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रियलिटी शो भाई अरमान वर्सेस अमाल पर दो टूक बोले अमाल, उसको प्रेशर कुकर बना दूं...

अमाल बताते हैं कि मैं प्रीतम सर को उस वक्त असिस्ट कर रहा था. सात घंटे रुककर जब मां और अरमान ने गाना सुनाया तो सलमान सर को कुछ अलग लगा. उन्होंने पूछा किसने बनाया फिर मुझे कॉल आया.

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 03:13 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 03:13 PM (IST)
रियलिटी शो भाई अरमान वर्सेस अमाल पर दो टूक बोले अमाल, उसको प्रेशर कुकर बना दूं...

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. अमाल मलिक इन दिनों जीटीवी के शो सारेगामा में जज की भूमिका में नजर आ रहे हैं. वहीं अमाल के भाई अरमान स्टार प्लस के शो द वॉइस में नजर आ रहे हैं. ऐसे में अमाल से जागरण डॉट कॉम ने यह जानने की कोशिश की कि क्या दोनों भाई जो कि एक साथ हिंदी फिल्मों के गानों पर काम करते हैं, अभी एक दूसरे से प्रतियोगिता महसूस नहीं करेंगे ? चूंकि दोनों ही रियलिटी शो का हिस्सा हैं.

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इस पर अमाल ने खरी- खरी बात कही है. उन्होंने कहा है कि वह आधे घंटे पहले आ रहा है. छोटा भाई छोटा होता है और बड़ा भाई बड़ा होता है. अमाल ने स्पष्ट कहा है कि मुझे कोई भी प्रेशर नहीं है, लेकिन हां मैं शायद उसको प्रेशर कुकर बना दूं. उसको थोड़ा प्रेशर होगा क्योंकि वह इतना युवा है और इतने सीनियर जजेस उसके साथ हैं. अमाल कहते हैं कि यहां पर तो मैं, ऋचा मैम और शान सर के साथ फैमिली के तौर पर घुलमिल गया हूं. अमाल ने साफ़-साफ़ कहा है कि जो रियलिटी आपको यहां दिखेगी वो वॉइस क्या किसी भी शो में नहीं दिखेगी, क्योंकि यहां सिंगर के साथ एक रिश्ता और पच्चीस सालों का इतिहास भी है. वॉइस जैसे शोज अभी आए हैं.वो भी इंटरनेशनल शो की कॉपी है.

अमाल ने आगे नेपोटिज्म के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं कहूंगा कि मेरे लिए मलिक होना बहुत नुकसानदायक था . दूसरे कंपोजर मुझे काम पर नहीं रखते थे. उनको लगता था कि घर में ही कंपोजर हैं तो ये धुन सुना देंगे. लोगों को लगता है कि नाम मलिक है तो किसी ने एक फोन उठाकर बोल दिया होगा कि अमाल को एक फिल्म दे दो. ऐसा कभी नहीं होता और न होगा, क्योंकि इस इंडस्ट्री में केवल काम को सलाम है. वह आगे कहते हैं कि मेरी पहली पिक्चर हीरो जो सलमान खान के साथ हुई उनके वैन के बाहर मेरी मॉम और अरमान छह घंटे रुके थे. एक एलबम को सुनाने के लिए. जिसे मैंने कंपोज किया था और अरमान ने गाया था. अमाल आगे कहते हैं कि हमारा पहला एलबम था. मेरे डैड ने सलमान सर के साथ पंद्रह फिल्में कर ली हैं लेकिन कभी उस प्रभाव को लेकर मेरा परिवार नहीं गया. उन्होंने उस दिन को याद करते हुए कहा कि एक छाता लेकर बारिश में दोनों मां बेटे खडे थे.

अमाल बताते हैं कि मैं प्रीतम सर को उस वक्त असिस्ट कर रहा था. सात घंटे रुककर जब मां और अरमान ने गाना सुनाया तो सलमान सर को कुछ अलग लगा. उन्होंने पूछा किसने बनाया फिर मुझे कॉल आया.वहां से शुरुआत हुई लेकिन उसके पीछे तक बहुत संघर्ष था. मेरे पिता की तबीयत ठीक नहीं थी. दादाजी की मौत हो चुकी थी. घर को चलाने की जिम्मेदारी कहीं न कहीं मेरे ऊपर ही थी. घर में ही दो बड़े नाम थे और अनु और डब्बू मलिक. . ऐसे में मुझे अपनी जगह बनाने में 11 साल लगें.

अमाल बताते हैं कि मुझे लेकर लोगों को यह गलतफहमी भी हो गई थी कि मुझे बहुत काम मिलने लगा है. ग्यारह साल का जो संघर्ष, था वो किसी ने नहीं देखा . सलमान खान के साथ फिल्म हीरो के गाने जब हिट नहीं हुए तो मुझ पर लिखा गया कि चाचा की तरह टैलेंटेड नहीं है. उनकी तरह हिट गाने नहीं बना सकता तो सरनेम का नुकसान ज्यादा होता है. जहां क्लीन स्लेट होता है. वहां कुछ भी लिख दो. अच्छा लगता है.

अमाल कहते हैं कि मेरे बारे में काफी कुछ लिखा जाता रहा है. यही वजह है कि मैं टन टना टन जैसे गाने नहीं बनाएं न तो थोड़ा सा प्यार. सूरज डूबा , हीरो, मैं रहूं या न रहूं जैसे गाने बनाए. ऐसे गाने न तो मेरे पिता ने कभी बनाए न मेरे चाचा ने तो मैंने अपने स्टाइल में अपनी एक जगह बनाने की कोशिश की है.

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