Move to Jagran APP

इरफान खान की फिल्म से प्रभावित होकर बीहड़ में चला गया थे शख्स, फिर 2 साल में कर दिखाया ये काम

Irrfan Khan Film Paan Singh Tomar इरफान खान की फिल्म पान सिंह तोमर को देखकर एक शख्स इतना प्रभावित हुआ कि वो बीहड़ में चला गया था।

By Mohit PareekEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 06:44 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 06:46 PM (IST)
इरफान खान की फिल्म से प्रभावित होकर बीहड़ में चला गया थे शख्स, फिर 2 साल में कर दिखाया ये काम
इरफान खान की फिल्म से प्रभावित होकर बीहड़ में चला गया थे शख्स, फिर 2 साल में कर दिखाया ये काम

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर इरफान ने कई फिल्मों में अभिनय किया, लेकिन पान सिंह तोमर करियर की एक ऐसी फिल्म रही, जिसने काफी सुर्खियां बटोरीं। आज भी इरफान खान की बेस्ट फिल्मों की बात की जाए तो पान सिंह तोमर का नाम सबसे ऊपर आता है। फिल्म अभिनय, लेखन, फिल्मांकन, निर्देशन की तरह से काफी अच्छी फिल्म थी और इस फिल्म के लिए इरफान को बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था। फिल्म सिर्फ इंटरनेटमेंट के लिहाज से ही खास नहीं थी, बल्कि फिल्म की कहानी काफी प्रभावित करने वाली भी थी।

prime article banner

जी हां, एक शख्स को यह फिल्म इतनी पसंद आई कि वो प्रभावित होकर चंबल के जंगलों में निकल पड़े और उन्होंने बीहड़ के राजा माने जाने वाले बागियों से मुलाकात की। ये शख्स राजस्थान के टोंक के रहने वाले हैं, जिनका नाम है विष्णु लांबा। ऐसे तो विष्णु लांबा 'ट्री मैन ऑफ इंडिया' के नाम से जाने जाते हैं, क्योंकि उन्होंने वो 5 लाख पौधे लगा चुके हैं। लेकिन, इरफान खान की पान सिंह तोमर की बात करें तो विष्णु लांबा ने जब पान सिंह तोमर फिल्म देखी तो काफी प्रभावित हुए और बागियों से मिलने के लिए चंबल के जंगलों में निकल गए और करीब दो साल तक दस्युओं या पूर्व दस्युओं के परिवार वालों से मिले।

विष्णु लांबा ने जागरण डॉट कॉम को बताया कि उनके अनुसार, दस्युओं और बागियों ने पर्यावरण के लिए काफी काम किया था और उन्होंने बीहड़ बचाए, जो आज खत्म होते जा रहे हैं। उन्होंने इरफान खान के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और बताया कि कैसे वो फिल्म से प्रभावित हुए और उन्होंने बीहड़ बचाने की मुहिम चलाई। विष्णु लांबा ने कहा, 'मैं हमेशा से पर्यावरण के क्षेत्र में काम करता रहा हूं। जब मैंने इरफान भाई की पान सिंह तोमर देखी तो काफी प्रभावित हुई और फिर मैंने बीहड़ में जाकर बागियों और दस्युओं से मिलने की ठानी।'

विष्णु लांबा ने आगे बताया, 'उसके बाद मैंने करीब 2 साल तक बीहड़ में जाकर दस्युओं या उनके घरवालों से मुलाकात की, जिसमें पान सिंह तोमर, मलखान सिंह जैसे कई नाम शामिल है। इसके बाद हमनें ऐसे 58 दस्युओं और उनके परिवार वालों को जयपुर में एक कार्यक्रम में बुलाया, जहां उन लोगों ने पर्यावरण के लिए काम करने का प्रण लिया था। उस दौरान सभी दस्युओं ने प्रण लिया था, 'हमने पहले बीहड़ बसाया और अब बचाएंगे बीहड़।' साथ ही उन्होंने कई बार इरफान खान से मुलाकात भी की और अपनी मुहिम के बारे में एक्टर को बताया। वहीं, एक्टर ने भी उनका काफी साथ दिया।

टोंक के विष्णु ने कहा, 'इरफ़ान भाई का टोंक से दिली और गहरा रिश्ता रहा। वे अपने महबूब शहर को कभी नहीं भूलते थे। जब भी टोंक आते तो बनास ज़रूर जाते, नद्दी से उनका गहरा लगाव था। वन और वन्य जीव संरक्षण उनके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते थे। नवाबी खानदान से ताल्लुक रखने के बावजूद वे शिकार के विरोधी थे।'  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.