Kamaal R Khan vs Salman Khan: फिल्मों का रिव्यू करना जारी रखेंगे केआरके, कहा- 'बॉलीवुड ने मेरा मजाक बनाया...'
बुधवार को मुंबई के एक सिटी सिविल कोर्ट ने अंतरिम ऑर्डर जारी कर केआरके को सलमान खान उनकी फिल्मों और परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया या कहीं भी कोई टिप्पणी न करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के इस ऑर्डर पर अब केआरके ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सलमान खान ने फिल्म क्रिटिक्स और अभिनेता केआरके (कमाल आर खान) के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया हुआ है। बुधवार को मुंबई के एक सिटी सिविल कोर्ट ने अंतरिम ऑर्डर जारी कर केआरके को सलमान खान, उनकी फिल्मों और परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया या कहीं भी कोई टिप्पणी न करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के इस ऑर्डर पर अब केआरके ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर इस मानहानि मामले में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। साथ ही केआरके ने कहा है कि वह फिल्मों का रिव्यू करना जारी रखेंगे। केआरके ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, 'मैंने सलमान खान बनाम मानहानि मामले के बारे में कोर्ट का आदेश पढ़ा है और मैंने इसके खिलाफ हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है। कोर्ट ने मुझे उन वीडियो को हटाने का आदेश नहीं दिया जो मैंने अब तक पोस्ट किए हैं। जैसा कि सलमान ने कहा था। लेकिन कोर्ट ने मुझे भविष्य में सलमान खान की किसी भी फिल्म की समीक्षा नहीं करने का आदेश दिया है।'
अपने अगले ट्वीट में केआरके ने लिखा, 'मेरा मानना है कि फिल्म की समीक्षा मेरी निजी राय है और अदालत को मुझे अपनी निजी राय व्यक्त करने से नहीं रोकना चाहिए। इसलिए मैं अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हाई कोर्ट और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी जाऊंगा। मैं एक फिल्म समीक्षक हूं और यह मेरा काम है, इसलिए मैं फिल्मों की समीक्षा करना जारी रखूंगा।'
केआरके ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा, 'पहले बॉलीवुड वालों ने मेरा मजाक बनाने की कोशिश की। फिर उन्होंने मुझे भ्रष्ट साबित करने की कोशिश की। और अब वह सभी कोर्ट से कह रहे हैं कि मुझे उनकी फिल्मों की समीक्षा करने से रोकें। यह ईमानदारी की ताकत है। उनके पास 100 भ्रष्ट क्रिटिक्स हैं, लेकिन फिर भी वे एक ईमानदार क्रिटिक्स की समीक्षा से डरते हैं।'
अपने आखिरी ट्वीट में केआरके ने लिखा है, 'आज मेरा सवाल डीएसके के वकीलों से जिन्होंने मीडिया को बताया कि उन्होंने फिल्म राधे की समीक्षा करने के लिए मानहानि का मुकदमा दायर नहीं किया था। अगर डीएसके के झूठे लोगों ने कोर्ट से मुझे फिल्मों की समीक्षा करने से रोकने के लिए नहीं कहा तो कोर्ट ने मुझे फिल्मों की समीक्षा नहीं करने के लिए कैसे कहा? यानी मानहानि का मामला सिर्फ मेरी समीक्षाओं को रोकने के लिए है।'