International Yoga day 2019 : जब Kangna Ranaut के योग गुरु ने बता दिया था उन्हें कमजोर, ऐसे हुईं फिट
अभिनय के साथ कंगना रनौत अपनी फिटनेस के लिए भी जानी जाती हैं। सोशल मीडिया पर उनकी फिटनेस वाली फोटोग्राफ भी आती रहती हैं।
नई दिल्ली, स्मिता श्रीवास्तव। अभिनय के साथ कंगना रनौत अपनी फिटनेस के लिए भी जानी जाती हैं। सोशल मीडिया पर उनकी फिटनेस वाली फोटोग्राफ भी आती रहती हैं। योग के प्रति उनका झुकाव लंबे समय है। योग दिवस पर उन्होंने योग से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत....
आपके जीवन में योग की क्या अहमियत रही है?
मैं 16 साल की थी जब मुंबई में मेरी मुलाकात योग गुरु सूर्य नारायण से हुई। उस समय वह भी संघर्षरत थे। उन्होंने मुझे योग की अहमियत के बारे में बताया। उस वक्त योग के बारे में देश-विदेश में जागरुकता फैलना शुरू हो चुकी थी। बाबा रामदेव जोर-शोर से योग का प्रचार कर रहे थे। शुरुआत में मुझे लगता था कि योग नहीं मार्शल आटर्स सीखनी चाहिए है। मेरे योग गुरु ने कहा कि आपका शरीर काफी कमजोर है। आप खेलों से जुड़ी नहीं रही है और सीधे मार्शल आर्ट सीखना चाहती हैं। दरअसल, वह फाइट मास्टर रह चुके थे। वह स्टंट मैन बनने के लिए संघर्षरत थे। उन्होंने मुझसे कहा कि आपको अपनी स्ट्रेंथ बढ़ानी होगी।
'मैंने बेमन से योग करना आरंभ किया। उसके बाद मैंने शरीर में कई बदलाव देखे। पहले अगर मैं किक बॉक्सिंग वगैरह करने की कोशिश करती थी तो मुझसे हो नहीं पाता था। मैं थक जाती थी। योग करने के छह महीने के बाद मेरे शरीर में काफी स्ट्रेंथ आई। उसके बाद किसी प्रकार का डांस वगैरह करने में मुझे दिक्कत नहीं आई। योग आपके शरीर को फिट रखने के साथ शरीर को लचीला बनाता है। पिछले 13 वर्ष से मैं योग नियमित रूप से करती हूं। यह शरीर को निरोगी रखने के साथ एकाग्रचित करता है'।
आजकल हॉट योग वगैरह भी आ गए हैं। आप किस प्रकार के योग को तरजीह देती हैं?
मुझे यह सब योग का कमर्शियलाइजेशन लगता है। आजकल हॉट योग, बीयर योग, हैंगिग योग, एरियल योग जैसे कई फार्म के बारे में सुनने को मिलता है। मुझे ये सब यह सब योग के बिगड़े स्वरुप लगते हैं। योग में तामझाम की आवश्यकता नहीं होती। सिर्फ एक चटाई की आवश्यकता होती है। योग के आठ अंग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि हैं। मैं इन्हें ही फॉलो करती हूं।
योग के साथ खान-पान भी काफी अहम होता है। खानपान को लेकर कुछ खास नियम बना रखे हैं?
साइंस में आजकल अजीबोगरीब स्थिति है। कभी कहेंगे कि फलां चीज आपके स्वास्थ्य के लिए सही है। फिर कहेंगे नहीं नहीं। दरअसल सर्वे बदलते रहते हैं। मैं अपने शास्त्रों में बताई गई चीजों में यकीन रखती हूं। उनकी मान्यता हमेशा से कायम है। अब उसे अलग-अलग नाम दिए जा रहे हैं। मिसाल के तौर पर हम जो उपवास में खाते हैं उसे वीगन डाइट नाम से दिया गया है। मेरी कोशिश ज्यादा फल खाने की होती है। उसके अलावा अच्छा पका हुआ खाना खूब चबाकर खाती हूं। कोशिश होती है कि देर रात खाना न खाऊं। गलत खानपान का असर शरीर पर पडऩा स्वाभाविक है। उस स्थिति में मोटापा से बचा नहीं जा सकता है। उसके लिए स्वस्थ जीवनशैली बहुत जरुरी है।
आपको लगता है कि योग को लेकर लोग ज्यादा जागरुक हुए हैं?
तरक्की के साथ हमारी जीवनशैली भी बदली है। अब समय और श्रम बचाने वाले तमाम उपकरण उपलब्ध हैं, चाहे कपड़ा धोने की मशीन हो या साफ सफाई की मशीन। लोग अब गाड़ी से सफर करते हैं। एयर कंडीशन में रहना पसंद करते हैं। उनकी शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं। ऐसे में डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा है। ऐसे में स्वास्थ्य और योग के प्रति जागरुकता जरूरी है।
फिटनेस पर कोई किताब लिखने या एप लांच का इरादा है?
फिलहाल तो ऐसा कोई इरादा नहीं है।
आपके ट्रेनर ने कौन से आसन ज्यादा उपयोगी बताए?
मैंने योग सीख लिया है। मैंने अपना चार्ट बनाया है। मुझे पता है कि तनाव की स्थिति में मेरे शरीर पर सबसे ज्यादा असर कहां होता है। अगर मैं कोई भारी चीज उठाती हूं या लंबे समय तक खड़ी रहती हूं तो मेरे पीठ में दर्द होता है। ऐसे मेरे लिए कौन से आसन सही हैं।
फिल्मों की व्यस्ततता के बीच स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रख पाती हैं?
यह काफी कठिन होता है। फिटनेस तपस्या की तरह है। अगर मुझे ज्यादा काम करना है तो अपने एनर्जी लेवल, फिटनेस लेवल को बढ़ाना होगा। अगर आप लगातार एकसमान एक्सरसाइज करते हैं तो वक्त के साथ अभ्यस्त हो जाते हैं। बहरहाल, हम अकेले नहीं होते हमारे पास सपोर्ट सिस्टनम होता है। वह भी काफी मददगार होता है। मेरे एक और ट्रेनर योगेश भी मेरी उसमें मदद करते हैं।
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