'पोखरण 2' पर जॉन अब्राहम की फ़िल्म दिसंबर में होगी रिलीज़, जानिए क्या है ख़ास
इस फ़िल्म को जॉन अब्राहम KriArj Entertainment के साथ मिलकर प्रोड्यूस कर रहे हैं, जबकि इसके डायरेक्टर अभिषेक शर्मा हैं, जो पॉलिटिकल कॉमेडी फ़िल्म 'तेरे बिन लादेन' बना चुके हैं।
मुंबई। 1998 में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण की कहानी को पहली बार पर्दे पर लेकर आ रहे हैं जॉन अब्राहम। फ़िल्म की शूटिंग जल्द शुरू होने वाली है और इसी साल दिसंबर में इसकी रिलीज़ भी तय की गई है।
इस फ़िल्म को जॉन अब्राहम KriArj Entertainment के साथ मिलकर प्रोड्यूस कर रहे हैं, जबकि इसके डायरेक्टर अभिषेक शर्मा हैं, जो पॉलिटिकल कॉमेडी फ़िल्म 'तेरे बिन लादेन' बना चुके हैं। फ़िल्म का शीर्षक 'शांतिवन' रखा गया है और इसकी शूटिंग 20 अप्रैल से शुरू हो रही है। 'शांतिवन' इसी साल 8 दिसंबर को रिलीज़ की जाएगी। इसकी पटकथा साइविन क्वेडरस और संयुक्ता चावला शेख ने लिखी है। फ़िल्म में जॉन का रोल क्या होगा, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है। जॉन इससे पहले पॉलिटिकल थ्रिलर फ़िल्म 'मद्रास कैफ़े' बना चुके हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का साजिश से प्रेरित फ़िल्म थी। इस फ़िल्म में जॉन ने इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारी का किरदार निभाया था।
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जॉन की तरफ से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है- मैं फ़िल्में प्रोड्यूस करने में जल्दबाज़ी नहीं करता। मैं ऐसे विषयों की तलाश में रहता हूं, जो ध्यान खींचने वाले हों। ऐसी कहानियों को खोजने में वक़्त लगता है, जो मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक मिज़ाज को प्रतिविम्बित करें।
क्या है पोखरण 2:
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मई 1998 में भारत ने भारतीय सेना की पोखरण टेस्ट रेंज में लगातार पांच परमाणु परीक्षण किए थे। पहली बार परमाणु परीक्षण मई 1974 में किए गए थे। इसीलिए 1998 में किए गए परीक्षणों को पोखरण 2 के नाम से जाना गया। उपलब्ध जानकारी के मुताबिक़, पोखरण 2 में जो पांच टेस्ट किए गए थे, उनमें से पहला फ्यूज़न बॉम्ब था, जबकि बाक़ी चारों फिशन बॉम्ब थे। बता दें कि फ्यूज़न में फिशन के मुक़ाबले अधिक ऊर्जा पैदा होती है।
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पोखरण का कोड नेम 'स्मालिंग बुद्धा' था, जबकि पोखरण 2 को 'ऑपरेशन शक्ति- 98' कोड नेम दिया गया था। ये परीक्षण 11 मई से 13 मई तक चले थे, जिन्हें शक्ति 1 से शक्ति 5 तक नाम दिए गए थे। इन परमाणु परीक्षणों के बाद भारत ने ख़ुद को पूरी तरह परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र घोषित कर दिया था। हालांकि परीक्षणों से नाराज़ कई देशों ने भारत पर तमाम प्रतिबंध लगाए थे। ऐसे देशों में जापान और अमेरिका भी शामिल थे।