद अली- उस दौरान संगीत को इतनी तवज्जो नहीं दी जाती है। समाज के सामने ये पेशा किसी का काम नहीं था। जब मेरी शादी होने वाली थी तो ससुरालों को मैंने अपनी प्रोफेशनल पहचान को नहीं बताया। मैंने उनसे कहा कि मैं एक दर्जी हूं। इसका सबसे बड़ा कारण ये था की संगीत को उन दिनों एक अच्छा काम बिल्कुल भी नहीं माना जाता था।

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संगीत के लिए छोड़ दिया था घर

अपनी जिंदगी के अहम पहलूओं पर गौर करते हुए उस साक्षात्कार में नौशाद अली कई पन्ने खोले। उन्होंने ये भी बताया था कि उनका परिवार उनके संगीत के खिलाफ थे- मेरे पिताजी को गाना बजाना बिल्कुल पसंद नहीं था, उनके डर से मैं छुप-छुप कर तैयारी करता था।

एक दिन बात इतनी बढ़ गई कि पिताजी ने मुझसे संगीत और घर में से किसी का एक चयन करने को बोल दिया।उन्होंने कहा कि या तो तुम संगीत छोड़ दो या फिर इस घर को, तो मैंने भी अपने भविष्य को देखते हुए घर को छोड़ दिया और तमाम संघर्ष के बाद संगीत की दुनिया में अपना नाम बनाया। 

इन फिल्मों के लिए नौशाद अली ने दिया म्यूजिक

बतौर म्यूजिक डायरेक्टर नौशाद अली ने अपने करियर के दौरान करीब 67 फिल्मों के लिए बतौर म्यूजिक डायरेक्टर काम किया। इनमें मुगल ए आजम और मदर इंडिया जैसी कई एवरग्रीन मूवीज के नाम शामिल थे।

नौशाद की खास बात ये थी कि वह अपने काम को लेकर काफी संजीदा था और संगीत को वह अपने सबसे करीब मानते थे। मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर जैसे सुरों के सरताज गायकों के कई गानों को नौशाद साहब ने अपने संगीत के हुनर से तराशा था। 

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