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पुण्यतिथि विशेष: महात्मा गांधी पर बनीं ये 5 फ़िल्में आपको ज़रूर देखनी चाहिये

कुछ फ़िल्मों ने दर्शकों को गांधी के एक नए अवतार से भी परिचित कराया है। ‘हे राम’ एक ऐसी ही फ़िल्म है।

By Hirendra JEdited By: Published: Tue, 30 Jan 2018 12:12 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 09:18 AM (IST)
पुण्यतिथि विशेष: महात्मा गांधी पर बनीं ये 5 फ़िल्में आपको ज़रूर देखनी चाहिये
पुण्यतिथि विशेष: महात्मा गांधी पर बनीं ये 5 फ़िल्में आपको ज़रूर देखनी चाहिये

मुंबई। 30 जनवरी को देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि होती है। महात्मा गांधी को केंद्र में रखकर और उनके जीवन पर कई फ़िल्में भी बनी हैं। आइये उनकी पुण्यतिथि पर जानते हैं ऐसी ही 5 फ़िल्मों के बारे में जिनके द्वारा महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और करिश्मे को समझा जा सकता है।

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साल 1982 में बनी ‘गांधी’ महात्मा गांधी के वास्तविक जीवनी पर आधारित फ़िल्म है। फ़िल्म का निर्देशन रिचर्ड एटनबरो ने किया था और इसमें बेन किंग्सले ने गांधी की भूमिका में जान डाल दी थी। इस फ़िल्म के लिए दोनों को ऑस्कर ने अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ‘गांधी’ को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के अकादमी पुरस्कार के साथ आठ अन्य अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हुए।

संजय दत्त की बहु चर्चित फ़िल्म 'लगे रहो मुन्ना भाई' ने हाल के वर्षों में गांधी को जिस तरह से समझने की कोशिश की है यह भी काबिलेतारीफ है। फ़िल्म में मराठी अभिनेता दिलीप प्रभावलकर ने गांधी की भूमिका शानदार और जानदार तरीके से निभाई।

कुछ फ़िल्मों ने दर्शकों को गांधी के एक नए अवतार से भी परिचित कराया है। ‘हे राम’ एक ऐसी ही फ़िल्म है। कमल हासन की बेहतरीन अदायगी और गांधी की भूमिका में नसीरुद्दीन शाह का यादगार अभिनय इस फ़िल्म को और भी स्पेशल बनाता है।

साल 1993 में आई फ़िल्म ‘सरदार’ हालांकि वल्लभ भाई पटेल की कहानी है लेकिन जिस तरह से फ़िल्म में पटेल और गांधी जी के रिश्ते और आज़ादी के लिय उनके संघर्षों को दिखाया गया है इससे उस दौर की एक अलग तस्वीर उभर कर सामने आती है। पटेल की भूमिका में परेश रावल और गांधी की भूमिका में अन्नू कपूर बेजोड़ लगे हैं।

साल 1996 में आई ‘मेकिंग ऑफ़ महात्मा’ भी गांधी के जीवन को समझने के लिहाज से एक ज़रूरी फ़िल्म है। इस फ़िल्म में रजत कपूर ने युवा गांधी का किरदार बहुत ही खूबसूरती से निभाया है। दरअसल, यह फ़िल्म उस दौर की कहानी कहती है जब गांधी साउथ अफ्रीका में रह रहे थे। यह फ़िल्म फातिमा मीर की किताब ‘The Apprenticeship of a Mahatma’ पर आधारित थी।


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