Jaan Kumar Sanu के आरोपों पर कुमार सानू का जवाब, ‘मैंने उसे इंडस्ट्री में लोगों से मिलवाया, अपने कॉन्सर्ट में गाने का मौका दिया'
कुमार सानू के बेटे जान कुमार सानू हाल ही में बिग बॉस के घर से एविक्ट हुए हैं। बिग बॉस से बाहर आने के बाद जान ने अपने पिता पर आरोप लगाया कि उन्होंने कभी भी हमसे बात करने की या हमें सपोर्ट करने की कोशिश नहीं की।
नई दिल्ली, जेएनएन। कुमार सानू के बेटे जान कुमार सानू हाल ही में बिग बॉस के घर से एविक्ट हुए हैं। बिग बॉस से बाहर आने के बाद जान ने अपने पिता पर आरोप लगाया कि उन्होंने कभी भी हमसे बात करने की या हमें सपोर्ट करने की कोशिश नहीं की। जान ने अपने पिता और मां रीता भट्टाचार्य के तलाक को लेकर भी काफी बातें कहीं जिनका अब कुमार सानू ने जवाब दिया है। बॉम्बे टाइम्स से बात करते हुए कुमार सानू ने कहा, ‘जान का ये सब बातें कहना बहुत दुखद है, जब्कि बिग बॉस के घर में जाने से पहले ही वो मुझसे मिला था। उसका कहना है कि मैंने उन्हें कभी कुछ नहीं दिया, लेकिन सच ये है कि रीता ने तलाक के वक्त जो भी मांगा मैंने उन्हें दिया, मेरा पहला बंगला भी’।
कुमार सानू ने कहा, ‘कोर्ट ने तीनों बच्चों की कस्टडी रीता को दी क्योंकि बच्चे बहुत छोटे थे। उन्होंने अकेले ही तीनों बच्चों को पाला है जो की काबिल-ए-तारीफ है। मैं पहले उन सबसे थोड़ा बहुत मिलता था, लेकिन जब मैंने दूसरी शादी की तो मैंने भारत ही छोड़ दिया क्योंकि मेरे पास मुंबई में करने के लिए ज्यादा काम नहीं था। लेकिन जब भी मैं इंडिया जाता था मैं अपने तीनों बच्चों Jessy, Jeeko और जान से मिलता था। हम कई बार साथ में बाहर खाना खाने भी गए हैं। उसके बाद वो लोग अपनी ज़िंदगी में बिज़ी हो गए, लेकिन जब भी वो मुझे कॉन्टेक्ट करते थे मैं कोशिश करता था कि अगर मैं उस टाइम मुंबई में हूं तो उनके पास जा सकूं। हम फोन पर एक दूसरे के टच में थे। लेकिन मेरा काम ऐसा ही कि मैं एक जगह नहीं रह पाता, यहां तक कि मैं अपनी पत्नी सलोनी और बेटियों के साथ भी बहुत ज्यादा नहीं रह पाता। क्योंकि कॉन्सर्ट की वजह से मुझे अलग-अलग जगह जाना पड़ता है’।
‘जान मुझे अपने गाने रिकॉर्ड कर के भेजता था और अपनी सिंगिंग के बारे में पूछता था मैंने हमेशा उसका उत्साह बढ़ाया। मैंने उसे इंडस्ट्री के कुछ लोगों के पास भी भेजा, लेकिन वो उसे काम देते हैं या नहीं ये उनके हाथ में था। बल्कि जान मेरे साथ मेरे कुछ कॉन्सर्ट्स में भी रहा है। रही बात उसकी परवरिश की तो मैं इस बात की इज्ज़त करता हूं कि वो अपनी मां रीता की इतनी इज्ज़त करता है। वो कहता है कि उसकी मां ही उसकी माता-पिता दोनों हैं। इसलिए उसे अपना नाम अब जान रीता भट्टाचार्य लिखना चाहिए। क्योंकि वो जब तक अपने नाम के आगे मेरा नाम लगाएगा तो लोग कुछ ना कुछ बोलेंगे ही। एक पिता के तौर पर उसकी सक्सेस देखने में मुझे भी बहुत खुशी होगी’।
आगे कुमार सानू ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा, ‘जब मैं कोरोना वायरस का शिकार हो गया था मेरी तबीयत बहुत खराब थी। तब मेरे किसी भी बेटे ने हालचाल लेने के लिए मुझे फोन तक नहीं किया। प्यार सिर्फ एकतरफा नहीं हो सकता ये दोनों तरफ से होता है’।